सूर्य ग्रहण की वजह से बदला भाई दूज के त्यौहार का तय समय
भारत में इस साल भाई दूज (Bhai Dooj 2022) का त्यौहार तय समय पर नहीं मनाया जायेगा. दरअसल, इस बार दिवाली के अगले दिन सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) है. भारत (India) में 27 साल बाद 25 अक्तूबर को 4:03 बजे सूर्य ग्रहण लग रहा है, जो 5:27 बजे तक रहेगा। यह सूर्यग्रहण आंशिक होगा। संध्या 5:07 बजे सूर्यास्त होगा। वहीं 24 अक्तूबर दीपावली की रात्रि में ही ग्रहण का सूतक लग जाएगा। जिसकी वजह से दिवाली के बाद तय त्यौहार के समय और तारिख बदलाव हुआ है.
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इस दिन मनाया जायेगा भैया दूज का त्यौहार
सूर्य ग्रहण की वजह से इस बार का भैया दूज का त्यौहार 26 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा. एक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल भाई दूज का पर्व बेहद शुभ संयोग में मनाया जाएगा, इस दिन गोवर्धन पूजा और अन्नकूट भी है. भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के बीच अटटू प्रेम और पवित्रता रिश्तों को दर्शाता है.
भैया दूज का त्यौहार का शुभ मुहूर्त
भाई दूज 2022 का त्यौहार कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि 26 अक्टूबर 2022, दोपहर 02.42 से शुरू होगा और कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि 27 अक्टूबर 2022, दोपहर 12.45 समाप्त होगा.
भाई दूज का पूजा मुहूर्त
दोपहर 01.18 – दोपहर 03.33 (26 अक्टूबर 2022)
विजय मुहूर्त- दोपहर 02:03 – दोपहर 02:48
गोधूलि मुहूर्त – शाम 05:49 – शाम 06:14
जानिए पूजा की विधि
भाई दूज वाले दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान कर सूर्य देव को अर्घ्य दें और उसके बाद भाई दूज की पूजा शुभ मुहूर्त में ही करें. बहन भाई को एक चौकी पर बिठाएं और फिर कुमकुम से तिलक कर अक्षत लगाएं. टीका करते हुए ये मंत्र बोलें -‘गंगा पूजे यमुना को यमी पूजे यमराज को, सुभद्रा पूजा कृष्ण को, गंगा-यमुना नीर बहे मेरे भाई की आयु बढ़े.तिलक करने के बाद भाई को मिठाई खिलाएं और यम देवता से भाई की लंबी आयु की कामना करें.
भाई दूज पर तिलक लगाने का महत्व
तिलक विजय, पराक्रम और सम्मान का प्रतीक माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार तिलक लगाने से व्यक्ति की स्मरण शक्ति बढ़ती है. निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि होती है. तिलक के ऊपर चावल लगाने से मानसिक शांति मिलती है. इस दिन बहन अपने भाई को तिलक कर उनकी रक्षा, लंबी उम्र और उन्नति की कामना करती हैं. भाई उन्हें उपहार देते हैं.