जानिए क्या है FIFA World Cup का गोल्डन बूट अवार्ड
फीफा वर्ल्डकप (FIFA World Cup) फुटबॉल का वो त्यौहार है जिसका इंतजार उस हर शख्स को रहता है जो फुटबॉल प्रेमी है. इस फुटबॉल खेल में दुनिया की 30 से ज्यादा टीम के 831 खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं और जी-जान से अपनी टीम को जीतने की कोशिश करते हैं. वहीं इस फीफा वर्ल्डकप में एक अवार्ड दिया जाता है और इस अवॉर्ड का नाम गोल्डन बूट, सिल्वर बूट और ब्रांज बूट है। वहीं इस पोस्ट के जरिये हम आपको इस बात की जानकारी देने जा रहे हैं कि ये अवार्ड किसे मिलता है और किस तरह से खिलाडी इस अवार्ड कैसे पा सकता है.
फूटबाल में बूट है सबसे बड़ा प्राइज
फीफा वर्ल्डकप में दिया जाने वाला गोल्डन बूट, सिल्वर बूट और ब्रांज बूट अवॉर्ड उसी प्लेयर को मिलता है, जो पूरे टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा गोल करेगा। वहीं इस अवार्ड को पाने के लिए इस फीफा वर्ल्डकप में हिस्सा लेने वाली टीम का कोई भी खिलाडी जो सबसे ज्यादा गोल करता है तो उसे ये इनाम दिया जाता है.
कब शुरू हुआ यह अवॉर्ड
इस अवार्ड की आधिकारिक शुरूआत 1982 में हुई थी। वर्ष 2006 तक इस अवार्ड का नाम गोल्डन शू था। इसके बाद 2010 के फीफा वर्ल्डकप में इस अवार्ड का नाम बदल गया और इस अवार्ड का नाम गोल्डन बूट कर दिया गया. वहीं ये अवार्ड फुटबॉल में दिया जाने वाला सबसे बड़ा अवार्ड है।
किसे मिलता है सिल्वर-ब्रांज बूट अवॉर्ड
फीफा वर्ल्डकप में दूसरे नंबर पर जिस खिलाड़ी ने सबसे ज्यादा गोल दागे हैं, वह सिल्वर बूट के अवार्ड से नवाजा जाता है वहीं तीसरे सबसे ज्यादा गोल करने वाले प्लेयर को ब्रांज बूट मिलता है.
27 खिलाड़ियों को मिल चुका है ये इनाम
फीफा वर्ल्डकप के इतिहास में अभी तक कुल 27 खिलाड़ियों को यह पुरस्कार मिल चूका है. वहीं फुटबॉल टूर्नामेंट में इस अवार्ड की कीमत एक खिलाडी ही जानता है जो इस मैच में जी- जान लगाकर अपनी टीम को जीतने के लिए गोल करता है जिसकी वजह से इस अवार्ड को पाने के लिए खिलाडियों के बीच अलग ही उत्साह देखने को मिलता है.
गोल्डन बूट अवॉर्ड प्लेयर्स की सूची
1930 में अर्जेंटीना के गुइलेर्मो स्टैबाइल को 8 गोल करने पर मिला
1934 में चेक गणराज्या के ओल्डरिच को 5 गोल करने पर मिला
1938 में ब्राजील के लिओडिनास के 7 गोल करने पर मिला
1950 में ब्राजील के एडमिरे को 8 गोल करने पर दिया गया
1954 में हंगरी के सांडोर कोकसिस को 11 गोल करने पर मिला
1958 में फ्रांस के जस्ट फोन्टेन को 13 गोल करने पर मिला
1962 में हंगरी, रूस, ब्राजील, क्रोएशिया के चार प्लेयर्स को 4-4 गोल करने पर मिला
1966 में पुर्तगाल के इसेबिया को 9 गोल करने पर मिला
1970 में जर्मनी के गेराड मूलर को 10 गोल करने पर मिला
1974 में पोलैंड के ग्रजेगोर्ज लाटो को 7 गोल करने पर मिला
1978 में अर्जेंटीना के मारिआ कैंपस को 6 गोल करने पर मिला
1982 में इटली के पाउलो रॉसी को 6 गोल करने पर मिला
1986 में इंग्लैंड के ग्यारी लिनेकर को 6 गोल करने पर मिला
1990 में इटली के साल्भाटोर सिलाची को 6 गोल करने पर मिला
1994 में रूस के ओलेग सालेन्को को 6 गोल करने पर मिला
1998 में क्रोएशिया के डावोर सुकर को 6 गोल करने पर मिला
2002 में ब्राजील के रोनाल्डो को 8 गोल करने पर मिला
2006 में जर्मनी के मिरोस्लाव क्लोजे को 5 गोल करने पर मिला
2010 में जर्मनी के थामस मुलर को 6 गोल करने पर मिला
2014 में कोलंबिया के जेम्स रॉड्रिग्स को 6 गोल करने पर मिला
2018 में इंग्लैंड के हैरी केन को 6 गोल करने पर मिला