आज पूरे भारत में जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जा रहा है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। जन्माष्टमी के दिन सुबह से ही श्री कृष्ण के मंदिरों में दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है। वृंदावन से लेकर राजस्थान और फिर गुजरात तक कई कृष्ण मंदिर हैं जहां आज भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना को देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी है। आइए जन्माष्टमी के पावन अवसर पर आपको भगवान कृष्ण के 6 सबसे लोकप्रिय और भव्य मंदिरों के बारे में बताते हैं।
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श्री रंछोद्रीजी महाराज मंदिर (गुजरात)
गुजरात में गोमती नदी के तट पर बना भगवान कृष्ण का यह भव्य मंदिर धार्मिक स्थलों में विशेष स्थान रखता है। इस मंदिर में सोने से बने 8 गुंबद और 24 मीनारें हैं। इस मंदिर के पास देवी लक्ष्मी का मंदिर भी है।
प्रेम मंदिर (वृंदावन)
भगवान कृष्ण का भव्य प्रेम मंदिर वृंदावन में स्थित है। रात के समय इस मंदिर से नज़ारा और भी मनमोहक होता है। यही वजह है कि रात में भी भक्तों की भीड़ नहीं छँटती। प्रेम मंदिर को बहुत ही अनोखे तरीके से सजाया गया है। बांके बिहारी मंदिर भी पास में ही स्थित है।
जगन्नाथ मंदिर (पुरी, उड़ीसा)
ओडिशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर भी भगवान कृष्ण के लोकप्रिय मंदिरों में से एक है। पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर 800 साल से भी ज़्यादा पुराना है। जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर लगा झंडा हमेशा हवा की विपरीत दिशा में लहराता है। यह एक बहुत ही रहस्यमयी मंदिर है। यहाँ आयोजित होने वाली जगन्नाथ रथ यात्रा में भाग लेने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।
इस्कॉन टेंपल (वृंदावन)
भगवान कृष्ण के इस्कॉन मंदिर देशभर में कई जगहों पर स्थापित हैं। लेकिन वृंदावन के इस्कॉन मंदिर की महिमा कुछ खास है। वृंदावन इस्कॉन मंदिर का निर्माण वर्ष 1975 में हुआ था। वृंदावन के इस्कॉन मंदिर में साल भर भक्तों की भीड़ लगी रहती है। जन्माष्टमी के पावन अवसर पर यहां का नजारा और भी भव्य होता है।
बालकृष्ण मंदिर (कर्नाटक)
दक्षिण भारत में कर्नाटक के हम्पी शहर में स्थित बालकृष्ण मंदिर बहुत ही अनोखे तरीके से बनाया गया है। इस मंदिर का नाम यूनेस्को की विश्व धरोहर वेबसाइट पर भी दर्ज है। इस मंदिर में कृष्ण का बाल रूप विराजमान है।
उडुपी श्री कृष्ण मठ (कर्नाटक)
तेरहवीं शताब्दी में निर्मित भगवान कृष्ण को समर्पित यह मंदिर कर्नाटक में स्थित है। इस मंदिर का बहुत महत्व है। ऐसी मान्यता हैं कि इस मंदिर के पास स्थित तालाब का पानी मंदिर को दर्शाता है।
श्रीनाथ जी मंदिर (राजस्थान)
राजस्थान के नाथद्वारा में स्थित श्रीनाथजी का मंदिर 12वीं शताब्दी में बनाया गया था। कहा जाता है कि इस मंदिर की मूर्तियों को मेवाड़ के राजा गोवर्धन की पहाड़ियों से औरंगजेब से बचाकर लाए थे। यह मंदिर अपनी मूर्तियों और कलाकृतियों के लिए भी जाना जाता है।
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