जानिए क्या है ये प्रकृति आपदा भूकंप और कैसे इससे बचे
जिसकी ना कोई भविष्यवाणी कर सकता है और ना ही इसको लेकर कोई तैयारी की जा सकती है. इस आपदा को भूकंप कहा जाता है. ये भूकंप (earthquake) एक प्रकृति आपदा (natural disaster) है जो ना समय देखती है और न ही जगह लेकिन इस भूकंप का असर कई दूर तक रहता है. कहा जाता है इस भूकंप का केंद्र जिस भी जगह होता है उससे कई हज़ार किलोमीटर तक इसका असर रहता है लेकिन क्या आप जानते हैं ये भूकंप क्या है.
जानिए क्या है भूकंप
जब पृथ्वी की सतह के हिलती है उस समय महसूस किया जाता है की भूकंप आया है. वहीं भूकंप आने के पीछे का कारण है कि पृथ्वी के स्थलमण्डल (लिथोस्फ़ीयर) में ऊर्जा के अचानक मुक्त हो जाने के कारण उत्पन्न होने वाली भूकम्पीय तरंगों की वजह से होता है.
वहीं इस भूकंप का केंद्र जिस भी क्षेत्र में होता है वह पर नुकसान देखें को मिलता है. कई बार ऐसा होता है कि भूकंप के झटके आसानी से महसूस किये जाते हैं लेकिन कई बार ऐसा होता है कि भूकंप महसूस नहीं होता है.
कब आता है भूकंप
रिपोर्ट के अनुसार, धरती की चार परत इनर कोर, आउटर कोर, मेंटल और क्रस्ट. क्रस्ट और ऊपरी मेंटल को लिथोस्फेयर कहा जाता है. लिथोस्फेयर यह 50 किलोमीटर जितनी मोटी परत होती है. ये परत वर्गों में बंटी है और इन्हें टेक्टोनिकल प्लेट्स कहते हैं. पूरी धरती 12 टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है. इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है. ये प्लेटें इसी लावे पर तैर रही है और इनके टकराने से ऊर्जा निकलती है जिसे भूकंप कहते है. वास्तव में यह प्लेंटे बहुत धीमी गति के साथ घूमती रहती है. इस प्रकार ये हर साल 4-5 मिमी अपने स्थान से खिसक जाती है. कभी कोई प्लेट दूसरी प्लेट के निकट आ जाये तो दूर हो जाती है. ऐसे में कभी-कभी ये टकरा भी जाती है जिससे भूकंप की आता है. वहीं ये भी कहा जाता है कि भूकंप ज्वालामुखी विस्फोट, माइन टेस्टिंग, न्यूक्लियर टेस्टिंग एक कारण भी आता है.
कैसी मापी जाती है भूकंप तीव्रता का मापन
भूकंप किस जगह आएगा और कितना तेज होगा इस बता की जानकारी का पता कोई भी नहीं लगा सकता लेकिन भूकंप की तीव्रता यानि की इसका प्रभाव कितना है इसका पता लगाने के लिए वैज्ञानिक रिक्टर स्केल का इस्तेमाल करते है. वहीं आम आदमी को इस बात की जानकारी न्यूज़ चैनल के जारिए से मिल जाती है इस भूकंप की तीव्रता कितनी है.
भूकंप से कैसे बचे
वैसे तो इस भूकंप का आने का नही ही कोई तय समय है और ना ही इस बात की जानकारी होती है कि किस जगह ये भूकंप आएगा. जिसकी वजह से इससे बचने के उपाय का पता होना या ना होना कोई बड़ी बात नही है. लेकिन अगर आपको भूकंप महसूस होता है तो आप को शांत रखते हुए बचाव करने के लिए बिना समय बर्बाद किये बिना बिल्डिंग, घर, या अपने कमरे से बाहर खुली जगह में जाये. वहीं अगर आप घर से बाहर नहीं आ पाते तो डेस्क, टेबल, पलंग के नीचे छुप जाये. वहीं बड़ी इमारतों के आसपास खड़े ना हो. अपने घर में सभी बिजली से चलने वाली वस्तुओं को बंद कर दे.
आपको बता दें, इन बातों का ध्यान रखकर भूकंप के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है.