पंजाब के फिरोजपुर में पीएम मोदी की सुरक्षा में जो चूक का मामला सामने आया, उस पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। मामला बढ़ते बढ़ते सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा। सुरक्षा में चूक मामले में जांच करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने एक कमेटी का गठन कर दिया है। समिति का नेतृत्व करने का जिम्मा रिटायर्ड जज इंदू मल्होत्रा को सौंपा गया है। इसके अलावा जांच कमेटी में चंडीगढ़ DGP, NIA के IG, पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल, ADGP पंजाब शामिल हैं।
इसके अलावा कोर्ट ने केंद्र और पंजाब सरकार द्वारा मामले को लेकर अपनी अपनी जांच रोकने का भी आदेश दिया। कोर्ट की तरफ से पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को जस्टिस इंदु मल्होत्रा को पीएम की सुरक्षा से जुड़े दस्तावेज तुरंत उपलब्ध कराने का आदेश दिया।
गौरतलब है कि पंजाब में विधानसभा के चुनाव होने हैं। इन चुनावों से पहले पंजाब की जनता को कुछ सौगात देने पीएम फिरोजपुर जा रहे थे। मौसम खराब होने की वजह से पीएम ने सड़क रास्ते से जाने लगे, जिस दौरान ही कुछ प्रदर्शनकारियों ने उनका काफिला रोक दिया। इस दौरान करीब 15-20 मिनट तक उनका काफिला रुका रहा। इसे पीएम मोदी की सुरक्षा में बड़ी चूक माना गया।
इंदु मल्होत्रा बेंगलुरु से ताल्लुक रखती हैं। पिछले साल मार्च में ही वो रिटायर हुई हैं। वो पहली ऐसी महिला अधिवक्ता थीं जो वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश बनीं। उनके पिता ओमप्रकाश मल्होत्रा भी सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील थे।
जस्टिस इंदु मल्होत्रा कई महत्वपूर्ण फैसलों का हिस्सा रह चुकी हैं। केरल के सबरीमाला मंदिर का जो मामला सामने आया, उसमें भी इंदु मल्होत्रा जज थीं। इस मामले में उनकी राय सबसे अलग रही। इस मामले में चारों पुरुष न्यायाधीशों ने महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश देने की बात कही। वहीं, इंदु मल्होत्रा ने इसके खिलाफ राय दी थी। इसके अलावा समलैंगिक यौन संबंध मामले में फैसला सुनाने वाली पीठ का भी इंदु मल्होत्रा हिस्सा रहीं।