भारतीय फौज के Mountain Warriors जो बर्फ में कर सकते हैं युद्ध
हाल ही में भारत के सैनिकों और चीन के घुसपैठी सैनिकों क बीच मुठभेड़ हुई और इस दौरान भारत के सैनिकों ने चीन के इस घुसपैठ की साजिश को नाकाम करा दिया. हैं जिन फौजियों ने चीन की इस हरकत को नाकाम किया वो फौजीJ & K राइफल्स, सिख और जाट रेजिमेंट के थे. ये लोग यहां पर सीमा की सुरक्षा करते हैं ताकि चीन को यहाँ से घुसपैठ करने के रोका जा सकें. लेकिन भारतीय सेना के पास एक ऐसी टीम है जो जो पहाड़ों पर युद्ध के लिए ही प्रशिक्षित हुई है. ये चीनियों को चींटी की तरह मसल सकते हैं. उनसे लोहा ले सकते हैं. ये भारतीय फौज के Mountain Warriors हैं.
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भारतीय सेना के माउंटेन स्ट्राइक कोर
भारतीय सेना के माउंटेन स्ट्राइक कोर (Mountain Strike Corps) ये वो जवान हैं जिन्हें 17वीं कोर (XVII Corps) भी बुलाया जाता है. लेकिन प्यार से फौजी इसे ब्रह्मास्त्र कोर (Brahmastra Corps) बुलाते हैं. यह साल 2013 से लगातार सक्रिय है और इनकी ट्रेनिंग बेहद कठिन होती है. वहीं माउंटेन स्ट्राइक कोर के जवानों को क्लोज-क्वार्टर कॉम्बैट, कोल्ड वेदर वॉरफेयर, कंबाइंड आर्म्स, घुसपैठ रोधी अभियान, आतंकवाद रोधी अभियान, फॉर्वर्ड ऑब्जरवर, जंगल वॉरफेयर, माउंटेन वॉरफेयर, हमला, रेड, जासूसी और शहरी वॉरफेयर में प्रशिक्षित होते हैं.
पश्चिम बंगाल में हैं मुख्यालय
माउंटेन स्ट्राइक कोर का मुख्यालय पश्चिम बंगाल के पन्नागढ़ में है. यह पूर्वी कमांड (Eastern Command) के अंदर आता है. माउंटेन स्ट्राइक कोर में फिलहाल दो डिविजन हैं. 23 इन्फैन्ट्री डिविजन. यह रांची में स्थित है. दूसरी 59 इन्फैन्ट्री डिविजन जो पन्नागढ़ में है. इसमें छह ब्रिगेड्स है. तीन इन्फैन्ट्री एक-एक इंजीनियरिंग, एयर डिफेंस और आर्टिलरी ब्रिगेड है . वहीं माउंटेन स्ट्राइक कोर का मैस्कट Snow Leopard है. जो ताकत, बहादुरी और चालाक शिकारी होते हैं.
जानिए कैसे होती है इनकी ट्रेनिंग
भारतीय सेना हर साल 100 अधिकारी और 400 नॉन-कमीशन्ड ऑफिसर्स और जूनियर कमीशन्ड ऑफिसर्स को हाई-एल्टीट्यूड वॉरफेयर स्कूल में ट्रेनिंग के लिए भेजती है.
क्या है माउंटेन कोर का मुख्य काम
माउंटेन कोर का मुख्य काम है अक्साई चिन अरुणाचल प्रदेश में चीनियों से सीमा की सुरक्षा. क्योंकि तिब्बत के साथ भारत की 4057 किलोमीटर लंबी सीमा है. इतनी लंबी सीमा पर सुरक्षा के लिए प्रशिक्षित जवानों की जरुरत है. वो माउंटेन कोर के जवान ही कर सकते हैं.
कोर में कितने जवान है शामिल
इस कोर में पहले करीब 1200 ऑफिसर्स और 35 हजार फौजी हैं. लेकिन चीनी जवानों की संख्या ज्यादा होने के कारण माउंटेन कोर में जवानों की संख्या बढ़ाई जाने लगी. जिसके बाद इन कोर में 90 हजार फौजी हैं. इस कोर को धीरे-धीरे बढ़ाया जा रहा है. इसकी ताकत, हथियार, संख्या, सुविधाएं लगातार बढ़ाई जा रही हैं.
हर युद्ध करने में हैं सक्षम
इस कोर के सभी जवान बेहद बर्फीली जगहों पर युद्ध कर सकते हैं ये अपने शरीर को माइनस तापमान के हिसाब से ढालते हैं. इनकी कमांडो जैसी ट्रेनिंग होती है. वहीं ये स्नो कैमोफ्लॉज पहनते हैं. ताकि बर्फ में दिखाई न पड़ें. वहीं इन सभी जवानों को सियाचिन ग्लेशियर के पास सीमा पर तैनात किया जाता है.
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