आजम खां की विधानसभा की सदस्यता रद्द करवान में आकाश सक्सेना का हाथ
पीएम मोदी और सीएम योगी के खिलाफ भड़काऊ भाषण के मामले में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता आजम खान (Azam Khan) को रामपुर की एक अदालत ने गुरुवार 27 अक्टूबर, 2022 को दोषी बताया और इस मामले पर फैसला देते हुए रामपुर की अदालत ने आजम खान को तीन साल दी और 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया. सजा मिलने के बाद आजम खान को जमानत भी मिल गयी लेकिन इस बीच उनकी विधानसभा की सदस्यता भी चली गयी है. आजम खान को मिली तीन साल की सजा और विधानसभा की सदस्यता जाने के पीछे आकाश सक्सेना का हाथ है.
आकाश सक्सेना की शिकायत पर चली गई आजम खां की विधायकी
पेशे से व्यवसायी और पूर्व मंत्री शिव बहादुर सक्सेना के बेटे आकाश सक्सेना (Akash Saxena) ने ही आजम खां के खिलाफ केस दर्ज करवाया था। वहीं इस केस की सुनवाई हुई और फैसला आजम खान के खिलाफ आया है और इस केस का फैसला आते ही आजम की सदस्यता समाप्त होने की बात भी चली और फिर खबर मिली कि आजम खां की विधायकी चली गयी है . बता दें, इससे पहले भी आकाश सक्सेना अब्दुल्ला आजम की फर्जी डिग्री केस में उनकी विधानसभा सदस्यता को भी समाप्त कराने के केस में बड़ी भूमिका निभा चुके हैं।
चुनाव आयोग को भेजी गई सीट खाली होने की अधिसूचना
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8(3) के अनुसार, यदि किसी जनप्रतिनिधि को किसी अपराध में दो साल से अधिक साल की सजा मिलती है तो वह सजा की तारीख से ही सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य हो जाएगी। इसके बाद वह अगले छह साल तक चुनाव भी नहीं लड़ पाएगा। ऐसे में तीन साल की सजा के ऐलान के बाद आजम खां विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य हो चुके हैं। कोर्ट से आदेश की प्रमाणित कॉपी मिलने के बाद में यूपी विधानसभा आजम खां की सीट खाली होने की अधिसूचना भी जारी कर चुनाव आयोग को भेज चुका है।
आजम खां ने पीएम मोदी और सीएम योगी के खिलाफ की थी टिप्पणी
आजम खां ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मिलक कोतवाली इलाके के खातानगरिया गांव में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी और सीएम योगी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसी के साथ उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को लेकर भी विवादित बयानबाजी की थी और इसी बयान का वीडियो भी जमकर वायरल हुआ था। आकाश सक्सेना ने इसी मामले में भड़काऊ बयान देने का आरोप लगाते हुए आजम के खिलाफ केस दर्ज करवाया था। वहीं रामपुर एमपी एमएलए कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए आजम खां को दोषी करार देते हुए 3 साल की सजा सुनाई ।
आजम खां के खिलाफ कई मुकदमों में सीधे पक्षकार हैं आकाश
आकाश सक्सेना सपा के दिग्गज नेता आजम खां और उनके परिवार के खिलाफ 43 मुकदमों में सीधे पक्षकार हैं। यह लड़ाई जनवरी 2018 से अब्दुल्ला आजम के फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट से शुरू हुई थी जो कि आजम खां की विधायकी गंवाने तक पहुंच चुकी आपको ये बता दें की, आजम खान रामपुर से 10 बार विधायक रह चुके हैं। आजम सपा के फाउंडिंग मेंबर्स में से भी एक हैं जिस कारण पूरी पार्टी के लिए भी ये एक सर दर्द बन गया है। ऐसे मामले में पहले भी भाजपा नेता और अयोध्या की गोसाईगंज से विधायक खब्बू तिवारी की भी सदस्यता रद्द हो गई थी, जब कोर्ट ने उन्हें दो साल से अधिक की सजा सुनाई थी.
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