वेश्यावृत्ति जो व्यापर आज से ही नहीं बल्कि राजाओं के समय चल रहा हैं. जहाँ एक समय राजा के महल में कई वेश्या होती थी तो वहीं आज के समय में कई महिलायें हैं जो इस ये व्यापार करती है और पैसा कमाती हैं. वहीं इस पोस्ट के जरिए हम आपको भारत के उन वेश्यावृत्ति जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ पर ये व्यापार चलता है.
जी.बी रोड
इस लिस्ट में सबसे पहले नाम राजधानी दिल्ली का जी.बी रोड (G.B ROAD) का है जिसे भारत का दूसरा सबसे बड़ा देह बाजार कहा जाता है. रिपोर्ट के अनुसार, यहां पर 200 से ज्यादा कोठे हैं और दिल्ली में इन कोठों पर रोज शाम को जिस्म का व्यापार होता है. कई सारे खरीदार आते हैं और यहां लड़कियों और महिलाओं के जिस्म की खरीद-फिरोक करते हैं. वहीं यहां पर काम करने वाले महिला मज़बूरी के कारण इस काम को करती हैं तो वहीं कई महिला है जो दूसरे जगहों से आई है और यहां फंस गयी है और मज़बूरी में इस कामा को कर रही हैं.
नागपुर
अगला नाम देश की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली महाराष्ट्र राज्य का नागपुर है. ये भारत का पांचवा सबसे बड़ा वेश्यावृत्ति का अड्डा है. नागपुर स्थित इस रेड लाइट एरिया पर बेहद ही कम पैसों में वेश्या अपने जिस्म को बेचती हैं. वहीं यहां पर कई महिला इस कम को थोड़े से पैसे कमाने के लिए करती हैं.
कमाठीपुरा
वहीं अगला नाम कमाठीपुरा (Kamathipura) मुंबई का है. इस जगह पर 1990 से वेश्यावृत्ति की जा रही है. कमाठीपुरा भारत का चौथा सबसे बड़ा वेश्यावृत्ति केंद्र है. यहां पर भी कई सारी महिला और लड़कियाँ देह व्यपार करती है और अपना घर चलाती हैं. कहा जाता हैं शाम के समय यहां महिला अपने ग्राहक के इंतजार में जुटना शुरू हो जाती है और इस काम के अच्छे-खासा पैसा भी लेती है.
सोनागाछी
भारत का सबसे बड़ा देह व्यापार का कोलकाता स्थित सोनागाछी में भी होता है. यहां पर वेश्याओं की संख्या 10 हजार से अधिक है. यह रेड लाइट एरिया एशिया के सबसे बड़े देहव्यापार के ठिकानों में से एक है. इस जगह पर जहाँ कई महिला और लड़कियां देह व्यापार करती है तो वहीं इनके खरीदरों की भी कमी नहीं है.
मजबूरियों के कारण वेश्यावृत्ति करती है महिलायें
आपको बता दें, वेश्यावृत्ति में आने वाली महिलायें ज्यादातर पारिवारिक या सामाजिक मजबूरियों की वजह से ये काम करती हैं देश के इन मुख्य जगहों पर वेश्यावृत्ति ही घर चलाने और कमाई का सबसे बड़ा जरिया है. वहीं भारत में कई ऐसी जगह हैं जहाँ पर ये धंधा गाँव में चलता है. वहीं इस धंधे में उनकी फैमिली वाले भी सपोर्ट करते हैं क्योंकि उनके साथ भेदभाव होता हैं जिसकी वजह से उन्हें अपन घर की महिलाओं को इस काम को करने के लिए भेजना पड़ता हैं. वहीं इस वजह से कई महिला ऐसी भी है जो जबरदस्ती इस काम को करती है.
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