भारतीय दंड संहिता में जुर्म और उसकी सजा के प्रावधान तो मिलते ही हैं, साथ-साथ अन्य मामलों (cases) की कानूनी जानकारी (legal Information) भी हासिल होती है. ऐसे ही आईपीसी (IPC) की धारा 65 (Section 65) में जुर्माना न देने पर कारावास की अवधि का प्रावधान किया गया है. तो चलिए जानते हैं कि आईपीसी (IPC) की धारा 65 इस बारे में क्या कहती है? लेकिन इससे पहले जानते हैं कि आखिर कैसे मामलों में जुर्माना न देने पर आपको जेल की हवा खानी पड़ सकती है.
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कभी कभी ऐसा होता है कि आप के ऊपर कोई केस होता है जिसपर कोई धारा लगती है जिसमे कभी कभी जुर्माने का प्रावधान भी होता है जिसे अगर आप नहीं चुका पाते तो उसके लिए भी एक नयी धारा आपके ऊपर लग जाती है. या फिर कभी ऐसा भी होता है कि आप सरकारी चीज़ों की तोड़ फोड़ जैसे बस ट्रेन या कहीं भी किसी भी चीज को तोड़ते हैं तो आपके ऊपर जुर्माना लगाया जाता है और अगर वो जुर्माना नहीं भर पाते तो आपके ऊपर इस धारा का अमल होता है.
क्या कहती है IPC की धारा 65?
भारतीय दंड सहिंता की धारा 65 में इस बात का प्रावधान है कि जब कारावास और जुर्माना दोनों आदिष्ट(commanded) किए जा सकते हैं, तब जुर्माना न देने पर कारावास की अवधि कितनी हो. IPC की धारा 65 के अनुसार, यदि अपराध (Crime) कारावास (Imprisonment) और जुर्माना (fine) दोनों से दण्डनीय (punishable) हो, तो वह अवधि, जिसके लिए जुर्माना देने में व्यतिक्रम होने की दशा के लिए न्यायालय (Court) अपराधी को कारावासित करने का निदेश (order to imprison) दे, कारावास की उस अवधि (that term of imprisonment) की एक चौथाई से अधिक न होगी, जो अपराध (Crime) के लिए अधिकतम नियत (maximum fixed) है.
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कैसे काम करती है धारा 68
भारतीय दंड संहिता की धारा 68 के अनुसार, आर्थिक दण्ड के भुगतान में चूक होने की दशा के लिए अधिरोपित कारावास तब समाप्त हो जाएगा, जब वह आर्थिक दण्ड या तो चुका दिया जाए या विधि की प्रक्रिया द्वारा वसूल कर लिया जाए. यानि की अगर आपके ऊपर लगाया गया जुर्माना अपने भर दिया है या उसे सम्बंधित विभाग द्वारा विधिपूर्वक ले लिया गया है तो आपका का कारावास समाप्त हो जाएगा और आप आजाद हो जाएंगे लेकिन इसका मतलब ये नहीं की आप फिर से उसी को दोहराएं.
क्या होती है IPC?
भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) IPC भारत में यहां के किसी भी नागरिक (Citizen) द्वारा किये गये कुछ अपराधों (certain offenses) की परिभाषा (Definition) और दंड (Punishment) का प्रावधान (Provision) करती है. आपको बता दें कि यह भारत की सेना (Indian Army) पर लागू नहीं होती है.
पहले आईपीसी (IPC) जम्मू एवं कश्मीर में भी लागू नहीं होती थी. लेकिन धारा 370 हटने के बाद वहां भी आईपीसी लागू हो गई. इससे पहले वहां रणबीर दंड संहिता (RPC) लागू होती थी.
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