जानिए होली देहन की कथा
8 मार्च को देशभर में होली का त्यौहार मनाया जाना है लेकिन इस होली के त्यौहार से पहले होलिका दहन का पर्व मनाया जायेगा. होलिका दहन वो दिन है जब भगवान विष्णु की कृपा से प्रहलाद बच गए और होलिका खुद अग्नि में जल गई थी। पौराणिक कथाओं अनुसार, जब हिरण्यकश्यप की बहन होलिका ने प्रह्लाद को जलाने की कोशिश की थी लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रहलाद बच गए और होलिका खुद अग्नि में जल गई थी। नारद पुराण के अनुसार हिरण्यकश्यप नामक एक राक्षस था। वो खुद को ईश्वर से भी बड़ा समझता था और चाहता था कि हर कोई उसकी ही पूजा करे। लेकिन उसका खुद का पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त था और इस वजह से हिरण्यकश्यप को ये बात बिल्कुल भी पसंद नहीं थी कि उनका पुत्र भगवान विष्णु की भक्ति करें. इसी बात को लेकर उसने अपने पुत्र को भगवान की भक्ति से हटाने के लिए कई सारे प्रयास करें लेकिन प्रह्लाद ने भगवान विष्णु भक्ति नहीं छोड़ी.
हिरण्यकश्यप ने ली होलिका की मदद
बेटे की भक्ति को देखते हुए हिरण्यकश्यप ने अपने ही बेटे को जान से मारने का विचार कर लिया लेकिन राक्षस हिरण्यकश्यप इसमें भी सफल नहीं हो सका. कई बार असफल होने के बाद अत्याचारी हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका से मदद ली जिसे ये वरदान प्राप्त था कि उसे आग कभी जला नहीं सकेगी। प्रह्लााद को गोद में लेकर होलिका चिता पर बैठ गई।प्रह्लाद को अग्नि में लेकर बैठी होलिका खुद जलकर भस्म हो गई. वहीं भगवान विष्णु के भक्त प्रह्लाद को कुछ भी नहीं हुआ और तभी इस पर्व की शुरुआत हुई और इस त्यौहार को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना गया.
वहीं होलिका दहन के मौके पर आप अपने खास दोस्तों, रिश्तेदारों को इस खास त्यौहार पर ये मेसेज कर बधाई दे सकते हैं.
2. होलिका दहन के मौके पर आनंदमय स्वस्थ और खुशहाल जीवन की प्रार्थना करते हैं.
3. होलिका दहन की शुभकामनाएं, यह त्यौहार आपके जीवन में सभी खुशियों के रंग लाए!
4 होलिका दहन की शुभकामनाएं, बुराई पर अच्छाई की जीत.
होलिका दहन की शुभकामनाएं, यह जीवन को रंग, उत्साह और अलाव के साथ मनाने का समय है!