राहुल गाँधी (Rahul Gandhi) अब केरल (kerla) के वायनाड (Wayanad) से सांसद नहीं रहे क्योंकि हाल ही में उनकी संसद सदस्यता (parliament membership) खत्म कर दी गयी है. दरअसल, मोदी सरनेम मामले में उन्हें 2 साल की सजा मिली और उनके पर 15 हज़ार का जुर्माना भी लगाया गया. इसी के साथ उनकी सांसद सदस्यता भी खत्म कर दी गयी लेकिन ये पहली बार नहीं है जब गाँधी परिवार के किसी सदस्य की संसद सदस्यता खत्म की गयी हो. राहुल गाँधी अपने परिवार के तीसरे ऐसे सदस्य हैं जिनकी सांसदी चली गई.
Also Read- राहुल गांधी ने 2013 में जो अध्यादेश फाड़ा था, उसी के पीछे चली गई सदस्यता!.
इंदिरा गांधी संसद सदस्यता हुई रद्द
गाँधी परिवार में सबसे पहले इंदिरा गांधी (Indira Gandgai) की सांसद सदस्यता खत्म हुई थी और ये साल था 1971 का जब आम चुनाव में कांग्रेस बड़े बहुमत के साथ जीती थी। इंदिरा ने रायबरेली से चुनाव लड़ा था और पीएम बनी लेकिन इसके 4 साल बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चुनाव में धांधली के केस में इंदिरा गांधी की संसद सदस्य रद्द करने का फैसला देता है। इसके ठीक बाद इंदिरा ने देश में आपाताकाल लगा दिया था और आपाताकाल के बाद इंदिरा गांधी चुनाव भी हार गयी थी.
सोनिया गांधी ने छोड़ा था पद
इंदिरा के बाद सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) की भी सदस्यता जा चुकी है। साल 2006 में यूपीए शासनकाल के सोनिया गांधी के खिलाफ लाभ के पद का मामला बना था। इस समय सोनिया भी रायबरेली से सांसद थीं। इसके अलावा वह यूपीए सरकार की गठित राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की चैयरमैन थीं उन्हें इसे लाभ का पद बताया गया था। इसके कारण सोनिया गांधी को लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा देना पड़ा था। बाद में सोनिया फिर से रायबरेली से चुनाव लड़कर सांसद बनी थी।
राहुल नही लड़ पाएंगे चुनाव
जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत 2 साल ये उससे ज्यादा की सजा की स्थिति में संसद सदस्य न केवल सदस्यता से अयोग्य हो जाता है कि बल्कि सजा पूरी होने के बाद 6 साल तक चुनाव भी नहीं लड़ पाता है। लेकिन अगर अदालत राहुल गांधी की दोषी ठहराने वाले फैसले को ही निलंबित कर दे तो राहुल की सदस्यता बच सकती है और चुनाव लड़ सकते हैं. वहीं अगर फैसले को निलंबित नहीं किया जाता तो 2 साल की सजा मिलने साथ-साथ राहुल अगले 6 साल चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे। यानी कुल 8 साल वो संसद से दूर हो जाएंगे।