मणिपुर में ऐसा क्या हुआ कि देर रात स्टार एथलीट को मांगनी पड़ी पीएम से मदद

Manipur Violence Updates
Source- Nedrick News

Manipur Violence Updates – जहाँ देश की राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवान धरना- प्रदर्शन कर रहे हैं और भारत सरकार से मदद की गुहार कर रहे हैं तो वहीं इस बीच भारतीय महिला मुक्केबाज मैरी कॉम ने देर रात पीएम मोदी से मदद गुहार लगाई. दरअसल, मणिपुर में विरोध प्रदर्शन हुआ और इस आदिवासी आंदोलन के दौरान हिंसा भड़क गई. वहीं इस हिंसा-प्रदर्शन के बीच भारतीय महिला मुक्केबाज मैरी कॉम ने देर रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद मांगी.

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जानिए क्यों हुई मणिपुर में हिंसा 

जानकारी के अनुसार, मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) श्रेणी में शामिल करने की मांग के विरोध में 3 मई को छात्रों के एक संगठन ने विरोध प्रदर्शन किया था. इस आदिवासी आंदोलन के दौरान हिंसा भड़क गई, जिसके बाद कई जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया और पूरे मणिपुर में अगले पांच दिनों के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं.

मैरी कॉम ने मांगी मदद – Manipur Violence Updates 

वहीं इस हिंसा-प्रदर्शन के बीच भारतीय महिला मुक्केबाज मैरी कॉम ने देर रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद मांगी. भारतीय महिला मुक्केबाज मैरी कॉम ने देर रात करीब पौने तीन बजे ट्वीट कर लिखा, “मेरा राज्य मणिपुर जल रहा है. कृपया मदद कीजिए.” उन्होंने इस ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री कार्यालय, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को टैग करते हुए मणिपुर में आगजनी की फोटो शेयर की हैं.

कई जिलों में लगा कर्फ्यू इंटरनेट सेवा हुई बंद 

बुधवार को मैतेई समुदाय को एसटी श्रेणी में शामिल करने की मांग का विरोध करने के लिए ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (ATSU) की ओर से मार्च बुलाया गया था. इसी मार्च के दौरान चुराचांदपुर में हिंसा भड़क गई थी. पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस रैली में हजारों प्रदर्शनकारी शामिल हुए. इस दौरान तोरबंग इलाके में आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच हिंसा की खबरें आईं.

भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे गए और अधिकारी के मुताबिक, इंफाल पश्चिम, काकचिंग, थौबल, जिरिबाम और बिष्णुपुर के अलावा आदिवासी बहुल चुराचांदपुर, कांगपोकपी और तेंगनौपाल जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. इसके साथ ही पूरे राज्य में इंटरनेट सेवाओं को तत्काल प्रभाव से पांच दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया गया.

राज्य सरकार ने मांगी सेना और सशस्त्र बलों की मदद

वहीं, राज्य सरकार की ओर से 3 मई की रात को सेना और सशस्त्र बलों की मदद मांगी गई थी, जिसके बाद सेना ने राज्य पुलिस के साथ मिलकर देर रात स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हस्तक्षेप किया और सुबह तक हिंसा पर काबू पा लिया गया था. वहीं प्रदर्शन को नियंत्रण में रखने के लिए फ्लैग मार्च किया जा रहा है.

इसी के साथ इस प्रदर्शन को मैतेई को एसटी में शामिल करने के खिलाफ छात्र संगठन ने कहा कि राज्य के नेता खुले तौर पर मैतेई की मांग का समर्थन कर रहे हैं और आदिवासी हितों की सामूहिक रूप से रक्षा करनी चाहिए. आपको बता दें, मैतेई समुदाय मणिपुर के पहाड़ी जिलों में रहता है. समुदाय की ओर से दावा किया गया है कि म्यांमार और बांग्लादेशियों के बड़े पैमाने पर अवैध अप्रवासन के चलते उन्हें कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.

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