जहाँ हर चुनाव में महिला सुरक्षा अहम मुद्दा रहा है और इस मुद्दे के तहत पार्टी चुनाव भी जीतती हैं. लेकिन राजस्थान कि सत्ता पर काबिज एक मंत्री इसी महिला अत्याचार के मुद्दे अपने सरकर को घेरा तो उसके खिलाफ करवाई हो गयी और उसे मंत्री पद से हटा दिया गया. जानकारी के अनुसार, शुक्रवार रात को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को बर्खास्त कर दिया. वहीं इस मामले को लेकर जानकारी मिली है किगुढ़ा ने शुक्रवार को विधानसभा में महिला अत्याचार के मुद्दे पर अपनी ही सरकार को घेरा था और इसके कुछ ही घंटो बाद उनके खिलाफ़ कार्रवाई हुई और उन्हें मंत्री पद से हटा दिया गया.
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मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने विधानसभा में दिया था बयान
रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश के मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने राजस्थान विधानसभा में राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी विधेयक 2023 पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के विधायकों ने मणिपुर में हिंसा के मुद्दे पर तख्तियां लहराईं. गुढ़ा ने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘राजस्थान में ये सच्चाई है कि हम महिलाओं की सुरक्षा में असफल हो गए, और राजस्थान में जिस तरह से अत्याचार बढ़े हैं महिलाओं के ऊपर, मणिपुर के बजाय हमें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए.’
वहीं इस बात को लेकर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में राजस्थान पहले नंबर पर है. राठौड़ ने बाद में ट्वीट में कहा, ‘राजस्थान में बहन-बेटियों के ऊपर हो रहे अत्याचारों व दुष्कर्म की असलियत स्वयं सरकार के मंत्री राजेंद्र गुढ़ा बता रहे हैं. संविधान के अनुच्छेद 164(2) के अनुसार मंत्रिमंडल सामूहिक उत्तरदायित्व के आधार पर काम करता है और मंत्री का बयान पूरे मंत्रिमंडल यानी सरकार का माना जाता है.’
गुढ़ा ने कहा सच बोलने की मिली सजा
इसी केस साथ जब गुढ़ा को पद से बर्खास्त किया गया तब उन्होंने इस मामले पर बयान देते हुए कहा कि उन्हें सच बोलने की सजा मिली है. उन्होंने कहा, ‘महिलाओं के खिलाफ अपराध में राजस्थान नंबर एक स्थान पर है. मैंने क्या गलत कहा? मुझे सच बोलने की सज़ा मिली.’ भाजपा के राज्यसभा सदस्य किरोड़ी मीणा ने कहा कि गुढ़ा ने विधानसभा में सच बोला है. उन्होंने कहा, ‘राजस्थान में कानून व्यवस्था खराब हो गई है और महिलाओं के खिलाफ अपराध कई गुना बढ़ गए हैं. मंत्री ने वही कहा जो सच है.’ गुढ़ा के पास सैनिक कल्याण (स्वतंत्र प्रभार), होम गार्ड एवं नागरिक सुरक्षा (स्वतंत्र प्रभार), पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग था.
आपको बता दें, गुढ़ा उन छह विधायकों में से एक हैं जिन्होंने 2018 का विधानसभा चुनाव बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर जीता था, लेकिन बाद में वे कांग्रेस में शामिल हो गए थे. गुढ़ा को अशोक गहलोत मंत्रिमंडल में शामिल किया गया. गुढ़ा उसके बाद खुलकर सचिन पायलट का समर्थन करते नजर आए और अपने कई बयानों से विवादों में रहे.
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