अमृतपाल सिंह! जिसका कभी धार्मिक मामलों से दूर दूर तक कोई नाता नहीं था, लड़कियों से अश्लील बातें करता था, वीडियो बनाकर उन्हें पैसों के लिए ब्लैकमेल करता था, दुबई में ड्राइवर था. और वो अचानक पंजाब लौटता है और छह महीने के भीतर भारत में खालिस्तान की चाहत रखने वालों को प्रखर नेता बन जाता है. दीप सिद्धू की मौत के बाद वारिस पंजाब दे का स्वघोषित मुखिया बन बैठा. खुफिया एजेंसी को पता चला है कि अमृतपाल को आईएसआई के इशारे पर भारत में अशांति और आतंक फैलाने के लिए पंजाब भेजा गया है. वह यहां युवाओं का ब्रेनवॉश करने लगा. उन्हें आत्मघाती हमले के लिए उकसाने लगा. खुद की आर्मी तक बना डाली. इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि इतने कम समय में वह कैसे कुछ लोगों का लीडर बन गया. उसे लोकल नेटवर्क खड़ा करने में कौन मदद कर रहा था, उसकी फंडिंग कहां से हो रही थी, लोगों के बीच उसे फेमस करने के पीछे किसका माइंड था. आइए जानते हैं अमृतपाल के राइट हैंड की लिस्ट में कौन-कौन शामिल था.
पत्नी किरणदीप कौर (Kirandeep Kaur)
इस लिस्ट में सबसे पहला नाम आता है उसकी पत्नी किरणदीप कौर का. भगौड़े अमृतपाल ने 10 फरवरी को ब्रिटेन में रहने वाली एनआरआई लड़की किरणदीप कौर से शादी की थी. सूत्रों की माने कल पुलिस ने अमृतपाल की गैर कानूनी गतिविधियों के लिए कथित विदेशी फंडिंग के सिलसिले में किरणदीप कौर से पूछताछ की थी. पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि अमृतपाल सिंह ने विदेशी स्रोतों से मिले पैसों को खर्च कर अपने और अपने आदमियों के लिए नई एसयूवी खरीदी. पुलिस को आशंका है कि किरणदीप को अमृतपाल को हो रही विदेशी फंडिंग की जानकारी थी.
दलजीत सिंह कलसी (Daljeet Singh Kalsi)
अमृतसर का रहने वाला कलसी अमृतपाल का फाइनेंसर था. पुलिस की जांच में पता चला है कि वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और अमृतपाल के बीच की कड़ी था. पाकिस्तान के कई देशों में स्थित दूतावासों में तैनात अफसरों से संपर्क में था.
विदेशों से फंडिग के लिए उसने स्टर्लिंग इंडिया एजेंसी नाम की एक कंपनी बनाई थी. पड़ताल में पता चला कि पिछले दो साल में विदेश से करीब 35 करोड़ रुपये उसने जुटाए थे. इस पूरी राशि का काफी मोटा हिस्सा उसने अमृतपाल और वारिस पंजाब दे पर खर्च किया था. फिलहाल कलसी को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है.
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गुरमीत सिंह बुक्कनवाला (Gurmeet Singh Bukkanwala)
पुलिस द्वारा अमृतपाल के करीबियों के पकड़े जाने वाली लिस्ट में एक नाम गुरमीत सिंह का भी शामिल है. जिसे पुलिस ने NSA के तहत गिरफ्तार कर डिब्रूगढ़ के सेंट्रल जेल में कैद करके रखा हुआ है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गुरमीत पर ये आरोप है की उसने अमृतपाल के लिए युवाओं को भड़काया यानि की लोकल नेटवर्क खड़ा कर अपने गिरोह को मजबूत किया. और साथ ही अमृतपाल को भागने में भी हर तरह का इंतजाम कर रखा था.
भगवंत सिंह (Bhagwant Singh)
अमृतपाल सिंह के पकड़े गए करीबियों में भगवंत सिंह उर्फ प्रधान मंत्री भी शामिल है. फिलहाल उसे असम की डिब्रूगढ़ जेल में कड़ी निगरानी में रखा गया है. पुलिस का मानना है कि भगवंत सिंह अमृत पाल का राईट हैण्ड है. अजनाला पुलिस स्टेशन पर हुए हमले में भी उसकी बड़ी भूमिका थी. कहा जा रहा है कि भगवंत अमृतपाल के लिए सोशल मीडिया मार्केटिंग और मीडिया कॉर्डिनेटर के तौर पर काम करता था.
जब पुलिस उसे पकड़ने के लिए पहुंची तो वह फेसबुक लाइव हो गया था. इस दौरान उसने लोगों को पुलिस के खिलाफ भड़काने की कोशिश की थी. उसने अपने वीडियो में कहा था कि पुलिस मेरे खेत में आ गई है…घेरा बना लिया है. इस वीडियो को ज्यादा से ज्यादा शेयर करो. वह खुद को सोशल मीडिया इन्फ्लुएंशर बताता है. उसके फेसबुक पर करीब 6.11 लाख फॉलोअर हैं. फिलहाल पुलिस ने उसके इंस्टाग्राम, यूट्यूब चैनल को ब्लॉक कर दिया है. पुलिस ने उसे एनएसए के तहत अरेस्ट किया है.
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पप्पलप्रीत सिंह (Papplpreet Singh)
खालिस्तान चरमपंथी अमृतपाल सिंह को पुलिस से बचकर भागने में पप्पलप्रीत सिंह का सबसे बड़ा हाथ है. इसे अमृतपाल को मेन हैंडलर कहा जा रहा है. अमृतपाल लगभग अपने सारे काम और मुद्दों पर इसी से सलाह लेकरर काम करता था.
वह पंजाब में खालिस्तान का माहौल बनाने के लिए आईएसआई के सीधे संपर्क में था और उससे निर्देश रहा था. वह पंजाब में आतंकवाद की साजिश कर रहा था. एक दावा ये भी किया जा रहा है कि पप्पलप्रीत के कहने पर ही अमृतपाल ने कट्टरपंथी सिख उपदेशक से एक साधारण व्यक्ति का रूप लिया और पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया.
तूफान सिंह (Toofan Singh)
पंजाब के गुरदासपुर का रहने वाला तूफान सिंह वास्तव में अमृतपाल सिंह का करीबी रिश्तेदार है. वह वारिस पंजाब दे का सक्रिय सदस्य भी है. उसपर आरोप है कि लवप्रीत तूफान ने उस व्यक्ति का अपहरण किया है, जिसने अमृतपाल सिंह के खिलाफ टिप्पणी की थी. अमृतपाल ने तूफान सिंह को रिहा कराने के लिए 24 फरवरी को अजनाला थाने पर धावा बोल दिया था.
हरजीत सिंह (Harjeet Singh)
हरजीत अमृतपाल का चाचा है. यह कट्टर खालिस्तान समर्थक नेता है. इसने भी अमृतपाल को भगाने में मदद की थी. अमृतपाल जिस कार से भागा था, वह कार हरजीत ही चला रहा था. हालांकि बाद में इसने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था.
हरजीत ने दुबई में ट्रांसपोर्ट बिजनेस शुरू किया था और बाद में वह कनाडा चला गया. वह पिछले महीने ही भारत लौटा था. अमृतपाल दुबई में अपने चाचा के साथ ही काम करता था. ऐसी आशंका है कि हरजीत को अमृतपाल को दुबई से पंजाब भेजने की साजिश की पूरी जानकारी थी और वह भी इस साजिश का हिस्सा है इसीलिए पहले अमृतपाल भारत आया बाद में वह भी लौट आया.