बिहार की सियासत में इन दिनों हड़कंप मचा हुआ है। नीतीश कुमार के मंत्री कथित तौर पर शराब मामले में संलिप्त पाए गए हैं। बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की ओर से ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं।
पिछले कई दिनों से इस मुद्दे पर जमकर सियासत हो रही है। इसी बीच आज शनिवार को तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने प्रेस कांफ्रेंस कर एक बार फिर से इस मुद्दे पर बिहार सरकार और आरोपी मंत्री राम सूरत राय (Ram Surat Rai) को निशाने पर लिया है।
उन्होंने कहा, रामसूरत राय (Ram Surat Rai) के भाई पर एफआईआर होता है लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है। जबकि शराबबंदी कानून में यह नियम बनाया गया है कि जहां शराब बरामद होगा, वहां थाने खोला जाएगा लेकिन नवंबर में हुए इस घटना में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
‘झूठ बोल रहे हैं राम सूरत राय’
तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने राम सूरत राय के उस बयान को लेकर हमला बोला, जिसमें उन्होंने कहा था कि स्कूल की जमीन उनके भाई के नाम पर है। उन्होंने नीतीश के मंत्री के इस बयान को गलत बताते हुए स्कूल का बिल पेश किया जो राम सूरत राय के नाम पर है। साथ ही उन्होंने स्कूल का नाम रामसूरत के पिता के नाम पर बताया और कहा कि राम सूरत राय झूठ बोल रहे हैं। मंत्री ने जो चैलेंज दिया है, वह हम स्वीकार करते हैं।
‘जिसने जानकारी दी उसे ही कर लिया गिरफ्तार’
आरजेडी नेता ने स्कूल के हेडमास्टर की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए, जिसने फोन कर पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी थी। तेजस्वी यादव ने कहा, ‘अगर कोई स्कूल खोलेगा, तो क्या जमीन के मालिक के नाम पर खोलेगा। इस मामले में अमरेंद्र प्रताप को गिरफ्तार किया है, वह इस स्कूल का हेडमास्टर है। अमरेंद्र प्रताप ने पुलिस को फोन कर पूरे मामले की जानकारी दी, पर सरकार के दवाब में आकर पुलिस ने फोन करने वाले अमरेंद्र प्रताप को ही गिरफ्तार कर लिया।‘ उन्होंने कहा, पूरे मामले की जानकारी मुझे अमरेंद्र के परिजन ने लिख कर दी है। साथ ही अमरेंद्र के भाई भी हमसे आकर मिले, उन्होंने ही पूरी जानकारी दी।
लीज का पेपर दिखाएं नीतीश कुमार के मंत्री
मीडिया को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, इस स्कूल की शुरुआत 2017 में की गई थी। उन्होंने कहा इस पूरे मामले की जांच की मांग की और साथ ही यह भी कहा कि अगर स्कूल के हेडमास्टर ने फोन किया था तो उसकी कॉल रिकार्डिंग होगी। जिससे सारी सच्चाई सामने आ जाएगी।
नेता प्रतिपक्ष ने राम सूरत राय को निशाने पर लेते हुए कहा मंत्री जी ने अनुरोध है कि मंत्री जी ने कहा है कि इस जमीन को लीज पर अमरेंद्र प्रताप को दिया गया। तो मंत्री लीज का पेपर दिखाए।
उन्होंने कहा कि अमरेंद्र कुमार के परिजनों ने मामले में सीएम नीतीश कुमार सहित बिहार के डीजीपी को इस संबंध में लेटर लिखा गया था लेकिन मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस दौरान उन्होंने अमरेंद्र प्रताप के भाई को मीडिया के सामने प्रस्तुत किया, जिन्होंने स्कूल के संचालन को लेकर मंत्री राम सूरत राय की सारी पोल खोल दी गई।
जानें क्या है मामला?
बता दें, नवंबर 2020 में कथित तौर पर राम सूरत राय के स्वामित्व वाले स्कूल से शराब की बोतले और कार्टन बरामद किए गए थे। जिसके बाद उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को झूठा करार दिया था। नीतीश के मंत्री ने स्पष्ट रुप से कहा था कि वह न तो कोई स्कूल चलाते हैं और न ही उनके स्वामित्व वाले जमीन के टुकड़े या जमीन से कोई शराब जब्त की गई है।
राम सूरत राय ने कहा था कि ‘जहां से शराब जब्त की गई है, वह जगह मेरे भाई के नाम पर पंजीकृत है। उन्होंने कोचिंग संस्थान चलाने के लिए एक व्यक्ति को जमीन दी है। मेरा एकमात्र दोष यह है कि भूमि मेरे भाई की है जो पिछले 10 वर्षों से अलग रह रहे हैं।‘
हालांकि, अब मामला और पेंचीदा होता हुआ दिख रहा है। तेजस्वी यादव ने राम सूरत राय से इस्तीफे की मांग करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी इस्तीफे की मांग की है। साथ ही उन्होंने हेडमास्टर के परिवार को सुरक्षा मुहैया कराए जाने की मांग की है।
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