केंद्र सरकार अब दिल्ली में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को अपने दायरे में करने की योजना बना रही है. केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने दिल्ली वक्फ बोर्ड (Delhi Waqf Board) की 123 संपत्तियों को अपने कब्जे में लेने का फैसला किया है, जिनमें मस्जिद, दरगाह और कब्रिस्तान भी शामिल हैं. इस फैसले के बाद वक्फ बोर्ड और आप सरकार ने जमकर हंगामा मचा रखा है. दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार और दिल्ली सरकार में ठन गई है. बोर्ड के अध्यक्ष और AAP विधायक अमानतुल्ला खान (Amanatullah Khan) ने केंद्र के इस कदम पर ऐतराज जताया ट्विटर पर अपनी नाराजगी जताई है.
बोर्ड अध्यक्ष ने जताई नाराजगी
अमानतुल्ला खान ने जोर दिया कि वह केंद्र सरकार को वक्फ संपत्ति का अधिग्रहण नहीं करने देंगे. उपभूमि और विकास अधिकारी ने 8 फरवरी को बोर्ड को भेजे एक पत्र में 123 वक्फ संपत्तियों से संबंधित सभी मामलों से मुक्त करने के फैसले की जानकारी दी थी. आम आदमी पार्टी केंद्र पर संपत्तियों को हड़पने का आरोप लगा रही है. खान ने जोर देकर कहा कि वह केंद्र सरकार को वक्फ संपत्तियों को अपने कब्जे में लेने की अनुमति नहीं देंगे.
उन्होंने सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए लिखा कि, “123 Waqf Properties” पर पहले ही अदालत में हमने आवाज़ उठाई है, High Court में हमारी Writ Petition No.1961/2022 पेंडिंग है, कुछ लोगों द्वारा इसके बारे में झूठ फैलाया जा रहा है, इसका सबूत आप सबके सामने है. हम वक़्फ़ बोर्ड की Properties पर किसी भी तरह का क़ब्ज़ा नहीं होने देंगे.
L&DO ने पत्र में लिख कर दी जानकारी
भूमि और विकास कार्यालय ने पत्र में कहा गया कि ” दिल्ली वक्फ बोर्ड मुख्य हितधारक/प्रभावित पक्ष था जिसे समिति द्वारा अवसर दिया गया था. हालांकि, यह समिति के सामने उपस्थित नहीं हुआ और न ही 123 संपत्तियों के संबंध में कोई अभ्यावेदन या आपत्ति दायर की.
क्या है केंद्र की प्रतिक्रिया
एल एंड डीओ ने कहा कि दिल्ली वक्फ बोर्ड मुख्य हितधारक/प्रभावित पक्ष था जिसे समिति द्वारा अवसर दिया गया था. हालांकि, यह समिति के सामने उपस्थित नहीं हुआ और न ही 123 संपत्तियों के संबंध में कोई अभ्यावेदन या आपत्ति दायर की.
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दिल्ली हाई कोर्ट में लंबित है मामला
बोर्ड के अध्यक्ष ने शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रालय के उप भूमि और विकास अधिकारी को दिए जवाब में कहा कि दिल्ली वक्फ बोर्ड दो सदस्यीय समिति के गठन के खिलाफ जनवरी 2022 में हाई कोर्ट में याचिका दायर कर चुका है.
जिसकी रिपोर्ट पर मंत्रालय ने कार्रवाई शुरू कर दी है.