कामसूत्र की कलाएं – महर्षि वात्स्यायन ऋषि ने जब चौथी शताब्दी के आसपास दुनियाभर में सबसे ज्यादा बिकने वाला ग्रंथ कामसूत्र लिखा तो तहलका मच गया. जब पहली बार करीब 200 साल पहले सर रिचर्ड एफ बर्टन ने इसका अनुवाद किया तो ये इसे खरीदने की ऐसी होड़ मची की इसकी प्रतियां दिन प्रतिदिन कम पड़ने लगी थी. इसकी एक-एक प्रति 100 से 150 पौंड (8000 रुपए से 12000 रुपए) तक में बिकी. वात्सायायन ने अपने इस ग्रंथ में 64 कलाओं का जिक्र किया है. जिन्हें जानने वाला जीवन के किसी क्षेत्र में मात नहीं खा सकता.
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दरअसल जब भी काम सूत्र की बात होती है तो लगता है कि ये ऐसी किताब है, जो केवल यौन आसनों और सेक्स पर आधारित है, लेकिन ऐसा है नहीं. ये केवल कामसूत्र का एक हिस्सा है. यौन-मिलन से सम्बन्धित भाग ‘संप्रयोगिकम्’ एक अध्याय के तौर पर है, ये संपूर्ण ग्रंथ का 20 फीसदी ही है. इस ग्रंथ का अधिकांश हिस्सा स्त्री और पुरुषों के आचार-व्यवहार और काम के प्रति दर्शन को लेकर है. माना जाता है कि अर्थ क्षेत्र में जो स्थान चाणक्य का है, वही काम के क्षेत्र में कामसूत्र का है.
क्या हैं कामसूत्र की वो 64 कलाएं
वात्स्यायन ने कामसूत्न में जिन 64 कलाओं का जिक्र किया है, वो दरअसल हमारे जीवन में आने वाली विधाएं हैं. वो आज भी प्रासंगिक हैं. हां वो बात अलग है कि समय के साथ कुछ कलाएं ऐसी हैं जो अप्रासंगिक हो चुकी हैं तो कुछ ऐसी भी है जो अब भी बहुत उपयोगी हैं. हालांकि माना जाता है कि वात्स्यायन ये कलाएं स्त्रियों को ध्यान में रखकर लिखीं, लेकिन ये पुरुषों के लिए उतनी ही जरूरी हैं.
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प्रमुख कलाएं
- गानविद्या– आपको गाने में प्रवीण होना चाहिए. आप जब गाएं तो सुनने वाला बस उसी में खो जाए.
- वाद्य – तरह तरह के बाजे बजाना आना चाहिए.
- नृत्य – बेहतर डांस करने वाला अपनी आकर्षक भाव भंगिमाओं और अदाओं से किसी को भी सम्मोहित कर सकता है.
- नाट्य – जीवन में अभिनय की बहुत जरूरत पड़ती है, लिहाजा इसमें पारंगत होने पर आप कहीं भी मात नहीं खाएंगे, अपना काम बनवा सकते हैं.
- चित्रकारी – ये वो कला है, जो आपको खुद को अलग तरह से जाहिर करने की ताकत देती है.
- विचित्र सिद्धियाँ दिखलाना– निश्चित तौर पर वात्सायायन का आशय प्राचीन काल की उन सिद्धियों की ओर होगा, जो कम लोग जानते हों और उनका विशेषज्ञ होकर अप अपनी खास स्थिति बना सकते हैं. मौजूदा जमाने में इसका मतलब तकनीक क्षेत्र में नई चीजों के प्रति पकड़ को लेकर समझा जा सकता है.
- कूटनीति– कूटनीति घर से लेकर बाहर तक हर जगह जरूरी है, इसमें पारंगत होने से जीवन आसान हो जाता है
- ग्रंथों को पढ़ाने का चातुर्य – विद्वान होना चाहिए और ग्रंथों की जानकारी होना चाहिए ताकि इन्हें पढ़ाकर धाक जमा सकें.
- समस्यापूर्ति करना – यानि तरह तरह के मैनेजमेंट में उस्ताद होना. जो आज भी उतना ही जरूरी है
- विभिन्न देशों की भाषा का ज्ञान – कई विदेशी भाषाओं का जानकार होना आपकी काबिलियत और लर्निंग की तेजी की क्षमता को दिखाता है.
- समस्त कोशों का ज्ञान- इससे आपको दुनियाभर की हर क्षेत्र की जानकारी होगी
कुछ उपयोग में आने वाली कलाएं
- हाथ की फुर्ती के काम
- कपड़े और गहने बनाना
- रत्नों को नाना प्रकार के आकारों में काटना
- रत्नों को नाना प्रकार के आकारों में काटना
- विजय प्राप्त कराने वाली विद्या
- खानों की पहचान
- हार-माला आदि बनाना
- कान और चोटी के फूलों के गहने बनाना
- फूलों के आभूषणों से श्रृंगार करना
- नयी-नयी बातें निकालना
कुछ खास कलाएं
- कठपुतली बनाना, नाचना
- वृक्षों की चिकित्सा
- छल से काम निकालना
- समस्त छन्दों का ज्ञान
- वस्त्रों को छिपाने या बदलने की विद्या
मन्त्रविद्या
आम इंसान के काम न आने वाली कलाएं
- मणियों के रंग को पहचानना
- चाहे जैसा वेष धारण कर लेना
- चावल और पुष्पादि से पूजा के उपहार की रचना करना
- फूलों की सेज बनाना
- दांत, वस्त्र और अंगों को रंगना
- मणियों की फर्श बनाना
- शय्या-रचना (बिस्तर की सज्जा)
- जल को बांध देना
- कानों के पत्तों की रचना करना
- सुगंध वस्तुएं-इत्र, तैल आदि बनाना
- इंद्रजाल-जादूगरी
- सूई का काम
- पट्टी, बेंत, बाण आदि बनाना
- भेड़ा, मुर्गा, बटेर आदि को लड़ाने की रीति
- तोता-मैना आदि की बोलियां बोलना
- उच्चाटनकी विधि
- केशों की सफाई का कौशल
- मुट्ठी की चीज या मनकी बात बता देना
- म्लेच्छित-कुतर्क-विकल्प
- शकुन-अपशकुन जानना, प्रश्नों उत्तर में शुभाशुभ बतलाना
- नाना प्रकार के मातृकायन्त्र बनाना
- सांकेतिक भाषा बनाना
- मनमें कटक रचना करना
- द्यूत क्रीड़ा
- दूरके मनुष्य या वस्तुओं का आकर्षण
- बालकों के खेल
- बेताल आदि को वश में रखने की विद्या
किताब की खास बातें
कामसूत्र की कलाएं – इस किताब को दुनिया की पहली यौन संहिता भी कहा जाता है, जिसमें यौन प्रेम के मनोशारीरिक सिद्धान्तों तथा प्रयोगों की विस्तार से व्याख्या की गई है. अर्थ के क्षेत्र में जो स्थान कौटिल्य के अर्थशास्त्र का है, काम के क्षेत्र में वही स्थान कामसूत्र का है.– कहा जाता है कि अरब के विख्यात कामशास्त्र ‘सुगन्धित बाग’ (Perfumed Garden) इसी के आधार पर लिखी गई थी. उस पर इस ग्रंथ की अमिट छाप है
- इस किताब में दांपत्य जीवन के संबंधों के साथ कला, शिल्पकला एवं साहित्य को भी प्रमुखता से दिया गया है
- राजस्थान की दुर्लभ यौन चित्रकारी तथा खजुराहो, कोणार्क आदि की जीवंत शिल्पकला इसी किताब के आधार पर सृजित की गई.
- ये किताब जीवन में तीन प्रमुख तत्व आधार की बात धर्म, अर्थ और काम की बात करती है और तीनों को जीवन के लिए जरूरी बताती है.
- वात्स्यायन का दावा था उनका ग्रंथ पति-पत्नी के धार्मिक, सामाजिक नियमों की राह दिखाता है. जो जो दंपति इसके अनुसार जीवन गुजारेंगे, उनका जीवन हमेशा सुखी रहेगा.
- ये ग्रंथ 36 अध्यायों में बंटा हुआ है, इसमें 1250 श्लोक हैं. इस पर गुप्त युग की गहरी छाप है.
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जानना और पढ़ना जरूरी
कामसूत्र की कलाएं – कामसूत्र एक ऐसी रचना है, जिसने साहित्य, कला,संस्कृति आदि में अनेक महान वकालजयी कृतियों के सृजन को प्रेरणा दी है. राजस्थानी कलम में रचित अनेक चित्र, खजुराहो के विश्प्रसिद्ध मूर्तिशिल्प, अनेक रीतिकालीन कवियों की काव्यरचनाओं का प्रेरणास्रोत रहा है आचार्य वात्स्यायन रचित कामसूत्र.
बेशक हम में से बहुत सारे लोगों ने कामसूत्र नहीं पढ़ा होगा,लेकिन शायद ही ऐसा कोई हो, जिसे इसके बारे में पता न हो. वैसे ज्यादा संभावना यही है कि हमारी यह जानकारी बहुत सीमित और एकांगी हो. कामसूत्र को अधिकतर लोग एक सेक्स मैन्युअल के रूप में देखते हैं, जिसका उद्देश्य लोगों को उनके यौन संबंधों को बेहतर बनाने की शिक्षा देना है. लेकिन वास्तविकता इसके एक दम विपरीत है.