राजस्थान सरकार ने शुरू की पहल, ट्रांसजेंडर को लिंग परिवर्तन करने पर मिलेंगे 2.50 लाख रूपये
ट्रांसजेंडर (transgender) जिन्हें लोग एक अलग ही नजर से देखते हैं. क्योंकि इनक ‘सेक्शुअल ऑर्गन’ और जेंडर अलग-अलग है. मतलब लड़का बनकर पैदा हुआ कोई शख़्स लड़की जैसा महसूस करे या लड़की के शरीर में जन्मा शख़्स लड़के जैसा महसूस करे. वहीं उनका असली जेंडर जन्म के वक़्त निर्धारित जेंडर से मेल नहीं खाता. जिसकी वजह से उन्हें समाज में बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है. वहीं इस बीच ट्रांसजेंडर को समाज में सम्मान दिलाने के लिए राजस्थान सरकार ने 2.50 लाख देने की पेशकश करी है.
सेक्स बदलने पर सरकार देगी 2.50 लाख
राजस्थान सरकार देश के 20 हजार से अधिक ट्रांसजेंडर के लिए एक पहल शुरू की है और ये पहल लिंग परिवर्तन करने को लेकर है. दरअसल, राजस्थान सरकार ने घोषणा करी है ट्रांसजेंडर्स की इच्छा से लिंग परिवर्तन सर्जरी (सेक्स रिअसाइन्मेंट सर्जरी) कराई जाएगी। तो इसके लिए 2.50 लाख रु. तक की सहायता सरकार देगी।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने इसके लिए ‘उत्थान कोष’ बनाया है। इसमें 10 करोड़ रुपए रहेंगे। वहीँ विभाग के उपनिदेशक ओमप्रकाश तोषनीवाल ने बताया कि सरकार या तो सर्जरी निशुल्क करवाएगी या फिर 2.50 लाख रु. का भुगतान करेगी। इच्छुक पात्र ट्रांसजेंडर सामाजिक अधिकारिता न्याय विभाग में आवेदन करेंगे। संभवत राजस्थान देश का पहला राज्य होगा, जहां इस तरह के बदलाव की शुरुआत हो रही है।
ट्रांसजेंडर दिवस पर इस पहल की शुरूआत
विभाग के अधिकारियों के मुताबिक सरकार 20 नवंबर को ट्रांसजेंडर दिवस के मौके पर इस पहल की शुरुआत करेगी. वहीं ट्रांसजेंडर समुदाय के व्यक्तियों के लिए पहचान पत्र बनाने के लिए विशेष शिविर आयोजित करेगी जो राज्य के सभी जिलों में आयोजित किए जाएंगे. मंत्री टीकाराम जूली ने हाल में अधिकारियों को पहचान पत्र बनाने के लिए सरल प्रक्रिया अपनाने के निर्देश भी दिए हैं.
कैसा बदला जाता है सेक्स
कोटा जेकेलोन अस्पताल में गायनोकॉलोजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. भारती सक्सेना ने बताया कि कई महिलाएं और पुरुष नॉर्मल नहीं होते। हार्मोन के कारण अंगों की बनावट और प्रकृति में परिवर्तन हो जाता है। इनकी सेक्स रिअसाइन्मेंट सर्जरी की जाती है। पहले यह देखा जाता है कि ट्रांसजेंडर में लेडीज हार्मास अधिक हैं या पुरुष।
इससे पहले सायकाट्रिस्ट की मदद से काउंसलिंग होती है। फिर अभिभावकों की सहमति से एसआरएस सर्जरी की जाती है। एसआरएस सर्जरी के कई जटिल चरण हैं। इसमें मनोचिकित्सा, हार्मोन थेरेपी व याद शल्य चिकित्सा का प्रयोग किया जाता है।
आपको बता दें, 2011 की जनगणना के अनुसार राजस्थान में ट्रांसजेंडर की आबादी 16,500 थी लेकिन इसके बाद यूएनडीपी के साथ संयुक्त गणना में लगभग 22517 के पास बताई गई थी. वहींराजस्थान सरकार ने 2016 में राजस्थान ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड की स्थापना की थी जिसके तहत ट्रांसजेंडर समुदाय की समस्याओं को हल करना, नीतियां निर्धारित करना और नई योजनाओं के निर्माण और संचालन जैसे काम किए जाते हैं.
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