होली के बाद मनाया जाएगा रंगपंचमी का त्यौहार
भारत में जहाँ 7 और 8 मार्च को होली (Holi 2023) का त्यौहार मनाया जाएगा. जहाँ होली के मौके पर सभी लोग एक-दूसरे पर रंग लगाते हैं तो वहीं इस त्यौहार के बाद देश में रंग पंचमी (Rang Panchami) का त्यौहार मनाया जाता है. वहीं इस पोस्ट के जरिए हम आपको इस रंग पंचमी त्यौहार (Rang Panchami festival) को लेकर खास जानकारी देने जा रहे हैं.
इस दिन मनाया जायेगा रंग पंचमी का त्यौहार
हिंदू धर्म में रंग पंचमी का विशेष महत्व है और यह पर्व होली के पांच दिन बाद मनाया जाता है. जहाँ इस होलिका दहन 7 मार्च को और रंग वाली होली 8 मार्च को खेली जाएगी. तो वहीं 12 मार्च 2023 को रंगपंचमी का त्योहार मनाया जाएगा.
क्या है इस त्यौहार को लेकर मान्यता
इस रंगपंचमी के त्यौहार को लेकर मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने राधारानी के साथ होली खेली थी. इसी कारण इस दिन विधि-विधान से राधा-कृष्ण का पूजा करने के बाद गुलाल आदि अर्पित करके खेला जाता है. दूसरी पौराणिक कथा के अनुसार, होलाष्टक के दिन भगवान शिव ने कामदेव को भस्म कर दिया था जिसके कारण देवलोक में सब दुखी थे. लेकिन देवी रति और देवताओं की प्रार्थना पर कामदेव को दोबारा जीवित कर देने का आश्वासन भगवान शिव ने दिया तो सभी देवी-देवता प्रसन्न हो गए और रंगोत्सव मनाने लगे. इसके बाद से ही पंचमी तिथि को रंगपंचमी का त्योहार मनाया जाने लगा. इस दिन देवी-देवताओं के साथ होली खेली जाती है। इस दिन शास्त्रों के अनुसार, देवी-देवताओं को समर्पित रंग पंचमी के इस पर्व को देव पंचमी भी कहा जाता है और देवी-देवताओं को साथ होली खेलने पर वे सुख-समृद्धि और वैभव का आशीर्वाद देते हैं.
रंग पंचमी का महत्व
होली के पांचवे दिन मनाया जाने वाले इस त्योहार के दिन घरों में विशेष भोजन बनाया जाता है, जिसे पूरन पोली कहा जाता है। रंग पंचमी के महत्व को देखते हुए इसका एक और नाम प्रचलित है, जिसे श्रीपंचमी कहा जाता है। इस दिन देवताओं संग रंग गुलाल खेलने पर घर में श्री अर्थात धन समृद्धि की वृद्धि होती है। वहीं इस त्यौहार पर शरीर पर रंग नहीं लगाकर बल्कि रंग को हवा में उड़ाया जाता है और जब रंग हवा में उड़ता है, तब तमोगुण और रजोगुण का नाश होता है। इनके नाश होने के बाद सतोगुण में वृद्धि होती है.
इन जगहों पर मनाया जाता है ये त्यौहार
ये रंग पंचमी का त्योहार प्रमुख रूप से महाराष्ट्र में मनाया जाता है. इसी के साथ महाराष्ट्र के अलावा राजस्थान, मध्यप्रदेश में भी मनाया जाता है. वहीँ इस रंगपंचमी के त्यौहार को होली का अंतिम दिन माना जाता था और इसके बाद कोई रंग नहीं खेलता था।