सूरत कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को प्रधानमंत्री Narendra मोदी के सुर्नामे को लेकर केस की सुनवाई में उन्हें दोषी ठहराते हुए 2 साल की सजा सुनाई है. जिसके चलते आज राहुल सूरत कोर्ट जाकर कोर्ट के इस फैसले को चुनौती दे सकते हैं. सजा सुनाये जाने के बाद उन्हें लोकसभा सचिवालय ने बतौर सांसद डिसक्वालिफाइड कर दिया था. राहुल गांधी कोर्ट के इस फैसले को चुनौती देने गुजरात जा सकते हैं. वह कोर्ट में याचिका दाखिल कर मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश को रद्द करने को कहेंगे.
सूरत कोर्ट ने सुनाई थी दो साल के सजा
दरसल साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी के ऊपर मोदी सरनेम को लेकर फैसला सुनाया था. बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया था. मजिस्ट्रेट कोर्ट ने राहुल गांधी के इस बयान पर उन्हें दो साल की सजा सुनाई.
राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 499 और 500 के तहत दोषी ठहराया गया. हालांकि सजा सुनाए जाने के बाद कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी और 30 दिनों के लिए सजा को निलंबित भी कर दिया.
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क्या कहा था राहुल गांधी ने ?
मामला ये था कि 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक में चुनावी रैली में राहुल गांधी ने कहा था, “नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, विजय माल्या, अनिल अंबानी और नरेंद्र मोदी….चोरों का ग्रुप है. आपकी जेब से पैसे लेते हैं. किसानों, छोटे दुकानदारों से पैसा छीनते हैं और उन्हीं 15 लोगों को पैसा देते हैं. आपको लाइन में खड़ा करते हैं. बैंक में पैसा डलवाते हैं और ये पैसा नीरव मोदी लेकर चला जाता है. इन सब चोरों के नाम मोदी-मोदी-मोदी कैसे हैं? नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी और अभी ढूंढेंगे तो और मोदी निकलेंगे”.
पटना कोर्ट से भी मिला समन
मोदी सरनेम को लेकर आपत्तिजनक कमेंट के मामले में राहुल गांधी को अब बिहार से भी समन मिला है. पटना की एक अदालत ने राहुल गांधी को 12 अप्रैल को सूरत मामले के जैसी ही मानहानि के एक दूसरे मुकदमे में पेश होने के लिए समन भेजा है. सांसद, विधायक और एमएलसी अदालत (MP/MLA Court) के स्पेशल जज ने बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी की दायर याचिका पर गांधी को बयान दर्ज कराने के लिए तलब किया है.