ED ने पेश किया अपना रिपोर्ट कार्ड, 96% मामलों में हुई सजा, नेताओं पर सिर्फ 2.98 फीसदी मामले…

By Shashank Dubey | Posted on 18th Mar 2023 | राजनीति
ED

आजकल केंद्र सरकार पर जांच एजेंसियों के गलत इस्तेमाल के आरोपों के बीच प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने दावा किया है कि धन संशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) ने तहत दर्ज  मामलों में सजा होने कि दर 96 फीसदी है. और इतना ही ही नहीं ईडी का कहना है कि उनके पास 5906 मामले दर्ज हैं. जिसमे कुल शिकायतों में मात्र 2.98 प्रतिशत (176) मामले ही पूर्व सांसदों और विधायकों के खिलाफ है यानि पहले के मुकाबले अब राजनीतिक मामलों में पैसाखोरी की डर में काफी गिरावट आई है.

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ईडी पीएमएलए, विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम और भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम के तहत जांच करता है. ईसीआईआर को पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी के बराबर माना जाता है.

अब तक इतने केस और इतने गिरफ्तार

ईडी के आंकड़ो के मुताबिक, पीएमएलए के तहत अभी तक 1142 मामलों में आरोप पत्र दाखिल किए गए हैं, इनके आधार पर 513 लोगों को गिरफ्तार किया गया. इस दौरान पीएमएलए के तहत कुल 25 मामलों में मुकदमे की कार्यवाही पूरी हुई और इनमें से 24 मामलों में सजा हुई. एक मामले में अदालत ने व्यक्ति को बरी कर दिया गया. वहीं, धनशोधन रोधी कानून के तहत कुल 45 लोग दोषी ठहराए गए हैं.

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आरोपों पर जवाब देने की कोशिश में ED

इन दोषसिद्धियों के मामलों में 36.23 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई, जबकि अदालत ने दोषियों के खिलाफ 4.62 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया. आंकड़ों के मुताबिक, दर्ज किए गए कुल 5,906 ईसीआईआर में से केवल 8.99 प्रतिशत या 531 मामलों में एजेंसी के अधिकारियों द्वारा तलाशी या छापेमारी की गई. ऐसे में इन आंकड़ों के जरिए जांच एजेंसी ने अपने ऊपर लगे आरोपों को जवाब देने की कोशिश की है. 

फेमा और एफईओए का भी आंकड़ा जारी

पीएमएलए के साथ ईडी ने फेमा और एफईओए के तहत मामलों का भी आंकड़ा जारी किया. ईडी के मुताबिक, फेमा के तहत इस साल जनवरी के अंत तक कुल 33,988 मामले दर्ज किए और 16,148 मामलों में जांच पूरी की. 8440 कारण बताओ नोटिस (जांच पूरी होने के बाद) जारी किए गए, जिनमें से 6,847 पर फैसला सुनाया गया . विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) को 1973 के विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम (फेरा) को निरस्त करने के बाद 1999 में लागू किया गया था. विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (एफईओए) के तहत 15 लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई, जिनमें से नौ को अदालत के जरिए भगोड़ा आर्थिक अपराधी (एफईओ) घोषित किया गया. इस कानून के तहत करीब 862.43 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई. सरकार ने इस कानून को उन लोगों पर नकेल कसने के लिए बनाया था, जो धोखाधड़ी कर कानून से बचने के लिए विदेश भाग गए हैं.

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ये दिग्‍गज नेता भी फंसे

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली आबकारी नीति से संबंधित धनशोधन मामले में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता का नाम भी जुड़ा है. पिछले दिनों ईडी ने उनसे एक लंबी पूछताछ की थी. ईडी ने इस मामले में अभी तक दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं आप नेता मनीष सिसोदिया समेत 12 लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि दिल्ली सरकार की शराब कारोबारियों को लाइसेंस देने के लिए 2021-22 की आबकारी नीति से उद्यमियों को सांठगांठ करने का अवसर दिया गया तथा कुछ डीलरों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया, जिन्होंने इसके लिए कथित तौर पर घूस दी.

Shashank Dubey
Shashank Dubey
शशांक एक समर्पित लेखक हैं, जो किसी भी विषय पर लिखना पसंद करते हैं। शशांक पॉलिटिक्स, एंटरटेनमेंट, हेल्थ, विदेश, राज्य की खबरों पर एक समान पकड़ रखते हैं। यह नेड्रिक न्यूज में बतौर लेखक काम करते हैं।

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