भारत जहाँ देवी-देवताओं का पूजा जाता है और हिन्दू धर्म में सभी देवी-देवताओं की अलग-अलग मान्यता है. जहाँ बीजेपी पर हिन्दुत्व की राजनीती करने का आरोप लगता है तो वहीं देश के कई नेता हैं जो हिन्दू धर्म के देवी-देवताओं को लेकर कई सारे विवादित बयान दे चुके हैं और इस वजह से ये नेता मीडिया की सुर्ख़ियों में भी रहे हैं लेकिन इस बीच लोगों को शिक्षा का पाठ पढ़ाने वाले एक प्रोफेसर ने भगवान श्रीराम और श्री कृष्ण को लेकर एक अमर्यादित बयान दिया है जिसके बाद अब इस प्रोफेसर पर मुकदमा दर्ज हुआ है साथ ही हिंदू संगठन प्रोफेसर डॉ. विक्रम हरिजन के खिलाफ पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
Also Read- सवाल के बदले कैश: क्या है महुआ मोइत्रा का पूरा मामला, हर एक बात यहां समझिए.
भगवान श्रीराम और श्री कृष्ण को लेकर दिया अमर्यादित बयान
जानकारी के अनुसार, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विक्रम हरिजन भगवान श्री राम और श्री कृष्ण के खिलाफ सोशल मीडिया साइट्स एक्स पर एक विवादित पोस्ट किया था. 22 अक्टूबर को अपने एक्स अकाउंट पर लिखा था कि ” यदि आज प्रभु श्री राम होते तो मैं ऋषि शंभूक का वध करने के लिए उनको आईपीसी की धारा 302 के तहत जेल भेज देता. इसी के साथ उन्होंने श्री कृष्ण को लेकर लिखा कि यदि आज वो (श्री कृष्ण) होते तो मैं महिलाओं के साथ सेक्सुअल हैरेसमेंट के केस में उन्हें भी जेल भेजता. ”
प्रोफेसर के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
वहीं डॉ. विक्रम हरिजन के इन बयानों के बाद विश्व हिंदू परिषद, हिंदू जागरण मंच और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं में आक्रोश है. इन तीनों संगठनों के आऱोप हैं कि विक्रम ने ऐसी टिप्पणी कर सामाजिक शांति भंग करने की कोशिश की है. इसलिए पुलिस प्रोफेसर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करे.
वहीँ हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने कर्नल गंज पुलिस स्टेशन के अधिकारियों से मुलाकात की है और लिखित तहरीर देकर सख्त कार्रवाई की मांग की है. वहीं, पुलिस ने भी प्रोफसर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है.
वहीं, कर्नलगंज थाने के इंस्पेक्टर गोविंद यादव के मुताबिक,विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने एक शिकायत प्रोफेसर के खिलाफ दर्ज कराई है, जिस पर पुलिस जांच कर रही है.
इतिहास पढ़ाते प्रोफेसर डॉ. विक्रम
डॉ विक्रम इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में मध्यकालीन इतिहास पढ़ाते हैं. वह यहां असिस्टेंट प्रोफेसर हैं. वहीँ प्रोफेसर ने अपने उस बयाँ को लेकर कहा है किवह इतिहास के टीचर हैं और वह किताबें पढ़ते हैं और उन्हीं किताबों में मैंने जो कुछ मैंने पढ़ा है, उसी के आधार पर वह पोस्ट लिखी.
आपको बता दें, प्रोफेसर विक्रम इसके पहले भी अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहे हैं. इससे पहले उन्होंने महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता बोले जाने का विरोध करते हुए ज्योतिबा फुले को राष्ट्रपिता कहने की बात कर रहे थे. तब भी उनके इस बयान पर बवाल मचा हुआ था.