हम सब जानते है कि सिख अपने धर्म को लेकर कितने सवेदनशील है. उनके लिए सबसे पहले उनका धर्म आता है. सिखों के 10 गुरु थे. सिखों के 10वें और अंतिम गुरु ने अपने जीवन के अंतिम पलों में आगे किसी भी व्यक्ति को गुरु न मानकर गुरु ग्रन्थ साहिब को अपना गुरु मानने का आदेश दिया था. श्री गुरु ग्रन्थ साहिब में सारे सिख गुरुओं की आज्ञाएँ लिखी हुई है. विश्व के सभी सिखों के लिए गुरु ग्रन्थ साहिब ही उनका गुरु है. कोई भी सिख कभी बर्दाश नहीं कर सकता कि उनके धर्म, गुरुओं, गुरु ग्रन्थ साहिब, कृपान या धर्मिक स्थल का पमन कभी बर्दाश नहीं कर सकते. इसकी चलते पंजाब में एक कानून भी बनाया गया है जिसमें बेअदबी करने पर सजा दी जाती है. इस कानून में सिखों की धार्मिक भावना की रक्षा की जाती है.
दोस्तों, आईये आज हम आपको बताएंगे कि पंजाब में बेअदबी के लिए क्या कानून है, बेअदबी क्या होता है और इसकी शुरुवात कैसे हुई थी.
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बेअदबी क्या है ?
बेअदबी से का अर्थ यह है, सिखों की किसी धार्मिक वस्तु या किसी धार्मिक ग्रंथ का अपमान करना, उसके साथ छेड़खानी करना, या उसके खिलाफ अपशब्द बोलना बेअदबी में गिना जाता है. सिख धर्म में धार्मिक गुरु ग्रंथ साहिब, निशान साहिब समेत पगड़ी, कृपाण होता है. इनके अपमान को बेअदबी कहा जाता है. सिख अपने धर्म को लेकर बहुत संवेदनशील हैं, वह अपने धर्म का अपमान कभी बर्दाश नहीं कर सकते है.
बेअदबी को लेकर पंजाब में क्या है कानून
हम आपको बता दे कि बेअदबी में मानले में कार्यवाही करने के लिए 2015 में एक बिल पास किया गया था. इस विधेयक में IPC में 295 A धारा जोड़ी गयी थी. यह धारा गुरु ग्रन्थ साहिब का अपमान करने पर आजीविका कारावास की सजा देती है. जिसके बाद 2018 में इस विधेयक में संशोधन किया गया था, लेकिन यह विधेयक अभी तक राज्य में लागू नहीं हुआ है. इस विधेयक को अगर कानून की शक्ल देते है तो पवित्र ग्रन्थ कुरान, बायबल और गीता के अपमान पर भी उम्र कैद की सजा का प्रावधान होगा.
अभी बेअदबी के मामले में फांसी की सजा देने की मांग चल रही है. अभी इस मामले में धारा 295 और 295 A के तहत मामला दर्ज किया जाता है. कोर्ट में सजा साबित होने पर 3 साल की सजा दी जाती है. इसको भी अलग अलग हिस्सों में बनाया गया है. गुरूद्वारे या कोई धार्मिक वास्तु का अपमान करने पर 2 साल की सजा और गुरु ग्रन्थ साहिब का अपमान करने पर 3 साल की सजा का प्रावधान है.
बेअदबी का मामला कब ज्यादा उठा
बेअदबी का मामला सबसे ज्यादा तब उठा था, जब 1 जून 2015 को दोपहर के समय पंजाब के बरगाड़ी से करीब 5 किमी दूर गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाले में स्थित गुरु गुरूद्वारे से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पवित्र स्वरूप की चोरी हो गई थी. 25 सितंबर 2015 को बरगाड़ी के गुरु७द्वरे के पास हाथ से लिखे दो पोस्टर लगे थे. ये पंजाबी भाषा में लिखे गए थे. आरोप है कि पोस्टर में अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया था और इन स्वरूपों की चोरी में सिखों को खुलेआम चुनौती दी गई थी. यह सिखों को धार्मिक भावना के साथ खिलवाड़ हो रहा था.
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