Cheetah in India : भारत में 400 साल बाद फिर से दिखेंगे चीते, नामीबिया से कैसे भारत लाया जा रहा चीतों का समूह…

Cheetah in India : भारत में 400 साल बाद फिर से दिखेंगे चीते, नामीबिया से कैसे भारत लाया जा रहा चीतों का समूह…

मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में आएंगे चीते

जमीन पर भागने वाला सबसे तेज़ जानवर चीता अब भारत में ना के बराबर दिखाई देता है, पर अब मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में जल्द ही देशवासियों को अफ्रीकी चीतों का दीदार करने का अवसर मिलेगा। यह चीते नामीबिया से भारत लाए जा रहे हैं। भारत आ रहे चीते मेडिकल चेकअप के बाद एक नामीबिया के सूखे वन में बिंदास घूमते दिख रहे हैं। चीतों के भारत आने की तैयारियां नामीबिया में अंतिम दौर में हैं जबकि भारत भी चीतों के स्वागत के लिए पूरी तरह तैयार है। नामीबिया से आठ चीतों के समूह को कार्गो प्लेन के जरिये भारत के ग्वालियर एयरपोर्ट तक लाया जायेगा जहां से उन्हें चॉपर के जरिए कूनो नेशनल पार्क ले जाया जाएगा। सभी आठ चीते 17 सितम्बर तक भारत पहुँच जाएंगे।

Also read- Hand Transplant Surgery : काम के दौरान गवाएं दोनों हाथ, अब लड़की का हाथ जोड़ कर रहे सारे काम.

ग्वालियर में उतरेंगे आठ चीते

इन सभी आठ अफ्रीकी चीतों को एक खास कार्गो विमान से भारत लाया जा रहा है। विमान आज 16 सितम्बर को नामीबिया से भारत के लिए उड़ान भरेगा और कल 17 सितम्बर को ग्वालियर में लैंड करेगा। चीता प्रोजेक्ट के प्रमुख एसपी यादव के अनुसार विशेष चार्टर कार्गो फ्लाइट जो कि पहले जयपुर में उतरने वाली थी वह अब ग्वालियर में उतरेगी, फिर चीतों को ग्वालियर से हेलीकॉप्टर से कूनो नेशनल पार्क श्योपुर लाया जाएगा। नामीबिया से जो विमान चीतों को लेकर आ रही उस विमान की तस्वीरें हाल ही में एयरलाइन कंपनी ने ट्वीट कर शेयर की हैं। इस फ्लाइट को स्पेशल फ्लैग नंबर 118 दिया गया है, दूसरी तरफ विमान में चीते की एक आकर्षक पेंटिंग भी बनी हुई है।

प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर चीतों को छोड़ा जाएगा कूनो नेशनल पार्क में

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) अपने जन्मदिन के अवसर पर चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ेंगे। पीएमओ (PMO) के अनुसार कुनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों को लाना प्रधानमंत्री का भारत के वन्य जीवन और वन्य जीवों के आवास को पुनर्जीवित करने एवं इसको विकसित करने का एक प्रयास है। प्रधानमंत्री द्वारा जंगली चीतों को रहने के लिए खुला छोड़ना एक सराहनीय प्रयास है जो आने वाले समय में भारतीय वनों की शोभा बढ़ाएगा।

सफर के दौरान चीतों को रखा जायेगा भूखा

 जेएस चौहान जो मध्य प्रदेश के मुख्य वन संरक्षक हैं, उन्होंने बताया है कि लंबे सफर के कारण आमतौर पर जानवरों में खाने के बाद मतली की समस्या पैदा होने लगती है। इसके कारण चीतों की हालात गंभीर हो सकती है। जिस वजह से इस सफर के दौरान चीतों को भूखा रखा जाएगा।

भारत में आखरी बार कब देखा गया था चीता?

1952 में भारत सरकार ने देश में चीतों को विलुप्त जाती करार दे दिया था। 1948 में छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के वन में आखिरी बार चीता देखा गया था। इसके बाद आधिकारिक रूप से भारत में कभी चीते नहीं देखे गए हैं, जबकि कुछ वर्षों तक लोग यह दावा करते रहे कि चीता देखा गया है। हालांकि, उनका कोई रेकॉर्ड नहीं है। कुछ तथ्यों के अनुसार मध्य प्रदेश में चीतों का अंतिम शिकार हुआ था और 74 साल बाद चीतों का नया घर भी मध्य प्रदेश में होगा।

Also read- ADANI का अगला TARGET RELIANCE | एशिया के सबसे अमीर आदमी की नजर अब रिलायंस पर….

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here