बिहार विधानसभा उपचुनाव में नीतीश नहीं करेंगे प्रचार, तेजस्वी ने संभाली कमान, चिराग बनेंगे मोदी के हनुमान

बिहार विधानसभा उपचुनाव में नीतीश नहीं करेंगे प्रचार, तेजस्वी ने संभाली कमान,  चिराग बनेंगे मोदी के हनुमान

बिहार विधानसभा उपचुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश नहीं करेंगे प्रचार

बिहार विधानसभा उपचुनाव में एक बार फिर से उतार चढाव की आहट सुनाई पड़ रही है। चुनाव प्रचार को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने मन की बात बिलकुल साफ कर चुके हैं। मुख्यमंत्री चुनाव प्रचार में नहीं जाएंगे। मुख्यमंत्री ने अपने पेट में हुए जख्म के कारण चुनाव प्रचार से दूरी बना ली है। दोनों विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रचार नहीं करेंगे। नीतीश ने गुरुवार, 27 अक्टूबर को कहा कि वे मोकामा और गोपालगंज में प्रचार के लिए नहीं जा रहे हैं। हालांकि राज्य के राजनैतिक गलियारे में नीतीश कुमार के इस फैसले पर तरह तरह की चर्चाएं चालू हो गई हैं क्योंकि दोनों सीटों पर राजद के उम्मीदवार हैं।

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पेट में हुए जख्म को बताया कारण

पत्रकारों से बात चित के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि, ‘‘मेरी पार्टी के सभी सहयोगी प्रचार कर रहे हैं। जब तक मैं पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाता, तब तक मुझे सावधानी बरतने की जरूरत है।’’ वहीं मोकामा और गोपालगंज विधानसभा क्षेत्रों में तीन नवंबर को उपचुनाव हैं और मुख्यमंत्री का प्रचार से पीछे हटना पार्टी के लिए कितना नुकसानदायक साबित होता है ये तो देखने की बात है।

तेजस्वी आज से फूकेंगे चुनावी प्रचार का बिगुल

हालांकि, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने गोपालगंज के विधानसभा क्षेत्र में उतरने की घोषणा कर दी है। आज शुक्रवार, 28 अक्टूबर को तेजस्वी उपचुनाव को लेकर चुनाव प्रचार करने के लिए गोपालगंज जाएंगे। तेजस्वी महागठबंन उम्मीदवार के लिए जनता से वोट मांगेंगे। राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली से पटना लौटने के बाद एयरपोर्ट पर से ही तेजस्वी ने इसकी जानकारी दी। तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के चुनाव प्रचार से दूर रहने पर कहा कि मुख्यमंत्री जी को चोट लगी है, यह बात सभी को पता है। खुद मैंने भी उनसे बात की है।

चिराग बनेंगे मोदी के हनुमान

वहीं दूसरी तरफ बिहार विधानसभा चुनाव 2020 से पहले एनडीए से अलग हुए राम विलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान ने खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान बताया था। चिराग पासवान ने कहा था कि उन्हें चुनाव लड़ने के लिए प्रधानमंत्री के चेहरे की जरूरत नहीं है। वे मोदी के हनुमान हैं और नरेंद्र मोदी की तस्वीर उनके दिल में छपी हुई है। किसी दिन वे हनुमान की तरह अपनी छाती चीरकर दिखा देंगे। इस बयान के बाद से चिराग पासवान को मोदी का हनुमान कहा जाने लगा।

रामविलास पासवान लंबे समय तक एनडीए के साथ

चिराग पासवान के पिता स्वर्गीय रामविलास पासवान लंबे समय तक एनडीए के साथ रहे। रामविलास, मोदी सरकार में मंत्री भी रह चुके थे। अक्टूबर 2020 में उनके निधन के बाद लोकजनशक्ति पार्टी में टूट गई। रामविलास पासवान की विरासत को लेकर चाचा पशुपति पारस और चिराग के बीच विवाद हो गया था। पशुपति पारस ने पार्टी के सांसदों को अपने गुट में कर लिया और चिराग अलग-थलग पड़ गए। बाद में रामविलास पशुपति पारस ने राष्ट्रीय लोकजनशक्ति पार्टी बनाया और चिराग को लोजपा (रामविलास) के नाम से अलग दाल मिला। इसके बाद पशुपति पारस केंद्र में मंत्री बन गए और चिराग पासवान एनडीए से अलग हो गए।

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