4 मास के लिए निद्रा में होते हैं श्री हरि, जानिए इससे जुड़ी खास कथा
देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) से देवउठनी एकादशी (Devuthani Ekadashi) ये वो समय जब श्री विष्णु भगवान 4 मास (Chaturmas) के लिए निद्रा में होते हैं. देवशयनी एकादशी के दिन भगवन विष्णु निद्रा में चले जाते हैं और देवउठनी एकादशी के दिन निद्रा से उठते हैं. वहीं इस चातुर्मास को लेकर एक कथा है और इसी दौरान भगवान विष्णु 4 मास के लिए निद्रा में होते हैं.
जानिए क्या है चातुर्मास की कथा
ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, प्राचीन समय से एक बार योग निद्रा ने भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या करी और इस तपस्या से खुश होकर भगवान विष्णु ने उन्हें दर्शन दिए और वरदान मांगने के लिए कहा। तब योग निद्रा ने भगवान विष्णु से कहा कि भगवान आप मुझे अपने अंगों में स्थान दीजिए।वहीं अगर भगवान विष्णु उनकी ये इच्छा पूरी कर देते तो श्रीहरि के संपूर्ण शरीर पर योग निद्रा का अधिकार होता वहीं बहुत सोच विचार के बाद भगवान विष्णु ने अपनी आंखों में उन्हें स्थान दिया और कहा कि साल के 4 महीने आप मेरी आंखों में विराजमान रहेंगी। ऐसा माना जाता तभी से चातुर्मास में भगवान विष्णु योग निद्रा में जाते हैं। जिसके बाद से देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी एक बीच भगवन विष्णु निंद्रा में होते हैं.
4 महीने के रुक जाते हैं सभी मंगल कार्य
धर्म ग्रंथों के अनुसार, इस चातुर्मास के दौरन जब विष्णु भगवान निद्रा में होते हैं तब हिंदू धर्म में होने वाला तमाम तरह के शुभ कार्यों पर 4 महीने की रोक लग जाती है। वहीँ देवउठनी एकादशी के दिन समस्त प्रकार के शुभ व मांगलिक तरह के कार्यों ऊपर लगी रोक हट जाती है।
इस दिन मनाई जायेगी देवउठनी एकादशी
पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि यानि 03 नवंबर, गुरुवार की शाम 07:30 से शुरू होगी, जो 04 नवंबर, शुक्रवार की शाम 06:08 तक रहेगी। चूंकि एकादशी तिथि का सूर्योदय 4 नवंबर को होगा, इसलिए इसी तिथि पर ये व्रत किया जाएगा। वहीँ कहा जाता है कि इन योगों में की गई पूजा का शुभ फल बहुत ही जल्दी प्राप्त होता है।