25 अक्टूबर से दिल्ली के पेट्रोल पंपों पर होगा नियम लागु
आज के इस युग में सभी के लिए प्रदूषण एक बहुत बड़ी समस्या बन गई है। पूरा विश्व इस प्रदूषण नामक संकट से अपने-अपने स्तर पर लड़ रहा है। इसी तरह भारत में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया गया है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आज घोषणा की है कि राष्ट्रीय राजधानी में 25 अक्टूबर से पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUC) के बिना पेट्रोल, डीजल नहीं दिया जाएगा।
प्रदूषण से निपटने के लिए पहले भी उठाये गए हैं कदम
दिल्ली में पहले भी प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार ने बहुत सारे कदम उठाएं थे। कुछ समय पहले भी दिल्ली सरकार ने पटाखों के निर्माण, बिक्री और जलाने पर रोक लगाया था। इसी को देखते हुए मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि दिल्ली के लोगों ने प्रदूषण से निपटने के लिए पिछले कुछ सालों में बहुत सारे उपाय किए हैं। इसका नतीजा यह है कि दिल्ली के वायु प्रदूषण में काफी हद तक सुधार हुआ है। पहले भी राष्ट्रिय राजधानी में नवंबर में सर्दी की शुरुआत के साथ ही कई इलाकों में स्मॉग की समस्या गंभीर हो जाती है, इसे रोकने के लिए दिल्ली सरकार अभी से PUC को लेकर सख्त कदम उठा रही है। राय ने दावा किया कि दिल्ली में पीएम 10 लेवल में 18.6% का सुधार हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली सरकार ने व्हीकल पॉल्यूशन से निपटने के लिए खास प्लान बनाया है, जिस कारण सरकार ने यह निर्देश दिया है कि पेट्रोल पंप बिना पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के वाहनों को पेट्रोल न दें। इस आदेश को लागु करने के लिए 25 अक्टूबर तक का वक्त दिया गया है। लेकिन 25 अक्टूबर के बाद दिल्ली में बिना PUC के किसी को भी पंप पर पेट्रोल नहीं मिलेगा।
पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए सरकार ने जो मानक बनाए हैं, उसके अनुसार, अगर गाड़ी के धुएं से प्रदूषण फैल रहा है, तो इस बात की पुष्टि के लिए पोल्यूशन टेस्ट होता है। इस टेस्ट के बाद जो सर्टिफिकेट दिया जाता है, उसे PUC कहा जाता है। भारत में पेट्रोल या डीजल से चलने वाली गाड़ियों के लिए यह सर्टिफिकेट जरूरी है। बिना इस सर्टिफिकेट के आप ट्राफीक नियमों का भी उल्लंघन करते हैं।
केजरीवाल सरकार ने जारी किया विंटर एक्शन प्लान
दिल्ली में प्रदूषण के संकट से निपटने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार का विंटर एक्शन प्लान जारी कर दिया है। केजरीवाल सरकार का कहना है कि दिल्ली में 24 घंटे बिजली की वजह से जनरेटर चलने बंद हो गए, जिस वजह से राजधानी के प्रदूषण लेवल में कमी आई है। दूसरी तरफ दिल्ली के दोनों थर्मल पावर प्लांट बंद कर दिए गए हैं। जिसके बाद दिल्ली में कोई भी कोयला से चलने वाला पावर प्लांट नहीं बचा। केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में हो रही डस्ट पोलूशन पर भी कड़ी कार्रवाई की है। दिल्ली सरकार ने कंस्ट्रक्शन साइट पर नियमों की अनदेखी करने वालों के लिए भी भारी जुर्माना किया है।
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