सुबह या शाम के समय हम जब भी घर में भगवान की पूजा-अर्चना करते हैं तब मंदिर में दीप (ज्योति) या धूप जरुर जलाते हैं. हिन्दू धर्म में भगवान की पूजा के दौरान दीप-धूप जलाने को आस्था का प्रतीक माना गया है. प्रचीन समय में जहाँ यग करने के लिए मंत्रो के जरिए अग्नि उत्पन की जाती हैं तो अब के समय में माचिस के जरिए मंदिर में दीप या धूप जलाई जाती है. कई लोग ऐसे होते हैं जो धूप जलाने के लिए माचिस को पूजा घर में ही रख देते हैं साथ ही कई लोग जली हुई माचिस की तिल्ली भी वहीं रख देते हैं लेकिन ऐसा करना सही नहीं है इससे कई सारे नुकसान हो सकते हैं. वहीं इस पोस्ट के जरिए हम आपको इस बात की जानकारी देने जा रहे हैं कि घर के मंदिर में माचिस क्यों नहीं रखनी चाहिए.
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माचिस की वजह से आती है नेगाटिविटी
घर के मंदिर में धूप या दीप जलाने के लिए माचिस को पूजा घर में रखना सही नहीं है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, माचिस में कई तरह की नकारात्मक शक्तियां होती है और पूजा घर के जरिए घर में पॉजिटिविटी आती है. वहीं पूजा के घर में जली हुई माचिस या माचिस रखने से घर में नकारात्मक शक्तियां आती है और इस वजह मंदिर घर या मंदिर वाले स्थान पर माचिस या जली हुई माचिस नहीं रखनी चाहिए.
इसी के साथ पूजा घर को पवित्र स्थान होता है और इस वजह से इस जगह को हमेशा साफ़ रखना चाहिए ताकि घर पॉजिटिविटी बनी रहे. वहीं इस वजह से पवित्र स्थान पर ज्वलनशील सामग्री रखना अशुभ है और इस वजह से घर में नेगाटिविटी आती है.
माचिस के कारण नहीं मिलता पूजा का फल
वहीं कहा ये भी जाता है कि पूजा घर में माचिस या जली हुई माचिस रखने से नेगाटिविटी तो आती ही है साथ ही पूजा करने का फल भी आपको नहीं मिलता है. वहीं अगर पूजा का शुभ फल पाना है तो माचिस को मंदिर में न रखें. वहीं घर में मंदिर में माचिस का इस्तेमाल करने के बाद उसे किचन या किसी और जगह रख सकते हैं. वहीं बेडरूम में भी माचिस नहीं रखनी चाहिए इससे दांपत्य जीवन प्रभावित होता है. वहीं पूजा का घर में मुरझाए हुए फूल न रखें. टूटी-फूटी मूर्ति ने रखें साथ ही रौद्र रूप भगवान की तस्वीर भी मंदिर में न रखें साथ ही एक भगवान की दो मूर्तियां न रखें और मंदिर में पूर्वजों की तस्वीर लगाना भी मना है.
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