संविधान से इंडिया नाम हटाने पर जानिए बाबा साहेब के विचार…

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पिछले कुछ दिनों में इंडिया का नाम बदल कर दिया जाए भारत करने की बातें चल रही है. सारी सोशल मीडिया और मेनस्ट्री मीडिया में इस बात के ऊपर खूब चर्चा हो रही है, की सरकार हमारे देश का नाम इडिया से बदल कर भारत करने जा रही है. लेकिन इससे अलग भी कुछ तथ्य है, जिनकी जानकारी होनी चाहिए. देश का नाम बदलना इतना आसन नहीं होता जितना आसान बताया जा रहा है. हमारे देश संविधान आर्टिकल एक में बाबा साहेब ने लिखा है कि “इंडिया  दैट इज भारत यूनियन ऑफ स्टेट” यानि “इंडिया ही भारत है जो राज्यों का संघ है” ऐसे में भारत सरकार को गवर्नमेंट ऑफ इंडिया लिखा जाए या गवर्नमेंट ऑफ भारत एक ही बात होती है. दोनों नाम ही पूरी तरह से संवैधानिक है.

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हम आपको बता दे कि भारतीय राष्ट्रपति को लेकर जब ANI ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से सवाल किया, तो उन्होंने भी स्पष्ट रूप से कहा कि इंडिया यानि भारत यह संविधान में लिखा गया है. और यह बात सही भी है. हमारे देश का संवैधानिक नाम इंडिया यानि भारत ही है, जिसको बाबा साहेब ने संविधान का निर्माण करते समय बनाया था.

देश के नाम पर बाबा साहेब के विचार

जो भी हमारे देश का नाम भारत, भारतवर्ष या और कुछ रखना चाहते है, हम आपको बता दे कि देश के नाम पर बाबा साहेब के क्या विचार थे, जब संविधान सभा में संविधान का निर्माण करते समय देश का नाम लिखने की बात आई तो काफी विवाद उत्पन हुए थे, संविधान सभा के अध्यक्ष राजेंदर प्रसाद थे और बाबा साहेब संविधान के प्रारूप समिति के ड्राफ्ट अध्यक्ष थे. संविधान सभा में लोगो ने देश के विभिन्न नामों को बताया था जैसे भारत, भारतवर्ष, हिंद, इंडिया आदि…

हम आपको बता दे कि देश के संविधान का पहला आर्टिकल देश के नामकरण से जुड़ा है, देश के नाम का मत हरि विष्णु, HV कामत को देना था, संविधान सभा की बैठक में देश के नाम को लेकर काफी बहस के हो रही थी, और बहुत समय खराब हो रहा था. जिस पर बाबा साहेब ने कहा कि देश का नाम जल्दी निर्धारित करो ताकि समय बचाया जा सके, हमारे पास समय की बहुत कमी है. बाबा साहेब देश के नाम से ज्यादा देश के कानूनों को अधिक महत्व मानते थे. जिसके बाद देश का नाम इंडिया यानि भारत रखा गया.

अगर हमारे देश का नाम बदलना है तो उसके संविधान संशोधन के लिए बिल लेकर आना पड़ेगा. अनुच्छेद एक में संशोधन करने के लिए कम से कम दो-तिहाई बहुमत का वोट चाहिए होगा. इस बिल को लोकसभा और राजसभा दोनों में पास करवाना पड़ेगा इसके बाद जाकर देश का नाम बदलेगा. इसके बाद भी भारत को उन सभी अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों को सूचित करना पड़ेगा जहाँ हमारे देश का नाम इडिया लिखा है. वहां से नाम बदला जायेगा फिर देश का नाम बदल सकता है.

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