बर्फबारी में मौत की उड़ान
केदारनाथ (Kedarnath) में एक तरफ जहां बर्फबारी हो रही थी वहीं दूसरी तरफ एक हेलिकॉप्टर मौत की उड़ान भर रही थी, अचानक से वो हेलिकॉप्टर एक पहाड़ से टकराने के कारण क्रैश होता है और सातों सवार लोगों की मौत हो जाती है। ये घटना मंगलवार, 18 अक्टूबर को उत्तराखंड के गरुड़चट्टी में हुई । जहां तीर्थयात्रियों को केदारनाथ से वापस ला रहा एक प्राइवेट हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया। इस हादसे में पायलट सहित छह यात्रियों की मौत हो गई है।
बताया जा रहा है कि हेलिकॉप्टर आर्यन एविएशेन के बेल कंपनी का था और इसमें 7 लोग सवार थे। कोहरे की वजह से पायलट की देखने की क्षमता कम हो गई और हेलीकॉप्टर पहाड़ी से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो जाती हैं।
केदारनाथ से नारायण कोटी-गुप्तकाशी जा रहा था हेलिकॉप्टर
हेलिकॉप्टर ने सुबह 11.25 में नारायण कोटी-गुप्तकाशी के लिए केदारनाथ बेस कैंप से उड़ान भरी थी। उड़ान भरने के 15 मिनट बाद ही गरुड़चट्टी के पास हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया। कुछ फोटोज और वीडियो भी सामने आए हैं। इसमें हेलिकॉप्टर का मलबा, आग और स्थानीय लोग दिखाई पड़ रहे हैं। हेलिकॉप्टर का मलबा जहां-तहां बिखरा हुआ मिला। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताया है।
प्राथमिक खोज-बिन में मृतकों के नाम पता चले हैं, जिनमे पूर्वा रामानुज, कृति ब्राड, उर्वी, सुजाता, प्रेम कुमार, काला, और पायलट अनिल सिंह शामिल हैं। इनमें से सिर्फ पूर्वा, कृति, उर्वी गुजरात के हैं, बाकी मृतकों की जानकारी अभी नहीं मिली है।
पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर जताया दुख
स्थानीय मीडिया के अनुसार इस हादसे की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दे दिए गए हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर दुख जताया तथा घटना की जांच के आदेश भी दिए हैं। दूसरी तरफ प्रदेश के पुलिस DGP अशोक कुमार ने बताया कि यह दुर्घटना करीब पौने बारह बजे हुई। जिसमे मरने वालों में पायलट भी शामिल है। उन्होंने बताया कि दुर्घटना में मारे गए श्रद्धालु केदारनाथ मंदिर के दर्शन कर वापस आ रहे थे, तभी केदारनाथ से दो किलोमीटर आगे रास्ते में उनके हेलीकॉप्टर में आग लग गई। कुमार आगे बताते है कि हादसे के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है लेकिन दुर्घटना संभवत घने कोहरे के कारण कम दृश्यता के कारण किसी चीज से टकराने से हुई। दुर्घटना की सूचना मिलते ही राज्य आपदा प्रतिवादन बल के साथ ही स्थानीय पुलिस और जिला प्रशासन के दल भी बचाव कार्य के लिए घटनास्थलपर पर पहुंच गए।