जनता भी समझने लगी है सरकार को
ऐसा क्या है उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और बिहार (Bihar) में जो नहीं है गुजरात (Gujarat) में ? चुनाव तो गुजरात, हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (New Delhi)में हुआ है तो फिर उत्तर प्रदेश और बिहार की बात क्यों ? वो इसलिए की उत्तर प्रदेश और बिहार ही वो राज्य हैं जो किसी को प्रधानमंत्री के पद पर बिठाता है। उत्तर प्रदेश और बिहार की बात करना यहां इसलिए भी जरुरी है क्यूंकि धीरे-धीरे लोकसभा का चुनाव भी नजदीक आ रहा है। आज देश में चुनावी माहौल थोड़ा शांत हुआ है। चुनाव आयोग, राजनीतिक पार्टियां और जनता आज चैन की सांस ले रही होगी, खासकर गुजरात विधानसभा चुनाव से जुड़े लोग। गुजरात की जनता ने ये साफ़ कर दिया की 27 साल बाद भी उनके चहते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और कमल का फूल यानि की BJP ही है। भाजपा ने भी राज्य में जिस तरह से ताबड़तोड़ रैलियां की और उन रैलियों पर जितना पैसा खर्च किया गया, उससे आपको साफ़ हो जायेगा की भाजपा भी गुजरात को लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहती।
भाजपा के लिए गुजरात थी ज्यादा जरुरी
बात की शुरुआत करते हैं चुनावी नतीजों से। गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा को जनता ने इस बार सबसे बड़ी जीत से नवाजा है वहीं हिमाचल प्रदेश और दिल्ली की जनता ने भाजपा को बहुमत से दूर खड़ा रख एक कड़ा संकेत दिया है। इस बात को अगर आने वाले लोकसभा चुनाव के नजरिए से देखा जाये तो भारतीय जनता पार्टी के लिए ये बात अच्छी नहीं है। भाजपा की बात करे तो एक तरफ जहां वो पूरे चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी को ये कहकर घेरने की कोशिश में लगी रही की गुजरात के चक्कर में दिल्ली की जनता को भूल गए हैं। दूसरी तरफ खुद भाजपा ने जिस तरह से दिल्ली और हिमाचल को भूल कर गुजरात की तरफ ध्यान दिया है उसे शायद हिमाचल प्रदेश और दिल्ली की जनता ने भी समझ लिया था।
- कांग्रेस और आप को भी मिला सबक
भाजपा को भी ये बात जल्द-से-जल्द समझ लेना चाहिए की वो जिस चीज पर ध्यान देंगे, ब्रह्माण्ड भी उन्हें वही चीज सौंपेगा। इसका उदाहरण एक तरह से इसी चुनाव में आपको कांग्रेस और आप भी देती हुई दिखेगी। कांग्रेस (Congress) ने इन राज्यों के चुनावों पर ध्यान देने से ज्यादा बेहतर भारत जोड़ो यात्रा को जनता के बीच पहुंचने को समझा तो इन राज्यों की जनता ने भी कांग्रेस पर कम ही ध्यान दिया। दूसरी तरफ आप (AAP) के अध्यक्ष अरविन्द केजरीवाल दिल्ली और गुजरात में ज्यादा फोकस्ड दिखे तो वहां जनता ने उन्हें क्षेत्रीय पार्टी से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दे दिया।
उत्तर प्रदेश दिखावे के दांत लेकिन भाजपा की असली ताकत है गुजरात
इससे एक बात तो साफ़ हो गई है की देश की जनता भी ये समझती है की कौन सी पार्टी उन पर कितना ध्यान देगी। इसी चीज को अगर आने वाले लोकसभा चुनाव के नजरिये से देखा जाये तो देश भर की जनता कही-न-कई भाजपा के इस आठ साल के शासन से ये तो जरूर समझ गई होगी वो किस पर कितना ध्यान देगी। भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी ने जिस तरह से गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान उत्सुकता दिखाई है उससे देश को और साफ़ हो जाना चाहिए की उत्तर प्रदेश, प्रधानमंत्री के दिखावे के दांत है लेकिन उनकी असली ताकत तो गुजरात ही है।
देश के केंद्र में बने रहने के लिए जरुरी है प्रधानमंत्री का पद
आप अगर भाजपा के चुनावी खर्चों पर भी ध्यान दे तो आपको ये बहुत हद तक साफ़ हो जायेगा की पूरे देश पर राज करने के लिए गुजारत की सत्ता प्रधानमंत्री मोदी के लिए कितनी जरुरी है। गुजरात की जनता भी प्रधानमंत्री का यह संघर्ष समझ रही थी इसी कारण भाजपा को अभी तक की सबसे बड़ी बहुमत सौंपी है। गुजरात की जनता भी जानती है की अगर देश भर में केंद्र बिंदु बने रहना है तो मोदी जी का प्रधानमंत्री के पद पर रहना जरुरी है। ये बात आकर यहीं पर अटक जाती है की अगर गुजरात, हिमाचल और दिल्ली की जनता इस बात को जब समझ सकती है तो एक दिन पुरे देश की जनता को भी इस चीज का आभास हो सकता है।
पिक्चर अभी बाकि है मेरे दोस्त
खासकर अगर उत्तर प्रदेश और बिहार की जनता को ये बात समझ आ गई की देश भर के दिमाग में बने रहना है तो केंद्र में अपना वयक्ति होना चाहिए तो प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा के लिए 2024 का लोकसभा चुनाव धोबी के कुत्ते जैसा हो जायेगा जो अंत में ना घर का रहता है और ना ही घाट का,…. क्योंकी आप सभी को पता है की प्रधानमंत्री पद का रास्ता उत्तर प्रदेश और बिहार से ही होकर जाता है। अब देखना दिलचस्प होगा की ये राजनीतिक पार्टियां इस चीज को कितना जल्दी और कितने बेहतर तरीके से समझ पाती हैं नहीं तो आपको शाहरुख़ खान का वो डायलॉग तो याद ही होगा “पिक्चर अभी बाकि है मेरे दोस्त !’