दिल्लीवासियों ने नोटा दबाने के बदले घर में रहना किया पसंद
किसी भी चुनाव में कम मतदान होने का मतलब होता है सत्ता विरोधी लहर, लेकिन अभी भी ये स्पष्ट तौर पर नहीं कहा जा सकता हैं। कई ऐसे उदाहरण है कि मतदान का प्रतिशत कम होने के बाद भी सत्तारूढ़ पार्टी ने वापसी की है, हालांकि कुछ मामलों में सत्ता परिवर्तन भी देखा गया है। बिना सप्तशती के किसी निर्णय पर पहुंचना सही नहीं होगा। हाँ, लेकिन यह जरूर कहा जा सकता है कि मतदान का प्रतिशत कम होने की मुख्य वजह मतदातों का चुनाव में आगे ना आना है। ऐसे माहौल में प्रत्याशियों के बीच जीत और हार का आंकड़ा बहुत कम का हो सकता है।
Also read- दिल्ली नगर निगम चुनाव के बीच आरोप-प्रत्यारोप का खेल है शुरू, दोपहर तक 18 फीसदी मतदान
50.47 प्रतिशत मतदान
दिल्ली में नगर निगम चुनाव (delhi MCD Election) के लिए रविवार, 4 नवंबर को शाम साढ़े पांच बजे तक लगभग 50.47 प्रतिशत वोटिंग ही सिर्फ दर्ज की गई। अधिकारियों के अनुसार दिल्ली में सभी वार्ड में शाम साढ़े पांच बजे तक कुल 50.47% मतदान दर्ज किया गया। हालांकि दोपहर 12 बजे तक 18 फीसदी मतदान हुआ था, जबकि 2.30 बजे तक 30 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था।
हालांकि जानकारों का मानना है कि अभी यह फाइनल आंकड़ा नहीं है। दिल्ली MCD चुनाव 2017 में 53.55% मतदान देखा गया था। अब तक के आंकड़ों की तुलना करें तो इस साल तीन फीसदी कम मतदान हुआ है। इसके नतीजे 7 दिसंबर को आएंगे।
भाजपा और आप में कड़ा मुकाबला
इस बार के नगर निगम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच कड़ा मुकाबला है। BJP आम आदमी पार्टी को शराब घोटाला और तिहाड़ के वीडियो को लेकर घेरे हुए है, वहीं दूसरी ओर AAP का कहना है कि दिल्ली में गंदगी के लिए भाजपा जिम्मेदार है और 15 साल भाजपा ने दिल्ली के लिए कुछी नहीं किया है। वहीं, भाजपा और आप दोनों ने वोटर लिस्ट में धांधली का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। भाजपा दिल्ली अध्यक्ष मनोज तिवारी ने चुनाव आयोग से वोटों की हेराफेरी का भी शिकायत दर करवाया है।