Achoota Itihas by Awanish Tiwari – भारतीय इतिहास मिथकों से भरा पड़ा है या यूं कहें कि जानबूझकर मिथकों को अपने हिसाब से तराशा गया, उसमें मिर्च मसाला लगाया गया और देश के सामने परोस दिया गया. आम जनमानस को भी चीजों से मतलब नहीं था और शायद आज भी नहीं है. ऐसे में उन्हें जो परोसा गया, जो दिया गया, उसे ही पढ़ते गए, सुनते गए और उसी धारा में बहते गए.
इस माध्यम से जनता की बुद्धि को जकड़ने का प्रयास किया गया और यह उनके दिमाग में डाला गया कि जो उन्हें पढ़ाया जाता है, जो उन्हें सुनाया जाता है, वही सच है. लेकिन वास्तविकता इससे बिल्कुल उलट है. अमेरिका के सुप्रसिद्ध स्कॉलर ने कभी कहा था कि जितनी छेड़छाड़ भारत के इतिहास से हुई है, उतनी छेड़छाड़ दुनिया के किसी भी देश के इतिहास में कभी नहीं हुई. ऐसे में भारत के इतिहास को कितना विकृत किया गया, इसका अंदाजा आप लगा सकते हैं.
इतिहास के कड़ियों को जोड़ती है यह पुस्तक
भारत के स्वर्णिम इतिहास में ऐसी तमाम चीजें हैं, जिन्हें वामपंथी इतिहासकारों ने हमेशा के लिए दफन कर दिया लेकिन आज भी सच्चाई जमीन फाड़कर चिंघाड़ती है. अवनीश तिवारी (Awanish Tiwari) की पुस्तक ‘अछूता इतिहास’ (Achoota Itihas) इसी सच्चाई को प्रदर्शित करती है, जिन्हें वामपंथी इतिहासकारों ने सदियों से दफना रखा है. यह पुस्तक उन तथ्यों को उकेरती है, जिन्हें जानना आम जनमानस के लिए बहुत ही जरुरी है. इसमें इतिहास की 7 अलग-अलग कहानियां हैं, जो कई सम्राटों के ‘महानता’ की पोल खोलती है, तो वहीं कई ऐसे सम्राटों की कहानियों को सामने लाती है, जिन्हें छिपा दिया गया था.
अगर आप सम्राट अशोक को ‘महान’ मानते हैं, तो यह पुस्तक आपको पढ़नी चाहिए. आपका भ्रम दूर हो जाएगा.
आप भी नंद वंश को गाली देते हैं, तो यह पुस्तक आपको पढ़नी चाहिए. आपका भ्रम दूर हो जाएगा.
अगर आप चाणक्य को पूजते हैं, तो यह पुस्तक आपके भ्रम को तोड़ने में मील की पत्थर साबित होगी.
ऐसी ही तमाम सच्चाई 7 कहानियों के रूप में इस पुस्तक में उकेरी गई है. कड़ियों को जोड़ने का प्रयास किया गया है और इतिहास के उस पहलू से लोगों को अवगत कराने का प्रयास किया गया है, जो आज तक हमारी और आपकी नजरों से ओझल है.
‘अपनी बात’ में लेखक ने क्या लिखा है ?
“हमारे देश का इतिहास स्वर्णिम रहा है. अभी से ज्यादा विकसित और स्थिर हम पहले भी थे. उस समय भारत ही सबकुछ हुआ करता था. ऐसे ही हमें ‘सभ्यताओं का देश’ कहलाने का गौरव प्राप्त नहीं हुआ है, उसके पीछे की कहानी अलग थी और सच्चाई भी. मानव जाति का उद्गम स्थल, मानव सभ्यता की जन्म स्थली, अनेकता में एकता का महाद्वीप, भूत और भविष्य का महाद्वीप, विषमताओं से युक्त महाद्वीप, महान धर्मों की पवित्र भूमि जैसे कई उपनाम एशिया को मिले लेकिन उसके पीछे पूरी कहानी भारत की ही है.
Achoota Itihas by Awanish Tiwari – भारत की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि यहां हर चीज संभव है, नामुमकिन को मुमकिन किया जा सकता है और हम यह करते आए हैं. लेकिन पश्चिमी मानसिकता और ‘कुंठित’ इतिहासकारों ने भारत के इतिहास के साथ न्याय नहीं किया. हमारा इतिहास इतना विशाल, विस्तृत और समृद्ध है कि उसके आगे दुनिया नतमस्तक हो जाए लेकिन भूत में हम पर तमाम ऐसी चीजें थोपी गईं कि हम अपने अस्तित्व से ही विस्मृत होते चले गए. हमें जो बताया गया, जो पढ़ाया गया, जो कहा गया, जैसा कहा गया वैसे ही सारी चीजें करते और सुनते आ गए, अपने जीवन में उतारते आ गए. जिसका नतीजा ये हुआ कि हम कभी भी अपने इतिहास पर गर्व कर ही नहीं पाए.
इस किताब में मैं आपको वैदिक काल या फिर रामायण, महाभारत या भगवद् गीता के बारे में नहीं बताऊंगा बल्कि इस किताब में मैं आपको प्राचीन इतिहास के वैदिक काल और उत्तर वैदिक काल के बाद से लेकर मध्यकालीन इतिहास तक की कुछ वैसी कहानियां और वैसे शूरवीर सम्राटों के बारे में बताऊंगा, जिसके बारे में हमें कभी भी बहुत अधिक बताया नहीं गया या यूं कहें कि दरबारी इतिहासकारों, कुछ पंथ और संप्रदायों ने अपने फायदे के लिए उन्हें महिमामंडित किया और बौद्ध, जैन संप्रदाय भी इससे अछूते नहीं रहे.“
और पढ़ें: INDIA VS NDA: प्वाइंट्स में समझिए किसके पास कितने सांसद है, कितनी पकड़ है और किसमें कितना दम है
यहां से कर सकते हैं ऑर्डर
यह पुस्तक हाल ही में रिलीज हुई है. अगर आप भी भारतीय इतिहास के मर्म को समझना चाहते हैं तो आप इसे यहां से ऑर्डर कर सकते हैं-
Flipkart: https://dl.flipkart.com/s/D1r6zKuuuN
Amazon: https://www.amazon.in/Achoota-Itihas-Awanish-Tiwari/dp/B0CKX8MWRS
BFC Publication: http://store.bfcpublications.com/product/65053c99f027a5c6a6fea107
Google Play Books: https://books.google.co.in/books/about?id=813XEAAAQBAJ&redir_esc=y