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सिर्फ शादीशुदा ही नहीं, लिव-इन में रह रही महिलाओं को भी दिए गए हैं ये कानूनी हक़, क्या...

शादी में दरार पड़ने और तलाक होने के बाद हाल ही में महिला के अधिकारों को लेकर जनता जागरूक हुई है। लेकिन अभी भी भारत के आधे से ज्यादा हिस्सों में वैवाहिक संबंध से अलग हो जाने के बाद सही जानकारी न होने पर महिलाएं अपने हक़ की आवाज नहीं उठा पाती हैं। और अपने पार्टनर से अलग होने पर उन्हें फाइनेंशियल तरीके से काफी नुकसान उठाना पड़ता है।

ऐसे में आजकल ये सोच भी प्रकाश में आ रही है कि इस स्थिति में लिव इन रिलेशनशिप में रह रही महिलाओं के अलग होने पर उनकी परेशानियां डबल हो जाती होंगी। क्योंकि समाज में अधिकतर जगहों पर लिव इन को अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है। लेकिन क्या आपको पता है पिछले कुछ सालों में सरकार ने लिव इन में रह रही महिलाओ और बच्चों के लिए भी कुछ अधिकार सुनिश्चित किये हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने लिव इन को इस तरह किया परिभाषित 

सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिव इन रिलेशनशिप को पांच कैटेगरी में परिभाषित किया है। पहला जवान और अविवाहित पुरुष महिला के घरेलु संबंध, दूसरा शादीशुदा पुरुष और अविवाहित महिला जिसमें पुरुष के शादीशुदा होने की जानकारी महिला को होनी चाहिए, तीसरा अविवाहित पुरुष और शादीशुदा महिला जिसमें महिला के शादीशुदा होने की जानकारी पुरुष को हो, चौथा शादीशुदा पुरुष और अविवाहित महिला जिसमें पुरुष के शादीशुदा होने की जानकारी महिला को नहीं हो और पांचवा समलैंगिक पार्टनर के लिव इन रिलेशन के संबंध।

महिलाओं के क्या हैं वैवाहिक अधिकार?

सबसे पहले बता दें कि महिलाओं को क्या वैवाहिक अधिकार दिए गए हैं जिनका सहारा लेकर वो स्वतंत्र तरीके से अपनी आजीविका जिंदगी भर चला सकती हैं। इन अधिकारों में पिता की प्रॉपर्टी से लेकर बच्चों के भरण पोषण तक के अधिकार शामिल हैं। महिलाओं को भरण पोषण का अधिकार देने वाला क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (CrPC) का सेक्शन 125 है।

हिन्दू मैरिज एक्ट,1955(2) और हिंदू एडॉप्शन एंड मेंटेनेंस एक्ट, 1956 के अंतर्गत महिलाओं को तलाक के बाद भरण पोषण का अधिकार दिया गया है। जिसके लिए वो तलाक के बाद आवाज उठा सकती हैं। प्रोटेक्शन ऑफ़ वूमन फ्रॉम डोमेस्टिक वायलंस एक्ट, महिलाओं की शारीरिक, भावनात्मक, मानसिक और आर्थिक शोषण के खिलाफ सुरक्षा के लिए बनाया गया है।

लिव इन में दिए गए ये अधिकार 

इसकी सिफारिश साल 2003 में मलिमथ समिति द्वारा की गई थी। जिसके बाद सेक्शन 125 को CrPC में शामिल किया गया था। इसके तहत पत्नी का अर्थ बदला गया और  उसमें लिव इन रिलेशनशिप की महिलाओं को जोड़ा गया। इसमें बताया गया कि अगर महिला पूरी तरीके से लिव इन के दौरान पुरुष पर भरण पोषण के लिए आश्रित है,  तो अलग होने के बाद भी उसके भरण पोषण की जिम्मेदारी पुरुष पर होगी।

रिश्तों में दरार आने के बावजूद भी मेल पार्टनर को अपनी फीमेल पार्टनर की वित्तीय जरूरतों का  ख्याल रखना होगा। डोमेस्टिक वायलेंस एक्ट में भी शादीशुदा महिला के बराबर लिव इन में रह रही महिला का जिक्र है।

पेरेंट्स की वसीयत पर बेटियों का हक़ 

हिंदू सक्सेशन एक्ट, 1956 को 2005 में संशोधित किया गया। इस एक्ट में महिलाओं को पैरेंट प्रॉपर्टी पर अधिकार मिला था। इसके मुताबिक बेटियां शादीशुदा हो या अविवाहित, इन दोनों केस में ही उनको माता पिता की जमीनी जायदाद पर हक़ मिलेगा। इससे पहले ये हक़ सिर्फ बेटों को ही देने का प्रावधान था। पेरेंट्स द्वारा खरीदी गई प्रॉपर्टी पर भी उनकी वसीयत के मुताबिक हिस्सा मिलेगा।

अधर्मज संतान को भी मिलेगा प्रॉपर्टी का हिस्सा 

अधर्मज संतान का अर्थ है वो संतान जो कि बिना शादी या दूसरी शादी या किसी लड़की को धोखा दे कर पैदा की गई हो। साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर स्त्री पुरुष लंबे समय तक साथ रहते हैं तो उनके संबंधो से होने वाली संतान को वैध माना जाएगा। साथ ही CrPC के सेक्शन 125 में अपने अधर्मज बच्चों की भी भरण पोषण की जिम्मेदारी पुरुष उठाएगा। साथ ही हिंदू मैरिज एक्ट के सेक्शन 16 के तहत ये बच्चे भी पैरेंट्स की प्रॉपर्टी के उत्तराधिकारी होते हैं।

क्या आप भी केले के छिलके को बेकार समझ फेंक देते हैं? तो जानिए इनके जबरदस्त फायदे…

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“केला” जिसे ज्यादातर लोग खना पसंद करते हैं. ये खाने में जितना स्वादिष्ट होता है उसे ज्यादा इसमें कई ऐसे पोषण तत्व पाए जाते हैं जो हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद होते हैं. वहीं, जब भी कोई केले का सेवन करता है तो वो सबसे पहले उसके छिलके को उतारकर फेंकता है लेकिन क्या आपको इस बारे में जानकारी है कि जिस केले के छिलके को आप व्यर्थ समझ उतार कर फेंक देते हैं वो काफी गुणकारी होता है, तो आइए आपको किले के छिलकों के बारे में बताते हैं ये आपके किस तरह से काम आ सकते है.

माइग्रेन में मदद

जिन लोगों को सिरदर्द या माइग्रेन की समस्या है उनके लिए केले का छिलका फायदेमंद साबित हो सकता है. सिरदर्द और माइग्रेन जैसी समस्या से राहत पाने के लिए अपने माथे और गर्दन पर केले के छिलके को रगड़ें. इसमें मौजूद पौटेशियम आपको सिर दर्द से आराम दिलवाने में मददगार साबित होता है, साथ ही ये दिमाग को ठंडा भी करता है.

दांत करें साफ

अगर आप कई तरह के दंतमंजन का प्रयोग कर चुके हैं और रोजाना बर्श करने के बाद भी आपके दांत सफेद नहीं हो रहे हैं तो ऐसे में आपके लिए केले का छिलका काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. केले के छिलके के इस्तेमाल से आप अपने दांतों को चमका सकते हैं. इसके लिए अपने दांतों पर कुछ मिनट के लिए केले के छिलके के अंदर वाले भाग को रगड़िए. इसके बाद अपने दांतों को धो लीजिए. इस तरह से हफ्ते में एक बार करने पर आपके दांतों की चमक वापस आ जाएगी.

बाल बने नरम और मजबूत

केले के छिलके के इस्तेमाल से आप अपने बालों को नरम और मजबूत बना सकते है. इसके लिए आपको केले के छिलके को हेयर मास्क के जैसे प्रयोग करना है. इससे आपके बाल नरम बनने के साथ ही चमकदार भी हो जाएंगे.

त्वचा बनाए मुलायम

अगर आप अपने चेहरे की कोमलता को बरकार रखना चाहते हैं तो केले के छिलके को फेंकने की बजाए उससे अपने चेहरे पर लगभग दो मिनट तक मसाज करें. इसके बाद अपने चेहरा को धुल लीजिए. ऐसा करने से आपका चेहरा बेहद मखमली हो जाएगा. बता दें कि केले का छिलका खून साफ करने के साथ ही कब्ज जैसी समस्यां को दूर करने में मददगार साबित होता है.

नोट- हमने ऊपर आपको जो भी उपाय बताए हैं वो अलग-अलग के सूत्रों से लिए गए हैं, इन्हें अपनाने के लिए नेड्रिक न्यूज सलाह नहीं देता है. इसलिए डॉक्टर्स के कहने पर ही उपयों को अपनाएं.

महिलाओं की सुरक्षा पर केंद्र सरकार का बड़ा कदम, अब हर थाने में बनाई जाएगी महिला हेल्प ...

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हाल में महिलाओं के साथ बढ़ रहे जघन्य अपराधों को मद्देनज़र रखते हुए देश में गुस्से का माहौल है। जनता पूरे प्रशासन से महिला सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर रही है। इसी बीच केंद्र सरकार ने इन अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने देश के हर थाने में महिला हेल्प डेस्क स्थापित करने के निर्देश दिए हैं।

साथ ही इन थानों के लिए गृह मंत्रालय ने निर्भया फंड से 100 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है। बता दें कि हैदराबाद में महिला पशु चिकित्सक के रेप और मर्डर के बाद उन्नाव में रेप पीड़िता को बेरहमी से जिंदा जला देने का मामला उजागर हुआ था। जिससे देश की जनता काफी भड़की हुई है।

पूरे देश में लागू की जायेगी योजना 

केंद्र सरकार का महिलाओं को लेकर उठाया गया ये कदम पूरे देश में लागू किया जायेगा। हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के थानों में एक महिला हेल्प डेस्क बनाई जायेगी। इसकी मंजूरी गृह मंत्रालय द्वारा दी गई है जिसके लिए 100 करोड़ की राशि निर्भया फंड से ली गई है। इसकी सहायता से कोई भी महिला पुलिस स्टेशन पर अपनी शिकायत महिला हेल्प डेस्क पर कर सकेगी। इस डेस्क पर अनिवार्य रूप से महिला पुलिस अधिकारियों को तैनात किया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज का ये बयान 

सरकार की इस योजना पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जे चेलमेश्वर ने कहा है कि अपराध होने पर अपराधियों को कड़ी सजा देने की मांग उठती है, लेकिन महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर अंकुश पाने के लिए व्यवस्था को कुशलतापूर्वक ढंग से काम करने के लायक बनाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि व्यवस्था में सुधार करने के लिए जांच, अभियोजन और समाधान पर अविलंब बहस होनी चाहिए। और इस मुद्दे को अलग अलग पक्षों की सरकार के संज्ञान में लाना चाहिए।

महिला अधिकारियों को किया जायेगा प्रशिक्षित 

महिलाओं की सहायता संवेदनशील और बेहतर तरीके से की जाए, इसलिए महिला हेल्प डेस्क की अधिकारियों को ढंग से प्रशिक्षित किया जाएगा। ये हेल्प डेस्क कानूनी सहायता, परामर्श, आश्रय, पुनर्वास और प्रशिक्षण आदि की सुविधा देने के लिए वकीलों, मनोवैज्ञानिकों, गैर सरकारी संगठनों और विशेषज्ञों के पैनल को सूचीबद्ध करेगी। इन सभी का इस्तेमाल महिलाओं की मदद करने में किया जाएगा।

टीम इंडिया के खिलाड़ी मनीष पांडे ने गर्लफ्रेंड आश्रिता संग रचाई शादी, देखें खूबसूरत त...

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क्रिकेट और बॉलीवुड में एक खास संबंध हमेशा से रहा है. कई खिलाड़ियों और एक्ट्रेस के नाम एक-दूसरे के साथ जुड़ते हुए अक्सर देखे जाते है. बॉलीवुड और क्रिकेट की कई जोड़ियां भी बनी है, जिनमें से सबसे मशहूर कप्तान विराट कोहली और अनुष्का शर्मा की जोड़ी है. अब एक और क्रिकेटर एक्ट्रेस के साथ शादी के बंधन में बंध गया है लेकिन ये एक्ट्रेस बॉलीवुड की नहीं बल्कि साउथ इंडस्ट्री की है.

टीम इंडिया के बल्लेबाज मनीष पांडे ने अपनी गर्लफ्रेंड आश्रिता शेट्टी संग शादी रचा ली है. मुंबई में घर वालों की मौजूदगी में दोनों शादी के बंधन में बंधे. बेंगलुरू में रहने वाले पांडे की शादी का जश्न दो दिनों तक चलेगा. सोशल मीडिया पर दोनों की शादी की तस्वीरें जमकर वायरल हो रही है, जिसमें मनीष शेरवानी पहने हुए, तो वहीं आश्रिता कांजीवरम सिल्क साड़ी पहने हुए नजर आईं. दोनों की जोड़ी काफी जबरदस्त लग रही है.

शादी करने से पहले पांडे ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में अपनी टीम को जीत दिलाई थी. कर्नाटक की तरफ से खेलते हुए उन्होनें 45 रनों पर 60 रनों की जबरदस्त पारी खेली थी. तमिलनाडु ये मुकाबला सिर्फ एक रन से हारी. रविवार को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में टीम को चैंपियन बनाने के बाद मनीष सोमवार को शादी के बंधन में बंध गए. इसके अलावा पांडे 6 दिसंबर से शुरू होने वाली भारत बनाम वेस्टइंडीज सीरीज का भी हिस्सा हैं.

बता दें कि आश्रिता शेट्टी साउथ इंडस्ट्री का एक बेहद ही फेमस चेहरा है. 26 साल की आश्रिता साउथ की कई बड़ी फिल्मों में काम कर चुकी है. आश्रिता इंद्रजीत, ओरु कन्नयम मूनू कलावानिकलम, उदयम एनएच4 जैसी बड़ी फिल्मों में नजर आ चुकी हैं.

घरेलू क्रिकेट खेलते खेलते मनीष पांडे ने टीम इंडिया के लिए पहला वनडे मैच 2015 में जिम्बाब्वे के खिलाफ खेला था. अभी तक वो 23 वनडे मुकाबले खेल चुके है, इनमें से 18 पारियों में पांडे ने 36.66 की औसत से 440 रन बनाए है. जिसमें एक शतक और दो अर्धशतक शामिल है. इसके अलावा पांडे ने टी-20 में 31 पारियां खेली है, जिनमें से 26 पारियों में उन्होनें 37.66 की औसत से 565 रन बनाए है. इसके अलावा मनीष पांडे आईपीएल भी खेलते हैं.

दुनिया की पहली ड्रेस जिसे छुआ नहीं जा सकता लेकिन खरीदा जा सकता है, कीमत जानकर उड़ जाए...

फैशन की दुनिया में कई एक से बढ़कर एक ड्रेस मौजूद है जिनमें से कई ड्रेस तो इतनी ज्यादा महंगी होती हैं कि उन्हें छुना तो दूर हम उसका सपना देखने से भी घबराते हैं कि कहीं उसके भी हमसे दाम न मांग लिए जाएं, लेकिन अगर आपको कोई कहे कि एक ड्रेस है जो देखने में बहुत अच्छी होने के साथ मंहगी भी है और उसे कोई चाहकर भी छू नहीं सकता है तो?

ये जानकर आप सोच रहे होंगे कि ऐसी कौन सी ड्रेस हो सकती है जिसे चाहकर भी छुआ क्यों नहीं सकता है. आइए आपको ऐसी ही एक ड्रेस के बारे में बताते हैं जो इन दिनों सोशल मीडिया पर सुर्खियों में है और किस वजह से इस ड्रेस को कोई छू नहीं सकता है.

हम जिस खास ड्रेस के बारे में बात कर रहे हैं उसकी कीमत काफी हैरान कर देने वाली है. इस ड्रेस को खरीदने के लिए आपको लगभग सात लाख रुपये तक खर्च करने पड़ेंगे. बता दें कि अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को स्थित सुरक्षा कंपनी क्वांटस्टैंप के प्रमुख कार्यकारी अधिकारी रिचर्ड मा ने अपनी पत्नी के लिए ऐसी ड्रेस पर खर्चा किया है जो कपड़ा फिजीकल फॉर्म में मौजूद ही नहीं. जिसे खरीदने के लिए रिचर्ड ने 9,500 अमरीकी डॉलर का खर्चा किया है.

इस बड़ी वजह से छुई नहीं जा सकती ड्रेस

आपको बता दें कि इस ड्रेस को इसलिए नहीं छुआ जा सकता है क्योंकि ये एक डिजिटल ड्रेस है. इसे फैशन हाउस द फैब्रिकेंट ने तैयार किया है. इस ड्रेस को डिजिटल के दौर को देखते हुए खास तौर पर बनाया गया है. वहीं, अब इस डिजिटल ड्रेस के पेश होने के बाद से लोग थोड़े हैरान भी हैं.

बता दें कि इस ड्रेस को लेकर रिचर्ड मा कहना है कि सच में ये डिजिटल ड्रेस काफी महंगी है, लेकिन ये भी एक तरह के निवेश है. रिचर्ड ने आगे कहा कि मेरी पत्नी महंगे कपड़े खरीदने का शौक नहीं रखती हालांकि फिर भी वो इस ड्रेस को बनवाने की इच्छा रखी हैं.

वहीं, उन्होंने आगे बताया कि इस ड्रेस को महंगा होने के बाद भी इस वजह से बनवाया क्योंकि इसका इस्तेमाल बहुत लंबे समय तक किया जा सकता है. रिचर्ड मा का ऐसा मानना है कि आने वाले 10 साल में हर व्यक्ति ‘डिजिटल फैशन’ के दौर में चला जाएगा और ये अपने आप में पूरी तरह से अलग होगा.

क्या आप भी हैं पीठ दर्द की समस्या से बेहद परेशान? तो जरूर जान लीजिए ये घरेलू नुस्खे…

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Home remedies for Back Pain in Hindi – बदलते लाइफस्टाइ के चलते जहां हमारे खानपान में भी बदलाव हो गए हैं, तो वहीं रोजमर्रा के कामों के चलते तनाव भी बढ़ता जा रहा है. ऐसे में दिनभर बैठकर काम करने वाले लोगों के लिए तो काफी मुश्किले खड़ी हो जाती है. पूरे दिन बैठकर काम करने से पीठ के निचले भाग में काफी दर्द होने लगता है और दर्द तो इस कदर बढ़ जाता है कि सहने तक की शक्ति खत्म सी हो जाती है. वहीं, दर्द निवारक दवा खाने से एक बार के लिए दर्द में आराम तो मिल जाता है, लेकिन वो भी कुछ समय तक ही राहत देने में मददगार साबित होता और फिर से दर्द शुरू होने लगता है. अगर आप भी पीठ दर्द की समस्या से परेशान हैं और ये दर्द सही होने का नाम नहीं ले रहा है तो आज हम आपको नुस्खें बताने जा रहे हैं वो आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं, आइए आपको बताते हैं…

व्यायाम करें – Home remedies for Back Pain

रोजाना व्यायाम करने से व्यक्ति सेहतमंद रहता है, ऐसे में अगर आप व्यायाम को अपनाते हैं तो आपका शरीर लचीला बनने के साथ कमर दर्द से राहत पहुंचाता है. रोजाना व्यायाम करने से आपकी रीढ़ की हड्डी मजबूत बनीं रहेगी. साथ ही दर्द की शिकायत दूर हो जाएगी.

नमक की सिकाई

आपको सबसे पहले काले नमक को अच्छे से गर्म कर लेना है उसके बाद इसे एक कपड़े में बांध लें और फिर आपके पीठ जिस हिस्से में दर्द है, वहां पर इस कपड़े को बांधकर कुछ देर के लिए छोड़ दें. नमक की सिकाई करने से आपके मांसपेशियों को आराम पहुंचता हैं और इस असहनीय दर्द में राहत भी मिलती है.

तेल मालिश

पीठ दर्द से राहत पाने के लिए आपको सरसों का तेल लेकर अच्छे से गर्म कर लेना है. उसके बाद थोड़ा ठंडा होने पर इस अपने पीठ के उस हिस्से पर लगा लें जहां पर दर्द है और फिर इस तेल से अपने कमर की अच्छे से मालिश कर लें. ऐसा करने से आपको अपने कमर दर्द में आराम मिलेगा.

और पढ़ें: बैड कोलेस्ट्रोल को बाहर कर देंगे ये 6 अनाज, इनके सेवन से आपको मिलेगी ‘नई जिंदगी’

गर्म पानी से सिकाई – Home remedies for Back Pain

आप चाहें तो गर्म पानी से भी अपने पीठ की सिकाई कर सकते हैं. इसके लिए आपको गर्म पानी करना है और फिर गीला तौलिया या सूती कपड़ा लेकर अपनी कमर की सिकाई करनी है. ऐसा करने से आपको आराम मिलेगा.

इन बातों का रखें खास ध्यान

  • अगर आपको कमर दर्द की शिकायत रहती है तो धूम्रपान का सेवन करना छोड़े दें. क्योंकि इससे हड्डियां कमजोर होने के साथ ही इनमें दर्द की समस्यां होने लग जाती है.
  • बढ़ते वजन वाले लोगों को भी कमर दर्द की शिकायत रहती हैं, ऐसे में अगर आपका भी वजन कुछ ज्यादा ही तो जल्द से जल्द अपना वजन कम कर लें.
  • अगर आपका काम दिनभर बैठकर करने का है तो लगातार एक पॉश्‍चर में ना बैठे, हो सके तो समय समय पर अपना पॉश्‍चर बदलते रहें या फिर 1-2 मिनट के लिए खड़े होते रहें. क्योंकि एक ही तरह के पॉश्‍चर में बैठने से कमर पर बुरा असर पड़ने के साथ ही दर्द की शिकायत होने लगती है.
  • रोजाना नियमित तौर पर दध, दही, दाल या अंडे का सेवन करना चाहिए क्योंकि इनका सेवन करना हड्डियों के लिए काफी उत्तम माना जाता है, जो हमारी हड्डियों को मजबूत बनाती हैं.
  • व्यक्ति के लिए विटामिन डी लेना भी काफी जरूरी होता है और धूप से विटामिन डी प्राप्त होता है. इसलिए आपको रोजाना कम से कम 15-20 मिनट तक धूप में भी जरूर बैठना चाहिए.

अगर आपको भी है किडनी में पथरी की समस्या तो जरूर अपनाएं ये घरेलू उपचार, मिलेगी राहत

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Home remedies for Kidney Stone in Hindi – अक्सर कई लोग किडनी में पथरी की समस्या से जूझते हुए नजर आते है. इसकी वजह से लोगों को तेज पेट दर्द जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. साथ ही कई लोगों को यूरीन डिस्चार्ज के दौरान भी दर्द होता है. वैसे तो हमारे देश के लोग हर बीमारी का कोई ना कोई घरेलू उपचार निकाल ही लेते है. आप बड़े-बुजुर्गों से पूछ लें उनके पास ज्यादातर सभी बीमारियों के घरेलू उपचार होते है.

लेकिन क्या आपको पता है कि किडनी की पथरी के भी कुछ घरेलू उपचार है, जिसकी मदद से किडनी में मौजूद स्टोन आपके शरीर से बाहर निकल सकती है. आज हम आपको ऐसे ही कुछ घरेलू उपचार के बारे में बताने जा रहे है जिससे आपको किडनी में स्टोन की समस्या से छुटकारा मिल सकता है. आइए जानते हैं इसके बारे में…

ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं

डॉक्टर भी ये सलाह देते है कि स्टोन की समस्या में ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए. अगर आप किडनी में स्टोन की समस्या से जूझ रहे है तो जितना हो सके उतना अधिक पानी पिएं. अगर आप रोजाना 10 गिलास पानी पीते है तो स्टोन आपके शरीर से बाहर निकल सकते हैं और साथ ही आपको दर्द से भी बहुत राहत मिलती है. इतना ही नहीं पानी का अधिक सेवन करने से किडनी में दोबारा स्टोर बनते भी नहीं है.

रोजाना पिएं नींबू पानी

रोजाना एक गिलास नींबू पानी पीने से भी आपको इस बीमारी से छुटकारा मिल सकता है. नींबू के रस में सिट्रिक एसिड होता है जो पथरी को तोड़ने का काम करता है और इससे पथरी आपके शरीर से बाहर निकल जाती है. आप चाहते हैं तो नींबू पानी में ऑलिव ऑयल भी डालकर पी सकते हैं.

रोजाना खाएं अनार – Home remedies for Kidney Stone in Hindi

जिन लोगों को स्टोन की समस्या है उनको रोजाना अनार जरूर खाना चाहिए. अनार के जूस से आपको स्टोन से राहत मिल सकती है. अनार के अंदर एस्ट्रीजेंट होता है जो किडनी की पथरी को खत्म कर देता है. रोजाना इस फल को बीज के साथ खाएं.

नारियल पानी

जिन लोगों को किडनी में स्टोन होती है डॉक्टर भी उन्हें नारियल पानी पीने की सलाह जरूर देते हैं. एक नारियल पानी रोजाना पीने से किडनी में पथरी नहीं बनती और मौजूदा पथरी भी टूटकर बाहर निकल जाती है.

और पढ़ें: बैड कोलेस्ट्रोल को बाहर कर देंगे ये 6 अनाज, इनके सेवन से आपको मिलेगी ‘नई जिंदगी’ 

क्या आप जानते हैं फेफड़ों की इस जानलेवा बीमारी के लक्षण और बचाव, हर साल होती है लगभग ...

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CPOD se kaise Bachen – आज के समय में व्यक्ति को कब, कौन सी बीमारी अपना शिकार बना ले कुछ कहा नहीं जा सकता, ऐसे में सबसे जरूरी होगा कि हमें हर तरह की बीमारियों और उनसे बचने के उपायों के बारे में जानकारी जरूर रखनी चाहिए. इसलिए आज हम आपको फेफड़ों से जुड़ी एक ऐसी बीमारी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे अभी बचाव नहीं किया तो बाद में पछताना पड़ सकता है, क्योंकि ये जानलेवा बीमारी दुनियाभर में तेजी से फैल रही है और इससे हर साल करीब 15 लाख लोगों की मौत भी हो जाती हैं, तो आइए आपको इसके बारे में बताते हैं…

दुनियाभर में फैल रही इस बीमारी को क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) कहा जाता है, जोकि फेफड़ों की बीमारी है. इसके लक्षण अस्थमा और ब्रोंकाइटिस से मिलते-जुलते हैं. ये सीओपीडी है जिसमें व्यक्ति की एनर्जी कम होने लगती है और वो कुछ कदम चलकर ही थकने लगता है. इसके अलावा सांस नली में नाक से फेफड़े के बीच सूजन की वजह ऑक्सीजन की सप्लाई घटती है. जिसका प्रभाव दूसरे अंगों पर भी पड़ता है.

सीओपीडी के लक्षण

अगर बात करें सीओपीडी के लक्षण की तो इसका सबसे पहला लक्षण ये होता है कि व्यक्ति को 2 महीने तक लगातार बलगम की तकलीफ रहती है और उसे खांसी के सामान्य सिरप और दवाईयां भी असर नहीं करती हैं. ज्यादा बलगम वाली खांसी की समस्या होना, सांस लेने में घरघराहट, सीने में जकड़न होना, खासकर शारीरिक श्रम करने पर और सांस की तकलीफ आदि इसके लक्षण हैं.

प्रमुख कारण

क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) की मुख्य वजह धूम्रपान है. इसके अलावा फैक्ट्रियों और चूल्हे से निकलने वाला धुआं भी इसका कारण बनता है. इतना ही नहीं पेंट में प्रयोग होने वाले रसायन, सांस के साथ अंदर जाने वाले कीटनाशक और टीबी की पुरानी बीमारी भी खास कराण हैं.

जांचे

जहां जांच के दौरान फेफड़ों की ताकत की जांच करने के लिए स्पाइरोमेट्री का इस्तेमाल किया जाता है, तो वहीं एक्स-रे की मदद से रक्त या बलगम टैस्ट करने के साथ ही छाती में संक्रमण का पता लगाया जाता है. बहुत बार जांच में सीटी स्कैन या एमआरआई भी कराते हैं.

क्या है सीओपीडी का इलाज

सीओपीडी के इलाज के दौरान ज्यादातर मरीजों को इंहेलर दिया जाता है, जोकि बहुत कारगर होता है. सांस लेने में ज्यादा समस्या होने पर मरीजों को ऑक्सीजन थैरेपी भी दी जाती है. इतना ही नहीं मरिज के लक्षणों को देखते हुए उन्हें विभन्न दवाइयां भी दी जाती हैं. मानसिक और शारीरिक लक्षणों के आधार पर होम्योपैथी पद्धति में दवाई दी जाती हैं. जबकि आयुर्वेद में गोदंती भस्म और श्वांस कुठार रस भी दी जाती है.

प्राणायाम और योग ज्यादा असरदार

फेफड़ों की इस बीमारी में प्राणायाम और योग करने से काफी लाभ होता है. अगर कोई व्यक्ति इसे नियमित रूप से रोजाना करता है तो सीओपीडी की आशंका खत्म हो जाती है. कहा जाता है कि प्राणायाम इसके शुरूआती चरण को कम कर इसके बढ़ने के खतरे को भी खत्म कर देता है. इसके अलावा आप चाहें तो अनुलोम-विलोम,कपालभाति, सिंहासन, सर्वांगासन, भुजंगासन और ओम के उच्चारण के साथ सूर्यनमस्कार कर सकते हैं, लेकिन ध्यान ऐसा करने से पहले आपको किसी विशेषज्ञ की राय जरूर लेनी चाहिए.

देसी नुस्खे – CPOD se kaise Bachen

  • सीओपीडी के मरीजों को रोजाना गुनगुने पानी का सेवन करना चाहिए, क्योंकि इससे कफ हल्का होता है और फेफड़ों को भी राहत मिलती है.
  • रोजाना दिन में दो से तीन बार दालचीनी और गुड़ या शहद का सेवन करने से भी मरीज को इस बीमारी में राहत मिलती है.
  • मरीजों को दूध में शहद,हल्दी, तुलसी की पत्तियां और अदरक का रस मिलाकर सेवन करने से काफी लाभ होता है और कफ बनना भी रुक जाता है.
  • रोजाना रात के समय सोने से पहले एक गिलास दूध में लहसुन की चार से 5 कली का पेस्ट बनाकर उसमें डाले और फिर अच्छे उबाल लें. इसके बाद उसे ठंडा करके पी लें. ऐसा करने से संक्रमण कम होगा.

सावधानी

आपको इसका खास ध्यान देना है कि अगर सीओपीडी के कोई भी लक्षण आपमें है तो अपने वजन को बढ़ने से रोकें, वायु प्रदूषण वाले स्थानों पर न जाएं और गलती से भी धूम्रपान न करें. अगर आप इस समस्या से परेशान हैं तो दवाई नियमित रूप से वक्त पर लें और बिना डॉक्टर की सलाह के कोई एक्सरसाइज या योग न करें.

और पढ़ें: बैड कोलेस्ट्रोल को बाहर कर देंगे ये 6 अनाज, इनके सेवन से आपको मिलेगी ‘नई जिंदगी’ 

केवल 80 घंटों तक फडणवीस ने संभाला महाराष्ट्र में सीएम पद, जानिए किन मुख्यमंत्रियों का...

राजनीति गलियारो में एक पद को पाने के लिए राजनेता कई तरह की नीतियों को अपनाते रहते हैं, ऐसे में जब बात आती सत्ता हासिल करने की तो कई उम्मीदवार खड़े हो जाते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री का पद हासिल करना भी कोई आम बात नहीं है, बहुमत के साथ जनता का विश्वास जीतना भी बेहद जरूरी होता है. वहीं, महाराष्ट्र में कई दिनों से मुख्यमंत्री के पद को लेकर राजनीतिक उठापटक चलने और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे के बाद से एक बार फिर ये चर्चा का विशेष बन गया कि किसकी सरकार कौन से राज्य में बहुत कम समय तक रही? इसके अलावा किन राजनीतिक परिस्थितियों के कारण मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना पड़ा.

आपको बता दें कि विभन्न प्रदेशों के करीब एक दर्जन नेता ऐसे रह चुके हैं जो कुछ दिन या फिर कुछ घंटे तक ही अपने प्रदेश के मुख्यमंत्री रह पाए और फिर उनको इस्तीफा देना पड़ा, तो आइए आपको बताते हैं.

इन मुख्यमंत्रियों का कार्यकाल बेहद छोटा

मुख्यमंत्री का नाम   साल   राज्य समय (कितने दिन तक रहे मुख्यमंत्री)
सतीश प्रसाद सिंह 1968 बिहार 5 दिन
बी पी मंडल 1968 बिहार 31 दिन
सी एच मोहम्मद कोया 1979 केरल 45 दिन
जानकी रामचंद्रन 1988 तमिलनाडु 23 दिन
जगदंबिका पाल  1998 उत्तर प्रदेश 1 दिन
एस सी मराक  1998  मेघालय 3 दिन
ओम प्रकाश चौटाला 1990 हरियाणा 5 दिन
ओम प्रकाश चौटाला 1991 हरियाणा 4 दिन
शिबू सोरेन 2005 झारखंड 9 दिन
बीएस येदियुरप्पा 2007 कर्नाटक 8 दिन
बीएस येदियुरप्पा 2018 कर्नाटक 3 दिन

 

देवेंद्र फडणवीस का नाम भी हुआ शामिल

वहीं, सीएम पद की शपथ लेकर इस्तीफा देने वालों की 11 राजनेताओं की लिस्ट में 12वां नबंर देवेंद्र फडणवीस का भी जुड़ गया है. देवेंद्र का मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने का कार्यक्रम भी काफी हैरान करने वाला था, क्योंकि किसी को भी ये उम्मीद नहीं थी कि देवेंद्र यूं अचानक से शपथ ले लेंगे. जिसके बाद महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ गया था, यहां तक कि विपक्षी पार्टियों ने कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया, जहां सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट कराने का निर्णय सुनाया. जिसके बाद पहले डिप्टी सीएम ने इस्तीफा दिया और फिर सीएम ने भी अपने पद से इस्तीफा दे डाला. इसके चलते अब उनका नाम भी सबसे कम समय तक मुख्यमंत्री रहने वालों की सूची में दर्ज हो गया. बता दें कि देवेंद्र फडणवीस दूसरी पारी में लगभग 80 घंटों के लिए ही मुख्यमंत्री के पद पर रह पाए और उन्होंने 26 नवंबर, मंगलवार की शाम को इस्तीफा दे दिया.

केवल एक हफ्ते में बनाएं अपनी फटी एड़ियों को नरम, जानिए ये 4 बेहतरीन नुस्खें!

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Home remedies for Torn Heels – सर्दियों के मौसम की शुरूआत होती नहीं है कि उसे पहले ही हमारे स्कीन ड्राय होनी शुरू हो जाती हैं और इस मौसम में पैरों में रूखापन आना या एड़ियों का फटना तो एक आम बात है. बहुत बार तो एड़ियां इस तरह से फट जाती हैं कि इनमें दर्द होने के साथ-साथ खून तक निकलना शुरू हो जाता है. वहीं, क्या आप भी इस समस्या से परेशान हैं?, तो बस हम आपकी इस समस्यां को दूर करने के लिए नुस्खे बताने जा रहे हैं, जिसकी मदद से आपकी  फटी एड़ियां एकदम सही होने के साथ मुलायम हो जाएंगी, आइए आपको बताते हैं…

तेल की मालिश करें

अगर आपकी भी एड़ियां फट रही हैं तो इन पर नारियल के तेल से मालिश करें. इसके लिए नारियल का तेल लें और उसे गर्म करके अपने पैरों पर लगा लें. ऐसा करने से आपके पैर मुलायम बनने के साथ ही रुखेपन से मुक्त होते हैं.

पेट्रोलियम जेली लगाएं

यूं तो सर्दी के मौसम में पेट्रोलियम जेली लगाने से त्वाचा के रूखेपन में नमी आती है, वहीं जिन लोगों की एड़ियां बुरी तरह से फटी हुई हैं उन्हें रोजाना रात को सोने से पहले अपने ए़ड़ियों पर पेट्रोलियम जेली लगाकर मौजे पहन लें. इस तरह से रोजाना करने पर सिर्फ एक हफ्ते में आपकी एड़िया सही हो जाएंगी.

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हल्दी

अगर आपकी एड़ियां फट रही है और उसमें से खून भी निकल रहा है तो इसके लिए आप सबसे पहले पानी को गर्म कर लें और उसमें हल्दी और नारियल का तेल डाल दें. इसके बाद इस पानी में अपने पैरों को लगभग 10 मिनट तक रखें. इस तरह से करने पर आपके पैरों से खून निकलना बंद हो जाएगा. इसके अलावा आप चाहे तो हल्दी का लेप बनाकर भी इनपर लगा सकते हैं. इसके लिए आपको हल्दी में नारियल का तेल मिलाकर इस लेप को अपने पैरों पर लगाकर सूखने के लिए छोड़ दें. उसके बाद गुनगुने पानी से इसे साफ कर लें.

शहद – Home remedies for Torn Heels

रोजाना नहाने के बाद अपने पैरों पर शहद लगाएं, ऐसा करने से आपके पैरों का रुखापन दूर हो जाएगा और आपके पैरों की नमी बरकरार रहेगी. इसके लिए आप सबसे पहले आधे कप पानी लें और उसमें एक चम्मच शहद डाल दें. इसके बाद इससे अपना पैर धो लें.