दीवान जरमानी दास की किताब “महाराजा” में लिखा गया है कि पटियाला के राजा भूपेंद्र सिंह भारत के सबसे अय्याश राजा थे. कहा जाता ही कि उनकी 365 रानियां थी जिनमे से सिर्फ 10 रानियों को राजा की पत्नी का हक़ था. कुछ लोगो का अनुमान है कि उनके कुल 86 बच्चे थे. हम सब जानते है कि भारत के इतिहास में विभिन्न ऐसे वीर पैदा हुए है, जिन्होंने अपने कामों से भारत का नाम रौशन किया है. इसके साथ ही कुछ ऐसे भी राजा भी हुए है जिन्हें उनके कामों से अपने राज्य का नाम बदनाम ही किया है. जिसमे सबसे पहले राजा भूपेंद्र सिंह का नाम गिना जाता है. उनके ऐसे रंगीले शौक थे, जिन्हें सुनकर कोई भी उन्हें अय्याश राजा ही कहेगा. हम आपको बात दे कि यह राजा पंजाब में पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के पूवज है.
दोस्तों, आईये आज हम आपको राजा भूपेंद्र सिंह के जीवन के कुछ ऐसे ही किस्सों से रूबरू कराते है जिन्हें सुनकर आप समझ जाएंगे कि वह कितने अय्याश राजा थे. उनकी रंगीली आदतों ने उन्हें अय्याश राजा की उपाधि दिला ही थी.
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राजा भूपेंद्र सिंह
राजा भूपेंद्र सिंह पाटियाला के राजा थे. जिनका जन्म 12 अक्टूबर 1891 में पटियाला के राजवंश में हुआ था. किन्ही पारिवारिक कारणों की वजह से उन्हें छोटी उम्र में ही राजा की गद्दी पर बैठा दिया था, लेकिन 18 साल की उम्र में उन्होंने राज्य का कार्यभार संभाला था. बचपन से ही सारे ऐश और आराम मिले, छोटी उम्र से ही अपने मन के करने की आदत ने उन्हें एक अय्याश राजा बना दिया था. जिसके चलते उनकी 365 रानियां थी जिनमे से सिर्फ 10 रानियों को राजा की पत्नी का हक़ था. उन्हें कुल 84 बच्चे थे, जिनमे से 20 की मृत्यु हो गयी थी. कुछ लोगो का मानना था कि वह स्त्रियों के साथ साथ पुरुषों के साथ भी रासलीला करता था.
लीला महल की कहानी
कहा जाता है कि राजा भूपेंद्र सिंह जो भारत के सबसे अय्याश राजा थे, उन्होंने अपनी अय्याशी और रंगरलियो के लिए अलग से महल बनवाया था, जिसका नाम लीला महल था. कहा जाता है कि लीला महल में कपड़े पहन कर प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी, उस महल में राजा का एक अलग कमरा भी होता था. जिस कमरे में वह अपनी पसंद की रानी के साथ रात बिताता था. यह महल आज भी पटियाला में है. राजा को शराब के भी काफी शौक था जिसके चलते उन्होंने पटियाला पैग का नाम भी दिया था.
क्रिकेट में रणजी ट्रॉफी की शुरुआत
राजा भूपेंद्र सिंह ऐसे पहले राजा थे जिन्होंने खुद के लिए विमान खरीदा था, साथ ही रनवे भी बनवाया था. उनके पास 44 रोल्स रॉयल थी, जिनसे प्रति दिन राज्य के दौरा किया जाता था. राजा भूपेंद्र सिंह को अपनी रॉयल जिन्दगी के लिए भी जाना जाता था. उन्होंने अपने समय में सबसे ज्यादा रॉयल जीवन जीया है. राजा भूपेंद्र सिंह क्रिकेट के शौकीन थे, क्रिकेट में रणजी ट्रॉफी की शुरुवात भी राजा भूपेंद्र सिंह ने की थी. लेकिन बाद में अपनी अय्याशी के चलते वह खेल से भी दूर हो गए थे.
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