आचार्य चाणक्य जिनके महान राजनीति ज्ञान और रचना नीति शास्त्र के जरिये चन्द्रगुप्त मौर्य के साम्राज्य की स्थापना हुई और विस्तार भी हुआ. आचार्य चाणक्य दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं और उन्होंने अर्थशास्त्र समेत कई प्रमुख रचनाएं की हैं और आज के समय में भी उनकी कई नीतियाँ हैं जिन्हें लोग फॉलो करते हैं. आचार्य चाणक्य ने सुखी जीवन जीने के लिए कई सारी निति के बारे में बताया है और अगर व्यक्ति इन्हें अपनाता तो वह तमाम मुसीबतों से मुक्त हो सकता है. वहीं इस पोस्ट के जरिये हम आपको आचार्य चाणक्य द्वारा बताई गयी इन्ही नीतियों के बारे बताने जा रहे हैं.
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आचार्य चाणक्य की नीतियाँ
आचार्य चाणक्य कि एक रचना चाणक्य नीति के इस श्लोक में कहा गया है व्यक्ति को चार जगहों पर कभी लज्जा नहीं करनी चाहिए. ऐसा करना उसके जीवन के लिए घातक हो सकता है। वह अपने श्लोक में कहते हैं
धनधान्यप्रयोगेषु विद्या संग्रहेषु च
आहारे व्यवहारे च त्यक्तलज्ज: सुखी भवेत्।।
इस शोल्क के अनुसार, आचार्य चाणक्य कहना चाहते हैं कि किसी भी इंसान को इन चार जगहों पर कभी शर्म नहीं करनी चाहिए.
- आचार्य चाणक्य का कहना है कि व्यक्ति को कभी भी धन कमाने से जुड़े कामों को करने में शर्म नहीं करनी चाहिए. लेकिन धन कमाने के लिए गलत राह का भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
- आचार्य चाणक्य के अनुसार अगर आपने किसी को पैसे उधार दिए हैं तो उसे वापस वापस मांगने में शर्म न करें और अगर अपना पैसा नहीं मांगते हैं तो आपको नुकसान का सामना करना पड़ सकता है.
- इसी एक साथ आचार्य चाणक्य का कहना है कि मनुष्य को कभी भी कहीं भी भोजन करते समय शर्म नहीं करनी चाहिए. वहीँ आचार्य ने कहा कि घर से बाहर निकलकर कहीं भोजन करने में संकोच करते हैं और इसकी वजह से कई बार भूखे ही रह जाते हैं. इसलिए भोजन हमेशा बिना शर्म के करना चाहिए.
- इसी के साथ चाणक्य नीति के अनुसार किसी से शिक्षा लेना या कुछ सीखना गलत नहीं है. आपको जब जहां किसी से कुछ सीखने का मौका मिले तो बिना शर्म किए सीखें. अगर आप शर्म के मारे उस चीज को नहीं सीखते तो इसमें आपका ही नुकसान है.
चाणक्य नीति में हैं कई सारी नीतियाँ
आपको बता दें, आचार्य चाणक्य की नीतियों का ही संग्रह चाणक्य नीति है, जिसमें ऐसी नीतियों का जिक्र किया गया है जिन्हें अपना लोग जीवन में सफलता हासिल कर सकते हैं. आचार्य चाणक्य की कई नीतियां हैं और अपनाकर इंसान सफल बन सकता है.
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