जेल जहाँ पर अपराध करने वाले शख्स को कोर्ट द्वारा सजा मिलने पर कैदी के तौर पर रहना पड़ता है. देश के हर राज्य में कई सारी जेल हैं और इन जेल में हर प्रकार के कैदी रहते हैं. वहीं जेल में रहने वाले कैदी को काम भी करना है और इस काम को करने के लिए उन्हें सैलरी भी मिलती है. वहीं इस पोस्ट के जरिए हम आपको इस बात की जानकारी देने जा रहे हैं कि भारत के किस राज्य में कैदियों सबसे ज्यादा सैलरी मिलती है.
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इस आधार पर तय होती है कैदियों की सैलरी
जानकारी के अनुसार, कैदियों को काम करने का तरीका उनकी क्षमता और कुशलता के तौर पर निर्भर होता है और इस आधार पर उन्हें वेतन मिलता है. कैदी को जो सैलरी मिलती है उसे कैदियों के बैंक में अकाउंट जमा किया जाता है और इस सैलरी का कुछ हिस्सा जेल में खर्च करने के लिए भी दिया जाता है. वहीं जब कैदी की सजा पूरी होती है तब उसे उसकी पूरी जमा की हुई सैलरी दे दी जाती है.
कैदी को कितनी मिलती है सैलरी
2017 में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा जारी 2015 के जेल आंकड़ों के अनुसार, पुडुचेरी ने कुशल अभियुक्तों, अर्द्ध कुशल अभियुक्तों और अकुशल अभियुक्तों को क्रमश: 180 रुपये, 160 रुपये और 150 रुपये प्रति दिन की मजदूरी तय की. इसके बाद दिल्ली के तिहाड़ ने क्रमशः 171 रुपये, 138 रुपये और 107 रुपये दिए. अगला बिहार (156 रुपये, 112 रुपये, 103 रुपये) और राजस्थान (150 रुपये, शून्य और 130 रुपये) थे.
इस राज्य के कैदी को मिलती है ज्यादा सैलरी
रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिम बंगाल के कैदी को 35 रुपये से 26 रुपये छत्तीसगढ़ के कैदी को 30 रुपये से 26 रुपये, मध्य प्रदेश में 55 रुपये से 50 रुपये मिलता है. वहीं सूरत की जेल में कैदियों के लिए डायमंड प्रोसेस यूनिट खोली गई है. जिससे हर कैदी हर महीने करीब 20,000 रुपए तक कमा लेता है. वहीं हिमाचल प्रदेश में एक कैदी फर्नीचर का काम करके अच्छा पैसा कमा लेता है.
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