देश में पहले भी 2 बार हुआ था नोटबंदी का ऐलान
8 नवम्बर 2016 को रात देश के पीएम मोदी (PM modi) ने घोषणा करी कि आज 500 और 1000 रुपए के नोट लीगल टेंडर नहीं रहेंगे (banned) यानि कि ये नोट अब नही चलेंगे. वहीं ये पहली बार नहीं था जब देश में नोटबंदी का ऐलान हुआ था इससे पहले भी देश में दो बार नोटों पर प्रतिबंध (demonetisation) लगाया गया है.
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1946 में हुई थी पहली नोटबंदी
सबसे पहले 11 जनवरी 1946 में आजादी से पहले अंग्रेज सरकार ने 100 रुपए से उपर के नोटों पर प्रतिबंध लगाया गया था. वहीं ये प्रतिबंध जमा कालाधन वापस लाने के लिए किया गया था। 12 जनवरी, 1946 को भारत के वायसराय और गवर्नर जनरल, सर आर्चीबाल्ड वेवेल ने उच्च मूल्य वाले बैंक नोट बंद करने का अध्यादेश प्रस्तावित किया. वहीं इस फैसले के बाद नोटों की कालाबाजारी हो गयी थी. नोटबंदी के शुरुआत में 60-70 फीसदी तक ही पैसा लोगों को मिल रहा था। वहीं कालाधन को सफेद करने में 500 रुपए के बदले 300-350 रुपए दिए जाने लगे। जिसकी वजह से लोगों को बड़ी परेशनी का सामना करना पड़ा.
सरकार के इस फैसले के बाद पुराने नोटों को बदलने के लिए कालाबाजारी (black marketing) शुरु हो गई थी। लोगों के बीच इस तरह की अफवाह भी फैली की 100 रुपए के नोट भी बंद हो सकते हैं। जिसके चलते लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।
जनवरी 1978 में हुई दूसरी नोटबंदी
साल 1978 जनवरी में तत्कालीन जनता पार्टी की सरकार ने 1000, 5000 और 10000 रुपए नोट पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया था, इस फैसले के पीछे भी सरकार ने कालाधन (black money) और भ्रष्टाचार (Corruption) को अहम वजह बताया था।
इसी के साथ सरकार ने ये भी कहा कि 24 जनवरी तक इन नोटों को बदला जा सकता है. लेकिन उस वक्त जो बात काफी अहम था वह यह कि उस वक्त 1000 रुपए के नोट आम आदमी के पास मिलना लगभग नामुमकिन था। ऐसे में सरकार के इस फैसले के बाद आम जनता को ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा था।
2016 में पीएम मोदी ने करी थी नोटबंदी की घोषणा
नवंबर 2016 में तीसरी बार पीएम मोदी ने 500 और 1000 रुपए के बंद करने की घोषणा करी थी. वहीं इस घोषणा के बाद लोगों को 30 दिसंबर तक का समय दिया गया कि वह अपने पुराने नोट को बदल लें। वहीं मोदी सरकार द्वारा लिए गये इस फैसले के कारण बैंकों और एटीएम के बाहर लगी लंबी लाइनों की वजह से लोगों का काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा रहा है।
इसी के साथ इन पुराने नोटों की जगह नए नोट जारी किये गये और देश को 2000 का नया नोट भी देखने को मिला.