जंतर मंतर से हटाए गए रेसलर्स अब आगे क्या करेंगे?

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दिल्ल्ली में कल के दिन दो घटनाएं हुई लेकिन जोर सिर्फ एक पर दिया गया तवज्जो सिर्फ एक पर किया गया. पहला था प्रधानमंत्री मोदी द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन जिसे खूब तवज्जो मिली तो दूसरा था जन्तर मंतर से नए संसद की ओर बढ़ रहे पहलवानों के साथ बर्बरता. लेकिन लाइम लाइट सिर्फ नए संसद के उद्घाटन को मिली. कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जंतर मंतर से संसद तक मार्च निकाल रहे पहलवानों और दिल्ली पुलिस के बीच जमकर धक्का मुक्की हुई. इसके बाद पुलिस ने विनेश-साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया समेत तमाम पहलवानों और उनके समर्थकों को हिरासत में ले लिया और जंतर मंतर को खाली करा दिया. इतना ही नहीं पुलिस ने जंतर मंतर पर धारा 144 लागू कर दी है और कहा है कि अब पहलवानों को दोबारा वहां लौटने नहीं दिया जाएगा. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर पहलवानों की आगे की रणनीति क्या होगी?

दरअसल, पीएम मोदी ने रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन किया था. उधर, प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने नए संसद भवन के सामने महिला महापंचायत करने का ऐलान किया था. दिल्ली पुलिस ने इसकी इजाजत देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद जंतर मंतर पर ही भारी सुरक्षाबल तैनात कर बैरिकेडिंग लगाई गई थी. रविवार को पहलवानों ने नए संसद भवन से तीन किलोमीटर दूर जंतर-मंतर से मार्च शुरू किया, तो पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की. इस दौरान पहलवानों ने सुरक्षा घेरे को तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की. इसके बाद प्रदर्शनकारियों और पुलिस कर्मियों के बीच धक्का मुक्की और हाथापाई हुई.

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पुलिस ने खली करवाया जंतर मंतर, पहलवानों पर दर्ज किया केस

बवाल के बाद दिल्ली पुलिस ने जंतर मंतर को खाली करा दिया, जहां एक महीने से प्रदर्शन जारी था. पुलिस का कहना है कि अब पहलवानों को दोबारा वहां लौटने नहीं दिया जाएगा. वहीँ पुलिस विभाग ने खबर दी है कि 700 लोगों को हिरासत में लिया गया था. तीनों पहलवानों समेत 109 को जंतर मंतर से हिरासत में लिया गया. हालांकि, शाम को ही विनेश फोगट, साक्षी मलिक समेत सभी महिला प्रदर्शनकारियों को रिहा कर दिया गया.

इसके बाद पुलिस ने विनेश-साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया और अन्य के खिलाफ पुलिसकर्मियों के साथ हाथापाई, दंगा करने और ड्यूटी पर तैनात पब्लिक सर्वेंट के काम में बाधा डालने का मामला दर्ज किया है.

क्या होगा पहल्वाओं का अगला कदम?

घर जाने का कोई मतलब नहीं – पुनिया

बजरंग पूनिया ने कहा, जब तक न्याय नहीं मिल जाता तब तक घर जाने का कोई मतलब ही नही है, मैं बाकी पहलवानों से मिलूंगा और हम सब मिलकर तय करेंगे कि आगे क्या करना है. उन्होंने कहा, यह इस देश का दुर्भाग्य है कि एक एक यौन उत्पीड़न का आरोपी नए संसद भवन के उद्घाटन में शामिल हुआ. दिल्ली पुलिस ने हमपर 7 घंटे में FIR दर्ज कर दी लेकिन इन्हें बृजभूषण के खिलाफ FIR दर्ज करने में 7 दिन लग गए.

आंदोलन खत्म नहीं हुआ- साक्षी मलिक

ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने ट्वीट कर जंतर-मंतर पर अपना धरना जारी रखने की कसम खाई. उन्होंने ट्वीट किया, “हमारा आंदोलन खत्म नहीं हुआ है… हम अपना सत्याग्रह जंतर-मंतर से शुरू करेंगे. इस देश में तानाशाही नहीं होगी, बल्कि महिला पहलवानों का सत्याग्रह होगा.”

विनेश फोगाट ने साधा दिल्ली पुलिस पर निशाना

विनेश फोगाट ने ट्वीट कर कहा, दिल्ली पुलिस को यौन शोषण करने वाले बृज भूषण के खिलाफ FIR दर्ज करने में 7 दिन लगते हैं और शांतिपूर्ण आंदोलन करने पर हमारे खिलाफ FIR दर्ज करने में 7 घंटे भी नहीं लगाए. क्या इस देश में तानाशाही शुरू हो गई है ? सारी दुनिया देख रही है सरकार अपने खिलाड़ियों के साथ कैसा बर्ताव कर रही है. एक नया इतिहास लिखा जा रहा है.

23 अप्रैल से धरना दे रहे पहलवान

विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया समेत तमाम पहलवान जंतर मंतर पर 23 अप्रैल से धरना दे रहे हैं. इससे पहले 18 जनवरी को पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया था. तब पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह और कोच पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न, अभद्रता, क्षेत्रवाद जैसे गंभीर आरोप लगाए थे.

हालांकि, खेल मंत्रालय के दखल के बाद पहलवानों ने अपना धरना खत्म कर दिया था. तब खेल मंत्रालय ने पहलवानों द्वारा लगाए जा रहे आरोपों की जांच के लिए कमेटी का गठन किया था. अब तीन महीने बाद पहलवान फिर धरना दे रहे हैं. पहलवानों ने अब कमेटी पर ही सवाल खड़े किए हैं. साथ ही बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की भी मांग की है.

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