केजरीवाल का गुजरात में पंजाब वाला दांव
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुजरात चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी का ‘अपना मुख्यमंत्री’ चुनने का अभियान शुरू कर दिया है। गुजरात में भले ही चुनावों (Gujarat Assembly Election) की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन राजनीतिक गलियारे में हल-चल बढ़ गई है। दिवाली के बाद से सभी पार्टियां इलेक्शन मोड में नजर आ रही हैं। गुजरात में पूरे जोर-शोर से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही आम आदमी पार्टी (aam aadmi party) पंजाब वाला दांव चल सकती है। आप पंजाब की तर्ज पर लोगों से पूछकर मुख्यमंत्री का चेहरा (CM Face) तय कर सकती है।
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भगवंत मान : आप मतलब बदलाव, कांग्रेस मतलब एक्सचेंज
पंजाब में दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल की पार्टी ने एक मोबाइल नंबर जारी करके लोगों से मुख्यमंत्री का चेहरा बताने के लिए कहा था। इसके बाद पार्टी ने भगवंत मान (Bhagwant Mann) का नाम मुख्यमंत्री के रूप में तय किया था। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस पर टिपण्णी करते हुए कहा कि, “आप का मतलब बदलाव है, कांग्रेस का मतलब एक्सचेंज है। गुजरात में कांग्रेस के 20 से अधिक विधायक भाजपा में शामिल हो गए हैं।”
भगवा गढ़ में सेंध लगाना आसान नहीं
भारतीय जनता पार्टी के भगवा गढ़ में पंजाब के इस सफल प्रयोग से सेंधमारी करने में केजरीवाल जुट गए है। पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) जल्द ही इसका ऐलान भी कर सकते हैं। गुजरात में अभी तक इसुदान गढ़वी और गोपाल इटालिया का नाम आप पार्टी में दौड़ रहा है। इटालिया के पास गुजरात प्रदेश की कमान है। इन दोनों के अलावा तीसरा नाम इंद्रनील राजगुरु का है। वे पहले कांग्रेस में थे। इसुदान गढ़वी गुजरात के प्रमुख टीवी चैनल एंकर थे। इसुदान गढ़वी (isudan gadhvi) इन दिनों राज्य में परिवर्तन यात्रा लेकर निकले हुए हैं। तो वहीं गोपाल इटालिया (Gopal Italia) संगठन के विस्तार के साथ पार्टी प्रत्याशी के नामों को तय करने में जुटे हुए हैं।
‘झाड़ू’ की वजह से इतिहास रच सकते हैं मोदी !
वहीं दूसरी तरफ भाजपा का कहना है की अरविन्द केजरीवाल के गुजरात में उतरने से भाजपा जनता के बीच और मजबूत होगी। अभी तक कांग्रेस 1985 में गुजरात में हाईएस्ट सीट जितने वाली पार्टी रही है। कांग्रेस ही इसके पहले यानी 1980 के चुनाव में 141 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हुई थी। लेकिन सब कुछ ठीकठाक रहा तो प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में भाजपा इस बार यह रिकॉर्ड तोड़ सकती है। भाजपा नेता गोवा और उत्तराखंड के स्तर पर गुजरात को देखने की कोशिश कर रहे है। इन राज्यों में आप पार्टी सिर्फ कांग्रेस के वोट काटने में कामयाब हो पाई थी लेकिन भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगाने में नाकामयाब रही है।