अगर आप लगातार रोज खबरें पढ़ते होंगे तो आपको ये बात जरूर पता होगी कि पिछले कुछ महीनों से प्रधानमंत्री हर दूसरे दिन किसी न किसी राज्य में एक नयी वन्दे भारत ट्रेन का उद्घाटन का कर रहे हैं. और हमें ऐसा लग रहा होगा कि इतना तेज़ उद्घाटन होने के बावजूद भी अभी सभी राज्यों में वन्दे भारत ट्रेन नहीं चल पायी है. जबकि सरकार ने अगले साल के अगस्त तक 75 वन्दे भारत ट्रेनों को चलाने का लक्ष्य रखा हुआ है. ऐसे में आखिर इतनी कम ट्रेनों का लांच होना किस बात की ओर इंगित कर रहा है दरसल ये आंकड़े और जोड़ बताते हैं कि जिस रेल कोच फैक्ट्री को इन ट्रेनों का जिम्मा सौंपा गया है वो ही इस काम को नहीं कर पा रही है और रोज नए बहाने दे रही है कि आज इस कंपनी से इसकी आपूर्ति नहीं हो पा रही है कल इससे ये नहीं हो प रही है.
A significant day for Assam with the launch of the first Vande Bharat Express, complemented by two more major achievements in rail connectivity. pic.twitter.com/wenqSjq9wD
— Narendra Modi (@narendramodi) May 29, 2023
मतलब अपने आरोपों और कमियों का ठीकरा किसी दूसरे कंपनी के ऊपर डाल रही है. ऐसे में आज हम इस लेख के जरिए आपको ये बताने की कोशिश करेंगे कि आखिर कौन वो कंपनी है जिसकी वजह से काम में इतनी देरी हो रही है और राज्यों को उनका हक़ नहीं मिल पा रहा.
क्या रेल कोच फैक्ट्री है जिम्मेदार?
सरकार ने अगले साल अगस्त तक देश में 75 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन (Vande Bharat Express Train) चलाने का लक्ष्य रखा है लेकिन अब तक केवल 18 ट्रेनों को ही चलाया जा सका है. इसकी एक बड़ी वजह यह है कि कपूरथला स्थित रेलवे की प्रमुख उत्पादन इकाई रेल कोच फैक्टरी (RCF) 2022-23 में एक भी वंदे भारत ट्रेन की आपूर्ति नहीं कर सकी जबकि उसे 32 ट्रेन डिलीवर करने का लक्ष्य मिला था. दस्तावेजों के मुताबिक आरसीएफ ने इसके लिए अपने आपूर्तिकर्ताओं जिम्मेदार ठहराया है.
Assam's first Vande Bharat, all set! pic.twitter.com/BNsMEs4EOA
— Harsh Sanghavi (@sanghaviharsh) May 29, 2023
उसका कहना है कि उन्होंने ट्रेन सेट के लिए बिजली के कलपुर्जे उपलब्ध नहीं कराए. सूत्रों ने संकेत दिया कि आरसीएफ की नाकामी से अगस्त, 2024 तक 75 वंदे भारत ट्रेन चलाने की रेलवे की महत्वाकांक्षी योजना प्रभावित हो सकती है.
वन्दे भारत के चलते, वार्षिक लक्ष्य भी अधूरे
कोच फैक्टरी न केवल वंदे भारत ट्रेनों के उत्पादन में लक्ष्य से पीछे रह गई, बल्कि सभी प्रकार के कोच के कुल उत्पादन में भी लक्ष्य पूरा नहीं कर सकी. दस्तावेजों के अनुसार कारखाने ने वित्त वर्ष 2022-23 के अंत तक 1,885 के लक्ष्य के मुकाबले 1,478 कोच का निर्माण किया. फैक्टरी मार्च, 2023 तक सिर्फ 153 थ्रीएचपी मेमू ट्रेनों का निर्माण कर सकी, जबकि लक्ष्य 256 का था. इसी तरह वह एलएचबी कोचों के लिए अपने लक्ष्य से भी पीछे रही. अब तक चल रही सभी वंदे भारत ट्रेनों को चेन्नई स्थित इंटिग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में बनाया गया है.
ALSO READ: जंतर मंतर से हटाए गए रेसलर्स अब आगे क्या करेंगे?
कई राज्यों को नहीं मिली वन्दे भारत
अधिकारियों ने कहा कि कारखाने में वंदे भारत ट्रेन का उत्पादन सितंबर, 2024 तक शुरू होने की संभावना है. इस साल रेलवे बोर्ड ने आरसीएफ कपूरथला को 64 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन बनाने का लक्ष्य दिया है.
I am spellbound after I have learnt about the cutting edge technology being deployed in Vande Bharat trains.
My compliments to Shri @AshwiniVaishnaw ji’s teaching skills, explaining technological marvels with such great ease! pic.twitter.com/i6qgqxL1r5
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) May 29, 2023
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आरसीएफ ने वंदे भारत ट्रेनों के लिए फ्रांसीसी बहुराष्ट्रीय रोलिंग स्टॉक विनिर्माता अल्सटॉम के डिजाइन को अभी तक मंजूरी देने की प्रक्रिया पूरी नहीं की है. देश के कई राज्यों में अब तक वंदे भारत ट्रेन शुरू नहीं की जा सकी है. इनमें बिहार, झारखंड, गोवा और पंजाब शामिल है.
ALSO READ: नए संसद के उद्घाटन के बाद पुराने का क्या होगा? यहां समझिए.