AAP नए रिकॉर्ड की तैयारी में
गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव (Gujarat & Himachal Pradesh Assembly Election) के नतीजे आने के साथ ही आम आदमी पार्टी (AAP) देश के नए राष्ट्रीय राजनीतिक दल के रूप में जनि जाएगी। दोनों राज्यों के नतीजे के अंतर्गत कुछ जरूरी शर्तें को पूरा करने के बाद आप का राष्ट्रीय दल (National Party) के ग्रुप में एंट्री का रास्ता साफ हो जाएगा। अरविन्द केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की अध्यक्षता वाली आम आदमी पार्टी ने कल दिल्ली के नगर निगम चुनाव में अपने नाम का परचा लहरा कर अगले दिन ही नया रिकॉर्ड बनाने की तैयारी में लग गए हैं।
इतनी जल्दी इतनी ऊंचाइयों तक का सफर तय करने के बाद पार्टी और पार्टी से जुड़े लोगों का मनोबल काफी बढ़ा हुआ दिख रहा है। इसका अनुमान आपको इस बात से लग जाएगा कि अभी तक विधानसभा चुनाव के नतीजों आएं भी नहीं हैं और आम आदमी पार्टी के दफ्तर पर पोस्टर भी लगा दिया गया है, इसमें लिखा है, ‘आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय पार्टी बनने पर सभी देशवासियों को बधाई.’
आठवीं राष्ट्रीय पार्टी बन सकती है आप
फिलहाल देश में अभी सात राष्ट्रीय दल हैं, जिनमे कांग्रेस, बीजेपी, बीएसपी, सीपीआई, सीपीएम, राष्ट्रवादी कांग्रेस यानी एनसीपी और तृणमूल कांग्रेस यानी टीएमसी शामिल है। दिल्ली की सत्ता में काबिज रहते हुए पंजाब को जितना आप के लिए मिल का पत्थर साबित हुआ। इसके बाद गोवा विधानसभा चुनाव में दो विधायक जीतने के बाद अब आम आदमी पार्टी को गुजरात और हिमाचल में मिले वोटों की संख्या इसे राष्ट्रीय दल का दर्जा दिला सकते हैं।
राष्ट्रीय पार्टी बनने का पैमाना
जब किसी पार्टी को राष्ट्रीय दल का दर्जा मिलता है तो उसके पास तीन चीजें देखि जाती हैं। इसे आप तीन मुख्य शर्तें या पात्रता भी कह सकते हैं। इसमें सबसे पहला शर्त यह है कि कोई भी राजनीतिक दल चार लोकसभा सीटों के साथ-साथ लोकसभा में 6 फीसदी वोट अपने हिस्से में रखे या फिर चार या इससे अधिक राज्यों के विधानसभा चुनावों में कुल 6 फीसदी या ज्यादा वोट शेयर हासिल कारण।
देश में 400 से अधिक पार्टियां
AAP ने गोवा में भी दो सीटें हासिल की थी जिसमे उसे 6.77 फीसदी वोट शेयर हासिल हुई थी, इसके अलावा कुछ अन्य राज्यों में भी आम आदमी पार्टी की हिस्सेदारी या फिर कह ले वोट शेयर हैं। अब यह चर्चा होने लगी है कि आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय पार्टी बनने की कगार पर कड़ी है। केजे राव जो कि चुनाव के राजनीतिक नियमों के विशेषज्ञ हैं, उनके मुताबिक, निर्वाचन आयोग के सफाई अभियान के बावजूद भी देश में लगभग 400 राजनीतिक पार्टियां उपस्थित हैं, लेकिन इनमें से महज 7 को ही राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला हुआ है।