बिहार में इन दिनों बजट सत्र चल रहा है। सदन में नीतीश कुमार के नेतृत्व में चल रही एनडीए सरकार पर कई तरह के आरोप लग रहे हैं। बिहार सरकार ने शराबबंदी को लेकर कुछ सालों पहले कानून बनाया था। प्रदेश में शराब की बिक्री पर रोक लगा दी गई थी और साथ ही शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की बात भी कही थी।
नीतीश सरकार की लगातार कार्रवाई के बावजूद कथित तौर पर अभी भी बिहार के कई इलाकों में धड़ल्ले से शराब बेची जा रही है। खबरों के मुताबिक पिछले दिनों बिहार सरकार के मंत्री राम सूरत कुमार (Ram Surat Kumar) के यहां से शराब की बोतले और कार्टन बरामद किए गए थे। अब बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने इस मुद्दे पर नीतीश सरकार को निशाने पर लेते हुए जोरदार हमला बोल दिया है।
तेजस्वी यादव ने लगाए आरोप
बीते दिन बुधवार को तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने सदन में इस मामले पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने आरोप लगाया कि मुजफ्फरपुर जिले के रहने वाले मंत्री राम सूरत कुमार के परिसर से कई बोतलें और शराब बरामद की गई हैं लेकिन इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर सत्तासीन लोग इस पर जवाब देने से भाग रहे हैं।
उन्होंने कहा कि दोनों सदन के सदस्यों और राज्य के लोगों को यह जानने का अधिकार है कि वास्तविकता क्या है। तेजस्वी ने कहा कि शराबबंदी कानून की असफलता को देखते हुए विपक्षी सदस्यों द्वारा सदन में उठाए जा रहे सवालों का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जवाब दें।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा, ‘मैं उन (राम सूरत कुमार) पर किसी तरह के आरोप नहीं लगा रहा हूं, मैं वही कह रहा हूं जो अखबारों में छपा है। राज्य के लोगों को यह जानने का अधिकार है कि वास्तविकता क्या है और सरकार इस संबंध में क्या कार्रवाई करने की योजना बना रही है।‘
राम सूरत कुमार ने दी थी प्रतिक्रिया
बता दें, पिछले साल 8 नवंबर 2020 को मुजफ्फरपुर जिले के अर्जुन मेमोरियल स्कूल से भारी मात्रा में शराब के डिब्बों को जब्त किया गया था। जिसे बिहार के राजस्व और भूमि सुधार मंत्री राम सूरत कुमार की संपत्ति बताई जा रही है। हालांकि तमाम आरोपों के बाद राम सूरत कुमार ने इस मामले पर प्रतिक्रिया दी थी।
उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को झूठा करार दिया था। नीतीश के मंत्री ने स्पष्ट रुप से कहा था कि वह न तो कोई स्कूल चलाते हैं और न ही उनके स्वामित्व वाले जमीन के टुकड़े या जमीन से कोई शराब जब्त की गई है।
राम सूरत कुमार ने कहा था कि ‘मैं न केवल राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दूंगा बल्कि दोषी पाए जाने पर राजनीतिक जीवन भी छोड़ दूंगा। जहां से शराब जब्त की गई है, वह जगह मेरे भाई के नाम पर पंजीकृत है। उन्होंने कोचिंग संस्थान चलाने के लिए एक व्यक्ति को जमीन दी हैय़ मेरा एकमात्र दोष यह है कि भूमि मेरे भाई की है जो पिछले 10 वर्षों से अलग रह रहे हैं।‘