सिसोदिया का जांच एजेंसी पर संगीन आरोप
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जांच एजेंसियों पर गंभीर आरोप लगाया है। नौ घंटे तक CBI और ED के सवालों का सामना करने का बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने जांच एजेंसी पर संगीन आरोप लगा दिए। पूछताछ के बाद घर लौटे सिसोदिया ने कहा कि जाच एजेंसी ने उनको आम आदमी पार्टी (AAP) छोड़ने को कहा। हालांकि, कुछ देर बाद ही CBI ने इन आरोपों को बेबुन्यादि बताते हुए खंडन कर दिया।
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मुख्यमंत्री बनने का ऑफर
आबकारी घोटाला मामले (Delhi Excise Policy Case) में 17 अक्टूबर को करीब 9 घंटे तक सिसोदिया से CBI ने पूछ-ताछ की। इतने लम्बे पूछ-ताछ और तीखे सवालों का सामना करने के बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री जब मीडिया के सामने आए तो उन्होंने जांच एजेंसियों पर आरोपों के पल बांध दिए। सिसोदिया ने CBI पर कई बड़ी बातें कही। मनीष सिसोदिया ने तो यहां तक दावा कर दिया कि उन्हें इस पूछताछ के बहाने दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने का ऑफर भी दिया गया।
CBI द्वारा लम्बे पूछ-ताछ के बाद मनीष सिसोदिया ने मीडिया से बात-चीत के दौरान कहा कि, “आज मैं CBI के दफ्तर में गया, मैंने देखा कि वहां घोटाले की तो कोई चर्चा ही नहीं है। यह सारा केस फर्जी है।” सिसोदिया आगे मीडिया को बताते है कि मैं जानता हूं कि यह केस फर्जी है। जिस तरह से आज मैं CBI दफ्तर में रहा, मैं यह समझ गया कि वहां भी सारा केस फर्जी है। यह केस ऑपरेशन लोटस को कामयाब कराने के लिए किया है। आज मुझे यह समझ आया कि इन्होंने सीबीआई में केस किसी घोटाले की जांच के लिए नहीं कराया है। यह बात मुझे 9 घंटे तक जांच एजेंसियों के दफ्तर में रहने पर समझ आई कि भाजपा CBI जैसी एजेंसी का इस्तेमाल कर रही है। आबकारी पर बात हुई लेकिन वहां भी साइड में मुझपर दबाव बनाया गया कि आप आम आदमी पार्टी में क्यों हो? AAP छोड़ दो। मैंने पूछा क्यों…तो उन्होंने कहा कि नहीं तो ये केस आप पर यूं ही चलते रहेंगे।
ऑपरेशन लोटस की चल रही तैयारी
मनीष सिसोदिया का भाजपा पर यह संगीन आरोप कोई नई चीज नहीं है। इससे पहले भी राजकीय और अन्य विपक्षी पार्टियों ने भाजपा पर इस तरह का आरोप लगाया है। ऑपरेशन लोटस को लेकर पहले भी आप सरकार ने भाजपा को घेरा था और अब दिल्ली के उपमुख्यमंत्री सिसोदिया के इस संगीन आरोप के बाद ऑपरेशन लोटस एक बार फिर मीडिया के सुर्ख़ियों में आ गया।
मनीष सिसोदिया आगे कहते हैं कि मुझे मुख्यमंत्री बनाने का लालच दिया गया, पर मैंने साफ-साफ मना करते हुए कहा कि मैं मुख्यमंत्री बनने के लिए नहीं बल्कि शिक्षा पर काम करने के लिए आया हूं। भइया मुझे तो खुशी मिलती है जब दिल्ली के रिक्शवाले का बेटा इंजीनियर बनता है। मैं ऑपरेशन लोटस के दबाव में नहीं आने वाला हूं।
CBI ने किया पलटवार
सिसोदिया के आरोपों के तुरंत बाद CBI ने सारे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा, ”दिल्ली एक्साइज पॉलिसी केस के संबंध में मनीष सिसोदिया से आज CBI ने पूछताछ की। FIR में लगाए गए आरोपों और अब तक इस मामले में जांच के दौरान जुटाए गए सबूतों के आधार पर उनसे सख्ती से पूछताछ की गई। उनके बयान की सत्यता की जांच की जाएगी और जांच की आवश्यकताओं के अनुसार आगे की कार्रवाई भी की जाएगी। कुछ मीडिया चैनलों ने एक वीडियो दिखाया है, जिसमें मनीष सिसोदिया CBI कार्यालय से निकलने के बाद, कैमरे पर कहा कि CBI पूछताछ के दौरान उन्हें उनकी राजनीतिक पार्टी छोड़ने लिए धमकाया गया। CBI इन आरोपों का कठोरता से खंडन करती है और कहती है कि FIR में लगाए गए आरोपों के मुताबिक ही मनीष सिसोदिया से कानूनी तरीके से पूछताछ की गई, और आगे भी इस मामले की जांच कानून के अनुसार जारी रहेगी।
क्या है आबकारी नीति घोटाला मामला?
आपको बता दें कि दिल्ली की आबकारी नीति घोटाला मामला 2021-22 को लेकर चल रहा है। दिल्ली की आप सरकार और उपमुख्यमंत्री पर यह आरोप है कि शराब के लाइसेंस देने में नियमों की अनदेखी की गई और ठेकेदारों को अनुचित तरीके से फायदा पहुंचाया गया। भाजपा ने केजरीवाल सरकार पर गलत तरीके से शराब ठेकेदारों को 144 हजार करोड़ रुपये का लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है। मनीष सिसोदिया पर आरोप है कि उन्होंने जीएनसीटीडी अधिनियम 1991, व्यापार नियमों के लेनदेन (TOBR) 1993, दिल्ली उत्पाद शुल्क अधिनियम 2009, दिल्ली उत्पाद शुल्क नियम 2010 का उल्लंघन किया है। इसी साल जुलाई में दिल्ली के मुख्य सचिव की एक रिपोर्ट के बाद उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने मामले की CBI जांच कराने की सिफारिश की थी।
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