“कहते हैं कि ईमानदारी का काम करने में सिर्फ मेहनत लगती है लेकिन बेईमानी का काम करने में मेहनत और जोखिम दोनों होता है!” ये लाइन है एक एक चोर के लिए जो एक ऐसी मेहनत करते हैं जिसमें जोखिम भी बहुत बड़ा है है साथ ही डर भी होता है कि वो पकड़ा गया तो ज़िन्दगी जेल की सलाखों के पीछे जा सकती है लेकिन इस डर मात दिया है कुछ ऐसे डकैतों ने जिन्होंने चलती हुई ट्रेन से 1 करोड़ नहीं 2 करोड़ नही बल्कि 300 करोड़ की चोरी कर डाली और ये इतिहास की सबसे बड़ी चोरी है.
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ट्रेन में हुई थी इतिहास की सबसे बड़ी चोरी
जिस चोरी को बारे में हम बात कर रहे हैं वो चोरी 8 अगस्त 1963 को हुई थी और ये चोरी 16 लुटेरों ने करी. इस रॉबरी की प्लानिंग 1 महीने पहले ही की जा चुकी थी. ब्रिटेन में एक रॉयल मेल नाम की ट्रेन थी जो कि एक डाक ले जाने वाली ट्रेन थी. 7 अगस्त 1963 को ये ट्रेन ग्लासगो से लंदन के लिए निकली और इस ट्रेन में पोस्ट ऑफिस के 72 कर्मचारी भी मौजूद थे. ये कर्मचारी ट्रेन के अंदर ही डाक छांटने का काम करते थे. ट्रेन को लगभग 12 घंटे बाद सुबह लंदन पहुंचना था. इस ट्रेन में कुल 12 बोगी थी और इंजन के ठीक पीछे HVP यानी हाई वैल्यू पैकेजेस कोच(High Value Packages) कोच था. जिसमें करीब 300 मिलियन पॉन्डस यानी आज के हिसाब से करीब 300 करोड़ रुपये थे. लेकिन इस ट्रेन को लुटने की प्लानिंग 1 महीने पहले ही की जा चुकी थी.
16 एक्सपर्ट लोगों ने दिया घटना का अंजाम
65 साल पहले हुई द ग्रेट ट्रेन रॉबरी (The Great Train Robbery) करने वाले मास्टर माइंड गॉर्डन गूडी (Garden Goody), बस्टर एडवर्ड ( Buster Edward) और ब्रूस रेनाल्ड (Bruce Raynold)थे. लेओम्कं इन्हें ट्रेन में रॉबरी एक्सपीरियंस नहीं था और इसके लिए ब्रिटेन के ही तीन और लोगों को इस रॉबरी में शामिल किया गया. जहाँ ये तीनों ट्रेन रॉबरी के माहिर थे. तो वहीं इस 300 करोड़ की चोरी के लिए एक पूर्व ड्राइवर साथ ही कॉर्डरे नाम के टेक्निशियन को भी इसमें शामिल किया गया, जिसका काम था रेलवे सिग्नल को खराब करना था और कुल मिलाकर 16 एक्सपर्ट लोगों का एक गैंग तैयार हुआ.
15 मिनट में हुई 300 करोड़ रुपये की चोरी
प्लान के अनुसार, ये 16 लुटेरे लंदन से कुछ घंटे पहले पड़ने वाले एक ट्रैफिक सिग्नल पर खड़े हो गए. उन्होंने सिग्नल की ग्रीन लाइट को एक पेपर से ढक दिया और उसके बाद बैटरी की मदद से रेड लाइट को ऑन कर दिया. ट्रेन 8 अगस्त की सुबह करीब 3 बजे ये इस सिग्नल पर पहुंची. 58 साल के जैक मिल्स (Jack Mills) ट्रेन चला रहे थे, तभी रास्ते में लाल सिग्नल देख उन्होंने तुरंत ट्रेन को रोक दिया.ट्रेन के रुकते ही सभी लुटेरे ट्रेन के अंदर दाखिल हुए. इनमें से एक ने इंजन में जाकर ड्राइवर जैक के सिर पर लोहे की रॉड से जोरदार वार कर उन्हें बेहोश करके इंजन के पीछे वाली बोगी में पहुंच गए जहां 128 बॉक्स के अंदर 3 सौ मिलियन पॉन्ड यानी करीब 300 करोड़ रुपये थे. प्लान के मुताबिक लुटेरों ने बाहर एक ट्रक को पहले से ही तैयार रखा था. लुटेरों ने मात्र 15 मिनट में इन बक्सों को ट्रक में लाद दिया और फिर उन्हे लेकर फरार हो गए.
कई सालों बाद पकडे गए चोर
लेकिन कहते हैं कि बेईमानी का काम बेईमानी का ही होता है आखिर पुलिस छानबीन के दौरान कुछ सालों बाद लुटेरों को पकड़ने में कामयाबी मिली, लेकिन ट्रेन से चोरी हुआ सारा पैसा कभी वापस नहीं मिल पाया. इस रॉबरी को इतिहास की सबसे बड़ी लूट बताया गया क्योंकि ये चोरी 300 करोड़ की थी. और इस रॉबरी को द ग्रेट ट्रेन रॉबरी (The Great Train Robbery)के नाम ससे जाना जाता है.