इस समय सभी पार्टी कर्नाटक चुनाव को जीतने की कोशिश में लगी हुई हैं. जहाँ पीएम मोदी समेत बीजेपी के कई नेता यहाँ पर ताबड़तोड़ रैली कर रहे हैं तो वहीं कांग्रेस के सभी दिग्गज नेता भी यहाँ पर कई सारी रैली आयोजित कर रही है. इसी चुनाव प्रचार के बीच कांग्रेस ने अपना घोषणापत्र भी जारी किया था और इस घोषणापत्र में बजरंग दल पर बैन लगाने की बात भी कही. जिसके बाद कांग्रेस पार्टी की काफी आलोचना हुई है. वहीं इस बीच जनता ने बजरंग दल को बैन करने को लेकर अपनी राय दी है.
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बजरंग दल को बैन करना है गलत
दरअसल, नेड्रिक न्यूज़ ने जनता बीच जाकर बजरंग दल को बैन करने को लेकर हिन्दू समेत मुस्लिम लोगों से सवाल किया और इस पर इन दोनों धर्मो के लोगों को बयान दिया है. एक शख्स ने बजरंग दल को लेकर कहा है कि बजरंग दल एक अच्छा संगठन है. सभी लोगों के और हिन्दू धर्म के लिए काम करता है और ये होना भी चाहिए. वहीं जब हमारे रिपोर्टर ने सवाल किया कि बजरंग दल पर आरोप लगता है कि वो हिंसा फैलता तो इस पर एक शख्स ने कहा कि ये आरोप गलत हैं. वहीं एक शख्स ने कहा कि अगर बजरंग दल संगठन टूटा तो हिन्दू का संगठन भी टूट जाएगा . इसी के साथ एक शख्स ने भी कहा कि ये संगठन हमारे लिए लड़ते हैं और जो भी दंगे और मुस्लिम लोग गायों को मारकर उनका बीफ खाते हैं उन्हें बचाते हैं. इसी के साथ एक शख्स ने ये भी कहा कि बजरंग दल को बैन करने की कोई वजह नहीं है ये संगठन सभी लोगों की रक्षा करता है सबके हित में काम करता है तो इस बैन नहीं किया जाना चाहिए.
PFI को बताया टेरर ग्रुप
इसी के साथ हाल ही में कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की आतंकी फंडिंग व अन्य गतिविधियों के चलते भारत में पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है. वहीं पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) करने को लेकर नेड्रिक न्यूज़ ने आम जनता से सवाल किया जिसको लेकर एक शख्स ने कहा कि ये PFI आतंकी संगठन है और इसे बैन करना सही है. PFI ने कई सारे आतंकी संगठन में भी शामिल है. वहीं ये शख्स ने कहा कि PFI मुस्लिम धर्म को प्रमोट कर रहा है वो गलत है. भारत हिन्दूओं का देश है और यहाँ पर मुस्लिम का क्या काम हैं, इसी के साथ कई लोगों ने PFI को बैन करना सही बताया और ये भी कहा कि वो टेरर ग्रुप है.
जानिए क्या है पीएफआई (PFI)
17 फरवरी 2007 को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई का गठन हुआ था. वहीं ये संगठन दक्षिण भारत के तीन मुस्लिम संगठनों का विलय करके बना था. इनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निट और तमिलनाडु का मनिथा नीति पसराई शामिल थे. वहीं देश में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट यानी सिमी पर बैन लगने के बाद पीएफआई का विस्तार तेजी से हुआ है. कर्नाटक, केरल जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों में इस संगठन की काफी पकड़ बताई जाती है. इसकी कई शाखाएं भी हैं. वहीं इस संगठन के बाद से ही पीएफआई पर समाज विरोधी और देश विरोधी गतिविधियां करने के आरोप लगते रहते हैं.
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