हम हर रोज काम करते है, सुबह से शाम तक हम काम करते रहते है. जिसके बाद हमारे पास भक्ति करने, ईश्वर को याद करने और संगत का समय नहीं मिलता है. कि हम बैठ कर थोडा ध्यान तक लगा सके. तो सवाल यह है कि इतने बिजी होने के बाद हम हमारे लिए टाइम कब निकले, हम कब भगवान को याद करे, कब भक्ति करे, संगत करे? यह सवाल आजकल बहुत ज्यादा लोगो का है कि अगर हम भगवान को याद नहीं करेंगे तो हमे मुक्ति कैसे प्राप्त होगी लेकिन इसके साथ ही काम करना भी जरूरी है, अगर हम काम नहीं करेंगे तो हमारे पास पैसे कहा से आएंगे, अगर हम पैसे नहीं कमा पाए तो घर परिवार का ध्यान कैसे रखेंगे. तो हमारा जीवन आसानी से जीने के लिए हमे काम करना भी जरूरी है.
दोस्तों, आईये आज हम आपको बताएंगे कि गुरु साहिब के अनुसार कैसे हम काम करते समय सिखी का अभ्यास करे.
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काम करते समय सिखी का अभ्यास कैसे करें
सिखों साहिब जी से जब भाई गुज्जर जी ने पुछा था कि मैं पूरा दिन कम करता हूं, मुझे सिखी का अभ्यास करने का समय नहीं मिलता तो गुरु जी मुझे बताएं कि मैं कैसे काम के साथ सिखी का अभ्यास करू? उस समय गुरु साहिब ने भाई गुज्जर जी को तीन सलाह दी थी, जिससे हम काम करते समय सिखी का अभ्यास कर सकते है.
- पहली सलाह है कि हमे अपने काम पर जाने से पहले थोडा समय खुद के लिए निकलना चाहिए, जिसमें हम शांति से बैठकर भक्ति कर सके. जिस में हम अपनी सारी चीजों को भूल कर गुरु को याद कर सके. उस समय हम सारा ध्यान खुद में लगा सकते है, सुबह उठ कर, नहा कर हमे पाठ करना चाहिए.
- दूसरी सलाह सेवा करने की दी थी, हम जब भी हमारे घर में कोई सिख, गुरु, या संत और कोई भी गरीब आए या फिर कोई जरूरत मंद आए हमें उनकी सेवा करनी चाहिए. इससे भी हम सिखी का अभ्यास कर सकते है. गुरु साहिब ने कहा है कि आपको आपकी कमाई का 10 प्रतिशत सेवा में लगाना चाहिए, जिससे हम एक सच्चे सिख बनेगे. ये सलाह सभी काम करने वालों पर लागू होती है जब हमे सिखी का अभ्यास करने का समय नहीं मिलता तो हमे सेवा करनी चाहिए.
- तीसरी सलाह है कि हमे ध्यान लगाना चाहिए, जिससे हमे रिधि-सिधी प्राप्त होगी. जब भी हमे काम करते समय सिखी का अभ्यास करने का समय नहीं मिलता है तो हमे किसी भी समय थोडा बहुत ध्यान लगा लेना चाहिए, जिससे हम खुद को शांत और गुरु के आस पास महसूस करेंगे.
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