आजकल की ख़बरों में ऐसा लग रहा है की उत्तरप्रदेश का लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) भाजपा नेताओं के कर्मकांड का गढ़ बन गया है. शायद ये भूल जाते हैं की देश में राजा नहीं कानून के हिसाब से काम होता है. इसके पहले भी भाजपा के केन्द्रीय मंत्री अजय मिश्रा (Ajay Mishra Teni) के बेटे आशीष मिश्रा ने भी किसानों को अपनी गाडी से कुचल दिया था. और दोबारा लखीमपुर खीरी की श्रीनगर से भाजपा विधायका मंजू त्यागी (Manju Tyagi) पर गंभीर आरोप लगे है. ये आरोप कोई और नहीं बल्कि उनके अपने घर में काम करने वाली नौकरानी ने लगाये हैं. परिजनों ने श्रीनगर से बीजेपी विधायक मंजू त्यागी पर लड़की को बंधक बनाकर घरेलू काम करवाने का आरोप लगाते हुए कोतवाली में तहरीर दी है. लड़की विधायक के यहां साफ-सफाई और घरेलू काम करती है. हालांकि, मामले में अभी तक पुलिस ने कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है. वहीं, विधायक ने आरोपों को निराधार बताया है.
कौन हैं मंजू त्यागी?
39 वर्षीय मंजू त्यागी 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में श्री नगर सीट से बीजेपी उम्मीदवार थीं. मंजू त्यागी (Manju Tyagi political records) पर आपराधिक मामलों की बात करें तो उनके ऊपर कुल 0 आपराधिक मामले दर्ज हैं. साल 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में, BJP के मंजू त्यागी ने जीत दर्ज की थी, उन्होंने SP के मीरा बानो को हराया था, वर्ष 2017 के चुनाव में BJP का वोट शेयर 50.68% था.
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ये था पूरा मामला
दरअसल, लखीमपुर सदर कोतवाली अंतर्गत पटेल नगर में रहने वाली ममता देवी पत्नी राममूर्ति ने पुलिस को तहरीर दी है, जिसमें बताया कि उसकी 14 साल की पुत्री को विधायक ने अपने यहां करीब दो साल से काम करने के लिए रखा था. आज तक कोई पैसा नहीं दिया है. आरोप है कि जब पुत्री रविवार शाम घर आई तो उसने बताया कि वह विधायक के यहां काम नहीं करना चाहती है. विधायक को यह बात पता चली तो उन्होंने महिला और उसकी बेटी को बुलाया. आरोप है कि जब दोनों वहां गईं तो महिला और उसकी बेटी को पीटा गया और बेटी को बंधक बना लिया. महिला ने पुलिस से बेटी को वापस दिलाने की मांग की. इस पूरे मामले पर सदर कोतवाल चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि कुछ आपसी विवाद था, जिसका उनका आपस में समझौता हो गया है.
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बैकफुट पर आई विधायिका, देना पड़ा दो महीने का वेतन
घर में काम करने वाली एक नाबालिग किशोरी से मारपीट और बंधक बनाए जाने के मामले में श्रीनगर से भाजपा विधायक बैकफुट पर आ गईं. मंगलवार को उन्होंने पीड़ित किशोरी को अपनी गाड़ी से उसके घर छुड़वाया और 20 हजार रुपये भी दिये. बात जब मीडिया के पास से पहुंच कर विधायिका के कानों में पहुची तो उन्होंने ने पीडिता को अपने घर बुलाया विधायक ने उनसे राजीनामा लिखवाया है. दोपहर दो बजे पुत्री और उसको अपनी कार से घर छुड़वा दिया. साथ में दो महीने का बकाया 20 हजार रुपये भी दिए हैं.
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इससे पहले भी हुई भाजपा नेता की दबंगई
3 अक्टूबर, 2021 को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में आंदोलनकारी किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ाए जाने की घटना हुई थी. इस घटना में और उसके बाद उग्र किसानों की तरफ से की गई आरोपियों की पिटाई में कुल 8 लोगों की जान गई थी. मामले का मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी का बेटा आशीष मिश्रा उर्फ मोनू है. 10 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आशीष को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था. 18 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उस आदेश को रद्द कर दिया था. उसके बाद से वह जेल में है.