कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व विधायक भोलानाथ पांडेय का शुक्रवार को निधन हो गया। उनका पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए उनके आवास-3/315 विशाल खंड, गोमती नगर लखनऊ में रखा गया है। वह लंबे समय से बीमार थे। उनके निधन की खबर से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई है। भोलानाथ सिर्फ दो बार विधायक रहे, लेकिन उनके कारनामों की चर्चा आज भी होती है। आज हम आपको भोलानाथ से जुड़ी एक दिलचस्प कहानी बताने जा रहे हैं।
भोला नाथ पांडेय बैरिया (द्वाबा) विधानसभा सीट से 1980 से 1985 और 1989 से 1991 तक कांग्रेस के टिकट पर विधायक रहे। द्वाबा बलिया जिले की एक सीट है। विधायक रहने के दौरान भोला नाथ न सिर्फ दो बार विधायक रहे बल्कि गांधी परिवार के भी बेहद करीबी थे। खबरों की मानें तो भोला पांडेय ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की गिरफ्तारी के विरोध में विमान अपहरण कर लिया था। इस मामले में उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था। इस घटना ने भोला को देश-दुनिया में मशहूर कर दिया था।
पालम एयरपोर्ट से उड़े विमान को किया हाईजैक
जब देश में आपातकाल के बाद इंदिरा गांधी को जेल में डाला गया था, तो उन्होंने 1978 में दिल्ली के पालम हवाई अड्डे पर उतरने से कुछ समय पहले इंडिया एयरलाइंस के विमान का अपहरण कर लिया था। विमान ने कोलकाता से उड़ान भरी थी। विमान को अपहरण करने के बदले में, भोलानाथ ने इंदिरा गांधी की तत्काल रिहाई का अनुरोध किया। भोलानाथ ने नेपाल या बांग्लादेश जाने की योजना बनाई थी, लेकिन जब पायलट ने उन्हें बताया कि ईंधन कम हो रहा है, तो वे इसके बजाय वाराणसी में उतरने के लिए सहमत हो गए।
प्लेन हाईजैक के बाद भोलानाथ गए जेल
विमान के वाराणसी पहुंचने से पहले ही दिल्ली से लेकर लखनऊ तक के राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई थी। आपातकाल के बाद इंदिरा गांधी की सरकार गिर गई थी। मोरारजी देसाई के नेतृत्व में जनता पार्टी की सरकार बनी और चौधरी चरण सिंह गृह मंत्री बने। दूसरी तरफ रामनरेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। दिल्ली से जब लखनऊ में बुलावा आया तो मुख्यमंत्री रामनरेश यादव ने विमान को मुक्त कराने से पहले वाराणसी एयरपोर्ट पर भोला नाथ पांडेय से मुलाकात की। विमान में बंधक बनाए गए लोगों को मुक्त कराने के बाद अधिकारियों ने भोला नाथ को पकड़ लिया।
प्लेन हाईजैक के बाद भोला नाथ को कई महीने जेल में बिताने पड़े। 1980 में जब इंदिरा गांधी की सरकार दोबारा सत्ता में आई तो भोला नाथ को जेल से रिहा कर दिया गया। जेल से रिहा होने के बाद कांग्रेस पार्टी ने उन्हें विधायक बनने का टिकट दिया। भोला की उम्र करीब 27 या 28 साल थी जब उन्होंने प्लेन हाईजैक किया था।
नकली हथियार दिखाकर किया प्लेन हाईजैक
बाद में जब हथियारों की जांच की गई तो पता चला कि जिसे वे बम बता रहे थे, वह असल में क्रिकेट की गेंद थी जबकि जिसे वे पिस्तौल बता रहे थे, वह असल में खिलौना था। इन नकली हथियारों से उन्होंने विमान को बम से उड़ाने की धमकी दी और पायलट को अपने नियंत्रण में ले लिया। विमान अपहरण के बाद इस घटना की चर्चा पूरी दुनिया में हुई थी।