गोरखनाथ मंदिर हमले के आरोपी मुर्तजा को मिली फांसी की सजा
पिछले साल अप्रैल में गोरखनाथ मंदिर पर एक सनकी इंसान ने हमला कर दिया था जिसकी अंतिम सुनवाई में NIA कोर्ट ने सोमावर को उसे आतंकी करार देते हुए फांसी की सजा सुना दी है. जिस शख्स को करार देते हुए सजा सुनाई है वो आरोपी मुर्तजा है और उसके खिलाफ UAPA (Unlawfull Activties (Prevention) Act)) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. सोमवार 30 जनवरी को आरोपी मुर्तजा को कड़ी सुरक्षा में NIA/ATS की अदालत में लाया गया जिसके बाद उसे फांसी की सजा सुने गयी है.
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क्या था हमले के दिन का पूरा मामला
3 अप्रैल 2022 को आरोपी मुर्तजा ने गोरखनाथ मंदिर पर मुस्तैद PAC जवान अनिल कुमार पर धारदार हथियार से हमला कर दिया था. जिसके तुरंत बाद गोरखपुर थाने में मामले की रिपोर्ट दर्ज करायी गई थी. अनिल कुमार ने बताया की मुर्तजा ने धारदार बांके से मुझपर हमला किया था और मझे घायल कर दिया था. साथ साथ उसके हाथ से राइफल भी छीनने की कोशिश भी कर रहा था. जब अनिल को बचाने एक दूसरा जवान आया तो अहमद ने उसपर हमला बोल दिया था .
कौन है आरोपी मुर्तजा अब्बास ?
मंदिर में पीएसी के जवानों पर हमला करने वाला अहमद मुर्तजा अब्बास गोरखपुर के कैंट थाना क्षेत्र के सिविल लाइन्स का निवासी है. अहमद मुर्तजा के पिता का नाम मुनीज मुर्तजा है. उसने आईआईटी मुंबई से 2015 में कैमिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की पढ़ाई की थी। हमले के दौरान जब सुरक्षाकर्मियों ने मुर्तजा को गिरफ्तार किया था उस समये उसके पास लैपटाप, पैनकार्ड, और एयरलाइंस का टिकट बरामद हुआ था. गिरफ्तार के बाद पूरे प्रकरण में अहमद मुर्तजा से लगभग 2000 प्रश्न पूछे गये थे, लेकिन उसने सभी का लगभग एक ही जवाब दिया था कि वह मानसिक रूप से बीमार है.
पिता ने भी बताया था मानसिक रूप से बीमार
मुर्तजा के पिता से जब पुलिस कर्मियों पूछताछ की तो उनका भी यही जवाब की था की वह मानसिक रूप से बीमार है और स्टेबल नहीं है वो अकेला नहीं रह सकता. मुर्तजा की ये बीमारी बचपन से है जिसे हमें समझने में काफी देर हो चुकी थी. 2018 में अहमदाबाद में इलाज़ भी करवाया लेकिन फिर भी कोई फायदा नहीं हुआ इसके चलते मुर्तजा 2 महीने तक नौकरी पर भी नही गया था .
60 दिन की सुनवाई के बाद सुनाई गई सजा
NIA कोर्ट द्वारा सजा का ऐलान करने के बाद ADG लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि, इस सजा का ऐलान लगातार 60 दिन की रिकॉर्ड सुनवाई के बाद हुआ है जिसमे इसे धारा 121 IPC के तहत फांसी की सजा और 307 जो पुलिस पर हमला हुआ था उसमें उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. ADG ने कहा, सभी सबूतों को अदालत के सामने अच्छे से पेश किया गया, अदालत द्वारा सबूतों की पैरवी करने के बाद उसे सही ठहराते हुए सजा सुनाई. ये इस बात को दर्शाता है कि पुलिस द्वारा की गई जांच शत प्रतिशत सही थी और देश के खिलाफ जो साजिश थी उसको यूपी पुलिस ने बेनकाब किया है.